"जनता को कमजोर न समझो" (चर्चा मंच-546)
चर्चा मंच पर डाकिये अरूणेश सी दवे का सादर नमस्कार
मित्रों!
आज इस संक्रमण काल में यह तकाजा उचित ही होगा कि हम सभी धर्म पर आधारित या किसी के धर्म को विचार को दुखी करने वाले लेख न लिखें । ऐसे कई ब्लागर सक्रिय हैं जो येन-केन-प्रकारेण हमारे बीच विद्वेष पैदा करना चाहते हैं। ऐसे लोग कभी किसी को धर्म परिवर्तन की सलाह देते हैं और कभी दूसरों के धार्मिक ग्रंथों की कहानियों को तोड़ मरोड़ कर पेश करते हैं । इन सब लोगो को नजर-अंदाज करना ही हमारे देश के हित में है ऐसा मै सोचता हूँ ।
जय हिन्द!!
चर्चा का नया अंदाज अच्छा लगा |बधाई
जवाब देंहटाएंआज के चर्चा मंच पर मेरी रचना शामिल करने के लिया आभार |
आशा
बढिया चर्चा रही मित्र
जवाब देंहटाएंआभार
चर्चा मंच के माध्यम से प्रतिभाओं को प्रश्रय , उत्साहवर्धन एवं फलक पर लाने का प्रयोग निश्चित ही सराहनीय है / भाव पूर्ण पोस्ट ..
जवाब देंहटाएंशुक्रिया जी /
बातों-बातों में चर्चा का अन्दाज़ बहुत बढ़िया है!
जवाब देंहटाएंआभार!
बढ़िया प्रस्तुति के लिए धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा रहा! शानदार प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया चर्चा ....आभार
जवाब देंहटाएंएक बार इसे जरुर पढ़े कॉग्रेस के चार चतुरो की पांच नादानियां | http://www.bharatyogi.net/2011/06/blog-post_15.html
जवाब देंहटाएंsunder charcha , trika behtreen
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक्स से सजी बहुत रोचक चर्चा।
जवाब देंहटाएंbahut badiyaa charcha ke liye aapko bahut bahut badhaai.aabhaar.
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा की चर्चा रहेगी....
जवाब देंहटाएंचर्चा का अंदाज़ बहुत रोचक..सुन्दर लिंक्स..आभार
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति का रोचक अंदाज , धन्यवाद !
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