दोस्तों !
सोमवार की चर्चा में स्वागत है
आज चर्चा लगा रही हूँ और
मौसम की खुमारी छायी है
अरे मौसम जो खुशगवार हो गया है
आज बारिश ने भिगो दिया है तो सोचा
हम भी आज आपको भिगो दें
मानसून के आगमन का
स्वागत हम भी कर लें
कुछ भीगे भीगे लिंक्स मे
कुछ नये और कुछ पुराने
मगर है सब अपने
सोमवार की चर्चा में स्वागत है
आज चर्चा लगा रही हूँ और
मौसम की खुमारी छायी है
अरे मौसम जो खुशगवार हो गया है
आज बारिश ने भिगो दिया है तो सोचा
हम भी आज आपको भिगो दें
मानसून के आगमन का
स्वागत हम भी कर लें
कुछ भीगे भीगे लिंक्स मे
कुछ नये और कुछ पुराने
मगर है सब अपने
वो ही है सच्चा फकीर
कौन?
कैसा?
ये हुई न बात
खुद पढ़िए
इसमें क्या शक है
ओये होए क्या बात है इस अंदाज़ के
जरूर पढेंगे जी
जानिए कैसे
अरे वह ये हुई न बात
क्यों?
क्या हुआ था ?
जो खुद तो दहकते हैं
दिल भी दहकाते हैं
मुबारक हो
जान लो क्या है ये .......नया है
स्वागत है जी
सुन लो अब तो दर्द भरी पुकार
क्यूँ क्या हुआ क्यों नहीं
उफ़ ........दर्द ही दर्द
उफ़ ........ क्या कर गयी
कभी तो बरसेंगे
शायद कोई समझ सके
तो भिगोयेगी जरूर
आप ही बता दीजिये
जानना जरूरी है
जरूर पढेंगे
ये तो मौसम का तकाजा है
बताओ कैसे सीयूँ
सच कहा
मगर मठ वो ही रहा
अब आज्ञा दीजिये
अगले सोमवार फिर मिलेंगे
बताइये भीगे या नहीं
बेहतरीन चर्चा
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा ,आभार
जवाब देंहटाएंमनभावन चर्चा !
जवाब देंहटाएंजी हाँ मौसम सुहाना हो गया है!
जवाब देंहटाएंक्योंकि बहुत अच्छे लिंक मिल गये हैं आज पढ़ने के लिए!
हां मौसम बदल रहा है, सोच और संवेदनाये भी बदल रहीं हैं. दोनों भावों को बखूबी रेखांकित कर रहीं हैं चयनित रचनाये. बहुत बहुत आभार अच्छी पोस्ट चयनित करने और उपलब्ध करने के लिए.
जवाब देंहटाएंशुभप्रभात ..वंदना जी ...मौसम के अनुरूप -सुहावनी ..मनभावन चर्चा ...!!
जवाब देंहटाएंsundar charchaa, aabhar Vandana ji
जवाब देंहटाएंsarthak charcha .aabhar
जवाब देंहटाएंमनोहारी संकलन ,संपादन सार्थक प्रयास को शुभ कामना ,बधाई जी /
जवाब देंहटाएंबढ़िया और विस्तृत चर्चा ...आभार
जवाब देंहटाएंभीगे ही नहीं पूरा सराबोर हो गए हम तो....अच्छी चर्चा
जवाब देंहटाएंइसे कहते हैं बूंदा बांदी , मूसलाधार से कम में हम तो भीगते नहीं ।
जवाब देंहटाएंहाँ ख़ुमार सा ज़रूर आ गया , जाने क्यों ?
बहुत अच्छे लिंक मिल गये हैं आज पढ़ने के लिए!
जवाब देंहटाएंमौसम खुशगवार है,पड़ रही फ़ुहार है।
जवाब देंहटाएंचारों ओर हरियाली,बूंदो का त्यौहार है॥
सुंदर चर्चा के लिए आभार
जबरदस्त |
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स |
आभार ||
प्रेम-क्षुदित व्याकुल जगत, मांगे प्यार अपार |
जहाँ कहीं देना पड़े, कर देता है मार ||
आम सभी बौरा गए, खस-खस होते ख़ास |
दुनिया में रविकर मिटै, मिष्ठी-स्नेह-सुबास ||
सरपट बग्घी भागती, बड़े लक्ष्य की ओर |
घोडा चाबुक खाय के, लखे विचरते ढोर ||
चले हुए नौ-दिन हुए, चला अढ़ाई कोस |
लोकपाल का करी शुभ्र, तनिक होश में पोस || करी = हाथी
कुर्सी के खटमल करें, मोटी-चमड़ी छेद |
मर जाते अफ़सोस पर, पी के खून सफ़ेद |
सोखे सागर चोंच से, छोट टिटहरी नाय |
इक-अन्ने से बन रहे, रुपया हमें दिखाय ||
सौदागर भगते भये, डेरा घुसते ऊँट |
जो लेना वो ले चले, जी-भर के तू लूट ||
कछुआ - टाटा कर रहे , पूरे सारोकार |
खरगोशों की फौज में, भरे पड़े मक्कार ||
कोशिश अपने राम की, बचा रहे यह देश |
सदियों से लुटता रहा, माया गई विदेश ||
कोयल कागा के घरे, करती कहाँ बवाल |
चाल-बाज चल न सका, कोयल चल दी चाल ||
प्रगति पंख को नोचता, भ्रष्टाचारी बाज |
लेना-देना क्यूँ करे , सारा सभ्य समाज ||
रिश्तों की पूंजी बड़ी , हर-पल संयम *वर्त | *व्यवहार कर
पूर्ण-वृत्त पेटक रहे , असली सुख *संवर्त || *इकठ्ठा
बहुत अच्छी चर्चा. अच्छे लिंक्स मिले. मेरी कविता सम्मान देने के लिए आभार. ऐसे ही चर्चाएँ करती रहें.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर चर्चा जी
जवाब देंहटाएंbahut sundar
जवाब देंहटाएंchhotawriters.blogspot.com
बहुत ही खुबसूरत लिंक से सजी चर्चा...
जवाब देंहटाएंmeri पोस्ट शामिल करने के लिए शुक्रिया...
bahut hi achche link se parichay karayaa aapne.bahut badiyaa charcha manch.badhaai sweekaren.
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स ..
जवाब देंहटाएंदो दिन बाद नेट पर आयी हूं ..
अब जाती हूं एक एक कर सारे लिंक्स पर ..
आभार !!
thanks
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छे लिंक्स दिये है ...इस बेहतरीन चर्चा के लिये आभार ।
जवाब देंहटाएंवाह वंदना जी अपने तो सराबोर कर दिया....
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक्स से सजी बहुत रोचक चर्चा...मेरी रचना को शामिल करने के लिये आभार...
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा ,आभार.....
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा।
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग को सम्मिलित करने के लिए आभार।
अच्छी माला बने है भावों की विविधता लिए .बधाई .अच्छा चयन ,बोनस के रूप में रविकर जी ,वाह क्या बात है .
जवाब देंहटाएंbadhiyaa charcha ..abhaar !
जवाब देंहटाएंbahut hi sunder link hai
जवाब देंहटाएंmere haiku yahan lene ke liye aapka bahut bahut dhnyavad
rachana
चर्चा में अच्छे लिंक्स का समावेश मन को भा गया।
जवाब देंहटाएंचुनिन्दा लिंक्स तक पहुँचाने हेतु आभार सहित...
जवाब देंहटाएंBadee chatpati charcha kartee hain aap! Bahut achha laga!
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच के माध्यम से बहुत साड़ी सुन्दर और संवेदन शील रचनाओं तक पहुँच बनती है ,जिसके लिए आप को हार्दिक धन्यवाद .
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर और विस्तृत चर्चा।
जवाब देंहटाएंमेरे नए ब्लॉग की पहली ही पोस्ट को अपनी चर्चा में शामिल कर सम्मानित करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएं