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गुरुवार, जून 30, 2011

चर्चा मंच - 561

आज की चर्चा में आप सबका हार्दिक स्वागत है 

चलते हैं सीधे चर्चा की और 


सबसे पहले गद्य रचनाएं 

अब बात करते हैं पद्य रचनाओं की 

आज के लिए बस इतना ही , आपकी प्रतिक्रिया का इंतज़ार रहेगा .
                   धन्यवाद 
                                             दिलबाग विर्क 

                                           * * * * *

27 टिप्‍पणियां:

  1. दो लिंक नये मिले,
    आपका आभार रहेगा,
    इतने लिंक लगाने में की गयी मेहनत सफ़ल रही है।

    जवाब देंहटाएं
  2. Dilbag ji bahut sanshipt charcha -bahut saleeke se prastut ki hai aapne .mere blog ''vichron ka chabootra ''ko charcha me sthan dene hetu shukriya .

    जवाब देंहटाएं
  3. अच्छे लिंक्स ,अच्छी चर्चा ,आभार

    जवाब देंहटाएं
  4. शालिनी जी!
    चर्चा देखने में ही संक्षिप्त है! मगर पढ़ने के लिए 27-28 लिंक हैं!
    --
    भाई विर्क जी ने बहत अच्छे लिंकों की चर्चा की है!
    आभार!

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत-बहुत आभार विर्क जी ||

    जवाब देंहटाएं
  6. एक साथ एक ही जगह सब कुछ| सुंदर चर्चा| चर्चाकार को बहुत बहुत बधाई|

    जवाब देंहटाएं
  7. @ एक गीत कैसे बनता है -बता रहे हैं डॉ. नागेश पांडे .


    तो--
    तो फिर विलखो--
    करते रहो विलाप |
    बढाते रहो ताप|
    अपना भी और हमारा भी |
    आपको प्यारे हैं अपने आंसू --
    खुद को धोने का शौक --
    बोले इस उधेड़बुन में कैसे
    कर पाओगे रचनाएं धांसू ||--

    क्या-
    क्या चाहते हो ?
    ऐसे ही कोरा रह जाए यह कागज ||

    जवाब देंहटाएं
  8. dilbag ji aapka charcha ka andaz abhi tak ke prastutkartaon kee apeksha nirala hai aur sarthak charcha ke liye yah ek anokhi pahal hai.sabhi links ek din me dekhne behad kathin hain fir bhi jab inhe dekhne ki aavahayakta ho to apne pas yahan se note kar dhoondhna aasan hota hai.bahut bahut sundar charcha prastut kee hai aapne .badhai.
    shastri ji ,vah sankshipt charcha ka comment shikha ka hai mera nahi ,aap log vakai shikha shalini me bhramit ho jate hain.

    जवाब देंहटाएं
  9. अच्छी चर्चा ,आभार!

    ब्लॉगरों सावधान
    http://www.ashokbajaj.com/2011/06/blog-post_29.html#comments

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  10. दिलबाग जी, यहाँ स्थान पाकर दिल बाग बाग हो गया..अन्य बेहतर रचनाओं से भी परिचय हुआ..आभार!!

    जवाब देंहटाएं
  11. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  12. विर्क जी!

    सर्वप्रथम आपको धन्यवाद........"माटी की गन्ध से अम्बर महक उठा" को चर्चामंच में स्थान देने के लिये।

    इस बार चर्चा का कलेवर अच्छा लगा..............देखन में छोटे लगैं घाव करैं गम्भीर

    जवाब देंहटाएं
  13. दिलबाग विर्क जी ,
    स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार ...बहुत सुन्दर लिंक मिले..
    आभार आप का ..

    जवाब देंहटाएं
  14. अच्छे लिन्क दिये हैं ..... मेरे ब्लाग ’झरोखा’ को स्थान देने के लिये धन्यवाद !

    जवाब देंहटाएं
  15. अच्‍छी चर्चा के साथ बेहतरीन लिंक्‍स भी वाह ..बहुत खूब ।

    जवाब देंहटाएं
  16. शानदार चर्चा के लिये बधाई और मेरा लिंक शामिल करने के लिये धन्यवाद भी.

    जवाब देंहटाएं
  17. धन्‍यवाद विर्क जी. हमें मान बख्‍शने के लिए.

    जवाब देंहटाएं
  18. सुबह से ब्लोग ही नही खुल रहे थे अब मुश्किल से खुला है…………जब तक चल रहे है तब तक कर देते है सब जगह कमेंट भी वर्ना वो भी नही हो पा रहे थे।
    अच्छे लिंक्स ,अच्छी चर्चा …………हमेशा की तरह

    जवाब देंहटाएं
  19. अच्छी चर्चा.... मेरे गद्य के ब्लॉग को पहली बार चर्चा मंच में शामिल करने के लिए आभार.

    जवाब देंहटाएं

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