चढ जा बेटा सूली पे आज निगमानंद जी ने प्राण देकर दिखा दिया कि असली अनशनकारी कैसा होता है " इस सदी का बेबस चाँद"'पंचायती डायरी' का एक पृष्ठ-- 15 जून को बाबा नागार्जुन की 101 वीं जयन्ती थी! "फोटो फीचर-बाबा नागार्जुन" सदी के जनकवि और साहित्यकार बाबा नागार्जुन को मैं उनकी 101वीं जयन्ती पर कोटि-कोटि नमन करता हूँ! |
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Friday, June 17, 2011
"आओ, जी लें" (चर्चा मंच-548)
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बढ़िया चर्चा ,आदरणीय नागार्जुन जी को इस अवसर पर नमन ... आभार
ReplyDeleteबहुत ही उम्दा चर्चा ......बढ़िया लिनक्स ....आभार
ReplyDelete.
ReplyDeleteइस चर्चा को पढ़कर ... ... .
--
ऐसी ख़ुशी मिली मुझको
--
कि मन प्रसन्न हो गया!
.
Adarniy Sir,
ReplyDeleteapne charcha manch par meree rachna ko dekar mera jo samman badhaya hai iske liye main abhari hun....vaise bhi is manch par ana aur naye blogers se parichit hona achchha lagta hai.
shubhkamnayen.
Hemant
शास्त्री जी नमस्कार ..
ReplyDeleteसुंदर चर्चा से सजा चर्चा मंच ..
मेरी रचना को स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार आपका ...!!
भावमयी रचनाओं की भावमयी प्रस्तुति प्रसंसनीय है ,बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteबढ़िया चर्चा
ReplyDeleteबढ़िया लिंक्स से सुसज्जित सुन्दर चर्चा
ReplyDeleteआज की "चर्चा-मंच "बहुत अच्छी लगी , बहुत बहुत बधाई !
ReplyDeleteBAHUT SUNDER....
ReplyDeleteBABA NAAGARJUN KI JAYANTI PAR UNHE BAHUT NAMAN....
अत्यंत सुन्दर चर्चा! बढ़िया लिंक्स!
ReplyDeleteबढ़िया चर्चा !
ReplyDeleteचर्चा में मुझे स्थान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद!
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteरोचक अंदाज़ चर्चा का ...अच्छे लिंक्स मिले ..आभार
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लिंक संयोजन्…………सुन्दर चर्चा।
ReplyDeleteआदरणीये, गुरु जी
ReplyDeleteआपको कोटि कोटि नमस्कार,
आपके कर कमलो के कारण मेरी रचना को स्थान दिया गया, मे आपका दिल से आभार प्रकट करता हू. ओर भगवान से दुआ करता हू की आप बहुत लंबी आयु जीये.
सराहनीय चर्चा . खास कर ... आपने "वेबकैम " जैसे विषय पर पहली बार पर कविता लिखकर यह सिद्ध कर दिया है कि काव्य जगत में आपका कोई सानी नहीं .
ReplyDeleteआदरणीये, गुरु जी
ReplyDeleteआपको सत् सत् नमस्कार
आपके द्वारा मेरी रचना को सम्मान मिला,
मेरा रोम रोम ओर मेी आपका आभारी हू.
बढ़िया लिंक्स से सुसज्जित सुन्दर चर्चा
ReplyDeleteमेरी रचनाओं को शामिल करने के लिये धन्यवाद..
ReplyDeleteशास्त्री जी, चर्चा मंच पर कई ब्लागों के सम्पर्क एक स्थान पर मिल जाना आपकी प्रस्तुति की विशेषता है। मनोज ब्लॉग पर प्रकाशित आलोचना और आलोचना-धर्मिता का इसपर उल्लेख के लिए आपको साधुवाद।
ReplyDeleteजाने कितना ज्ञान भरा है,
ReplyDeleteआड़ी तिरछी रेखायें हैं।
सुन्दर लिंक्स से सजी बहुत रोचक चर्चा...आभार
ReplyDeleteमेरी पोस्ट 'विश्व शांति और मानव एकता के लिए हज़रत अली की ज़िंदगी सचमुच एक आदर्श है
ReplyDelete' का लिंक देने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया !
बहुत सुन्दर चर्चा शास्त्री जी ।
ReplyDeleteआभार।
बहुत ही उम्दा चर्चा
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