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मंगलवार, जून 05, 2012

चर्चा -901 ,गरम लू के थपेड़ों में झुलस जाते हैं कुछ अरमान

सुप्रभात मित्रों! 
      आप सब का दिन मंगल मय हो 
          आज का मेरा सुविचार 
किसी को इतना ऊँचा भी मत उठाओ कि तुम उसकी और देख ना सको और किसी को इतना नीचे भी मत गिराओ कि वो तुम्हारी ओर देख ना सके 
     इसी के साथ करते हैं आज की चर्चा शुरू    
सूत्र (1) जज़्बात..
तुम पहाड़ पर चढ़ो ….  तुम पहाड़ पर चढ़ो हम तुम्हारी सफलता के लिए दुआएं करेंगे; तुम जमीन खोदकर पाताल में उतर जाओ, जब तक तुम बाहर नहीं जाते हम तुम्ह...
सूत्र (2) नुक्कड़..
श्वेत प्रदर (ल्युकोरिया) की कुदरती पदार्थों से चिकित्सा. -श्वेत प्रदर (ल्युकोरिया) की कुदरती पदार्थों से चिकित्सा. श्वेत प्रदर याने ल्यूकोरिया महिलाओं में होने वाली आम बीमारी है। यह रोग नारी की तंदुरुस्ती का परम...
तीन अनुत्तरित प्रश्न -
*अनुत्तरित प्रश्न-* हर खेल जीतने के लिये खेला जाता है। फिर क्यूँ..... 
हास्य कविता-सर्द रात में उल्लू बोला - हँसमुखजी ने कविता पाठ करना प्रारम्भ किया सर्द रात में उल्लू बोला एक मनचले श्रोता ने आवाज़ लगाई आज गर्मी की शाम को मंच से बोल रहा है हँसमुखजी ने क्रोध...
अपने जीवन को हार कर जाते हैं ? अंत मे अपने को अकेला पाते हैं। *अनुत्तरित प्र...
सूत्र (5) परिकल्पना
कैसे हाँ कहूँ ? जब ना कहना चाहता हूँ ? - कैसे हाँ कहूँ ? जब ना कहना चाहता हूँ ? पर ना भी कैसे कहूँ? समझ नहीं पाता हूँ झंझावत में फंसा हूँ रिश्तों के बिगड़ने का खौफ दुश्मनी मोल लेने का डर मुझे ना ...
सूत्र (6)ताकि शंखनाद कर सकूँ !!!
 सदा at SADA 
मैने आज कोई फूल किसी देवता के श्रीचरणों पर नहीं चढ़ाया ना ही किया है मंत्रोच्चार ना ही किया किसी देव प्रतिमा के आगे अगर का धुंआ बांधे नहीं वंदनवार श्रद्धा के तेरा तुझको अर्पण की भावना...
क्या है इन रिश्तों कि हकीकत? -  इंसानी रिश्तों के दो किस्में देखने को मिला करती हैं| एक तो वो रिश्ते जो कुदरत ने जोड़े हैं | जैसे माता पिता, भाई बहन, मामा  
बीच में - खदेरन का दोस्त पलटू खदेरन से, “मैं कुछ भी काम करता हूं, तो मेरी 
सूत्र (9) प्रेम सरोवर
खड़ी बोली का प्रतिनिधि कवि : मैथिलीशरण गुप्त- (खड़ी बोली कविता का बहुत बड़ा कविता इतिहास गुप्त जी की कृतियों का है। उन्होंने खड़ी बोली को उंगली पकड... 
सूत्र (10)
GHAZAL YATRA
सूत्र (11) मनोज
इस ब्लॉग की 950वीं पोस्ट : अतल गहराइयों में - 
*नमस्कार मित्रोंइस ब्लॉग की 950वीं पोस्ट आपके समक्ष प्रस्तुत है...
सूत्र (12)
कुरुक्षेत्र ... सप्तम सर्ग .... भाग --3 / रामधारी सिंह दिनकर - भीष्म युद्धोपरांत धर्मराज युधिष्ठिर को संबोधित करते हुए कह रहे हैं --- धर्मराज , यह भूमि किसी की नहीं क्रीत है दासी हैं जन्मना समान परस्पर इसके ...
सूत्र (13)
varsha singh
सूत्र (14) ऋता शेखर मधु द्वारा मधुर गुंजन...स्वतंत्र राष्ट्र के परतंत्र बच्चे....
*बाल श्रम* वर्तमान का दरवाजा खोल निकलता है भविष्य सुनहरा, 
कैसे निकल पाए भविष्य लगा हो जब वर्तमान पर पहरा| 
सूत्र (15) bhagat bhopal
फोटो को निखारें फ़ोटोशॉप की सहायता से Glowing Skin in Photoshop - फोटो को निखारें फ़ोटोशॉप की सहायता से कृपया वीडियो देखें
सूत्र (16) Munkir द्वारा Junbishen .....रुबाइयाँ.. 
मेरा दीन साइंस की सदाक़त पे यकीं रखता हूँ, अफकार ओ सरोकार का दीं रखता हूँ....!
सूत्र (17)
सूत्र (18)
राजस्थान में शिक्षक भर्तीः कहीं प्रवेश पत्र नहीं मिले, कहीं पेपर - तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान शनिवार को कई स्थानों पर अफरा-तफरी का माहौल रहा। कई जिलों में प्रश्न-पत्र कम निकलने से परीक्षा एक घंटे तक देर से ...
सूत्र (19)
भास्कर भूमि मेंनिरंतर की कलम से’, ‘Kashish – My Poetry’, ‘CG स्वर’, ‘अजित गुप्ता का कोना’, ‘अनुशील’, ‘स्वास्थ्य’, ‘CGPATAL’, ‘स्वप्न मेरे - 3 जून 2012 को भास्कर भूमि के नियमित पृष्ठब्लागरीमें निरंतर की कलम से, Kashish – My Poetry, CG स्वर, अजित गुप्ता का कोना, अनुशील, स्वास्थ्य, CGPATAL, स्
सूत्र (20)

मोबाइल का एक ऐसा नम्बर जो आपकी मुसीबत के टाइम हेल्प करेगा - इंटरनेट हमारी जिन्दगी का अभिंग अंग बन चूका है हमे कोई भी चीज चाहिए हो या किसी जगह की जानकारी चाहिए हो तो हम लोगो में से अधिकतर लोग नेट का ही इस्तेमाल करते...
Phir Na Keeje Meri Gustakh Nigahi ka Gila -कल जून को बॉलीवुड के सबसे बड़े शो मैन राजकपूर की पुण्यतिथि थी ! आज उन्हींकी
कालजयी फिल्म 'फिर सुबह होगी' का एक बहुत ही खूबसूरत गीत आपके सामने प्रस्तुत करन..
सूत्र (22) FeedBulletin for: vmwteam
लोटा तो पीतल का है, जुलाहे का नहीं - कबीर गंगा के घाट पर थे। उन्होंने एक ब्रम्हांड को किनारे पर हाथ से अपने शरीर पर पानी डालकर स्नान करते देखा तो अपना लोटा देते हुए कहा, ‘लीजिए इस लोटे से आपक...
posted by Navin C. Chaturvedi at ठाले बैठे -
राधा रानी और तुलसी पूजा श्री राधा आराध्य सुगम गति आराधन की। जो अति अगम अपार है मति जहँ निगमन की। ज्ञान मान की खान ध्यान धारा भगतन की। प्रिय 'प्रीतम' की प्रान प्रमान पतित पावन की।। बरसाना राधा रा...
https://blogger.googleusercontent.com/tracker/5682459041526606089-3958518783916261113?l=akashkumarrai.blogspot.com
"अब सोचते हैं नये दिन से नया सा हाल हो,अपनी हरकतें भी लोगों को लिए मिसाल हो। अपने शहर में कोई रहे दूर किसी सेरहे हर ओर शांति अब कोई बवाल हो। ये तेरा है ये मेरा है, ये बातें भूल जाय...
सूत्र (27) खुदगर्जी ...
https://blogger.googleusercontent.com/tracker/1951236445648618208-855768374132043561?l=kaduvasach.blogspot.com
posted by उदय - uday at कडुवा सच ...
दोस्त ... तेरी खुदगर्जी जिसे तू ... अपना हथियार समझता है ये हथियार बेहद प्राणघातक है ! किन्तु ... ये किसी और के लिए नहीं वरन खुद तेरे लिए ... प्राणघातक है !! देखना ... संभल के रहना कही...
सूत्र (28)गर्मी
https://blogger.googleusercontent.com/tracker/5564932818576201920-5880579914438337213?l=rajneesh-tiwari.blogspot.com
 रजनीश तिवारी at रजनीश का ब्लॉग 
गरम लू के थपेड़ों में झुलस जाते हैं कुछ अरमान भाप हो जाती हैं कुछ ख़्वाहिशें वक़्त बन जाता है अंगारों भरी सड़क जलता है फ़र्श और तपती हैं दीवारें झील सूख कर बन जाती है आईना ख़ुश्क हवा के हथौड़े बदन ...

 रश्मि प्रभा... at मेरी भावनायें... -
* * समझौतों के तपते रेगिस्तान में सबके चेहरे झुलसे हैं अपनों के न्याय की तलाश में साँसें दम्मे सी उखड़ी हैं ...... कहीं जाकर क्या मिलेगा भला ? झूठी हँसी हंसने से क्या ज़िन्दगी पुख्ता लगती है या हो ...
·         सूत्र (30) Kahin To (Acoustic Cover) feat Aakash Gandhi & Sahil Khan
https://blogger.googleusercontent.com/tracker/4642184948442653623-7258186079970546841?l=yashwantrajbalimathur.blogspot.com
posted by यशवन्त माथुर (Yashwant Mathur) at गीत-संगीत 
सूत्र (31) आयुर्वेद एक सारभूत वर्णन--भाग -- ( समापन भाग) ....डा श्याम गुप्त ...
....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ... भाग पांच आयुर्वेद में चिकित्सा ( ट्रीटमेंट ) चिकित्सक, परिचारक, औषध... और....
सरोगेट मदर्स यानी वे माँ, जो किराए की कोख उपलब्ध कराती हैं। इन माँओं के बारे में सबसे ज्यादा वे दंपत्ति खोजबीन करते हैं, जिनके संतान नहीं। सरोगेट मदर्स तय रकम पर ऐसे दंपत्तियों के लिए बच्चे जनती हैं। पहल...
सूत्र (33)

"आगे बढ़ना आसान नहीं" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

दुर्गम पथरीला पथ हैआगे बढ़ना आसान नहीं।
ऊँची पर्वत-मालाओं पर, चढ़ना है आसान नहीं।।

चलिए दोस्तों अब अंत में मेरे ब्लॉग पर भी घूम आइये आपको बहुत अच्छे जहां की सैर कराती हूँ 
 Rajesh Kumari at HINDI KAVITAYEN ,AAPKE VICHAAR -
*चल वहीँ पे नीड़ बनाये हम, जहाँ सुन्दर परियाँ रहती होंजहाँ निर्मल नदियाँ बहती हों....!
आज की मुलाकात बस इतनी ......अब मिलूंगी दो मंगलवार छोड़ कर ...बाहर जा रही हूँ तब तक के लिए शुभ विदा 
आपका दिन मंगल मय हो !

16 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर चर्चा!
    आप आराम से आगामी दो मंगलवार तक भारत भ्रमण का आनन्द लीजिए। चर्चा हम लगा देंगे।

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  2. बहुत खूब ..
    सुन्दर चर्चा ..

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  3. इतने सुसज्जित एवं व्यवस्थित चर्चामंच के लिए आप निश्चित रूप से बधाई की हकदार हैं ! 'तराने सुहाने' से मेरी पसंद के गीत को भी आपने इसमें स्थान दिया आपका बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार !

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  4. आभार कि आपने अन्यों के बीच मेरी उपस्थिति भी सुनिश्चित की।

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  5. सुसज्जित चर्चामंच के लिए बधाई

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  6. सुसज्जित और व्यवस्थित चर्चा...ढेर सारे लिंक्स मिले.
    मेरी रचना को स्थान दिया ...आभार !!!

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  7. नदियों को जोड़ते जोड़ते
    चर्चा का समुंदर बनाया है
    वाह चर्चामंच लाजवाब
    आपने आज सजाया है ।

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  8. सुन्दर चर्चा... बढ़िया लिंक्स...
    सादर आभार.

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  9. बढ़िया लिंक्स
    सुन्दर चर्चा मंच

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  10. बहुत बढ़िया सूत्रों में गुंथी सार्थक चर्चा प्रस्तुति के लिए आभार!

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  11. बहुत अच्छी लिंक्स से सजा चर्चा मंच |बधाई
    आशा

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