मित्रों!
रविवार के लिए लिए कुछ अद्यदन लिंक निम्नवत् हैं!
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अब देखिए चर्चा मंच की यह द्वितीय प्रविष्टी!
SATURDAY, DECEMBER 19, 2009
"चर्चा मंच" अंक-2
चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" आज "चर्चा मंच" की दूसरी पोस्ट लगा रहा हूँ। इसके प्रवेशांक पर सुधि टिप्पणीकारों के आशीर्वादों से मैं वास्तव में अभिभूत हूँ। आप सब ने मुझे निश्चितरूप से बल प्रदान किया है। सादर अभिवादन के साथ आज का "चर्चा मंच" सजाता हूँ-
जरा इन नए ब्लॉगर्स की भी सोचें …. !!!!--- --- मनोज कुमार
मैंने जब नई-नई नौकरी ज्वाइन की थी उस समय का एक वाकया याद आ रहा है। फैक्टरी में हमारे संगठन के चेयरमैन की विजिट थी। तब मैं सबसे निचले ओहदे का अधिकारी था और वे सबसे ऊंचे पद पर आसीन थे। जब फैक्टरी का दौरा चल रहा था तो मैने उन्हें कॉरीडोर में खड़े होकर अभिवादन किया। पर वे अन्य बड़े पदाधिकारियों के साथ बात-चीत करते हुए प्रस्थान कर गए। मेरी तरफ देखा तक नहीं। मैंने अपना जी छोटा नहीं किया। दूसरे अवसर को तलाशता रहा। हालांकि हम प्रशासन भवन में कार्यरत थे, पर उत्पादन अनुभाग के भी चक्कर-काट आए और एक बार जब वे क़रीब से गुजरे तो फिर उनका अभिवादन किया। पर प्रतिक्रया नदारद। मुझे पहले लगा काफी घमंडी है, फिर तुरंत ही मन ने सांत्वना दिया बड़े लोग काफी बीजी होते हैं। शायद न देख पाए हों।
मुझे शिकायत हे. Mujhe Sikayaat Hay.
राज भाटिय़ा जी आपके मन में तो न जाने कितने राज दफ्न हैं- राज !! अगले जन्म का??
नमस्कार, सत्श्री अकाल, सलामआलेकूम, जी आयानू. तो जनाब लिजिये हम एक नया कार्यक्रम आप लोगो की सेवा मै ले कर आये है*""राज अगले जन्म का""* आप इस मे जान पायेगे कि हम अगले जन्म मे क्या बनेगे?हमारे कर्म हमे अगले ...
सदा जी से सुनिए कागज और कलम की कविता-
कलम उदास पड़ी है कागज के एक कोने में,
उसमें निखार आएगा जब सार्थक अक्षर उसपे,
कलम उतारेगी अपनी नोक से हर एक कोने में।
मान्यवर पहले बदले में पाक से अपने युद्ध-बन्दियों को ते छुड़वा लो-
कसाब को छोड़ दिया जाना ही उचित है.भारतीय नागरिक - Indian Citizen -
कारण नम्बर एक - शुक्ला जी के नजरिये से भी एकदम उचित है, वही क्रिकेट वाले शुक्ला जी जिन्होंने कुछ दिन पहले ही कहा था कि कुछ करोड़ रुपये की घूसखोरी के आरोपों के चलते एक विदेशी मेहमान को कितनी दिक्कत उठानी पड़ी...
आज सरकारी विद्यालयों और महाविद्यालयों में अच्छी पढाई न होने से समाज के मध्यम वर्ग की जीवनशैली पर बहुत ही बुरा असर पड रहा है। चार वर्ष के अपने बच्चे का नामांकण किसी अच्छे विद्यालय में लिखाने के लिए हम परेशान रहते हैं , क्यूंकि उसके बाद 12 वीं तक की उसकी पढाई का सारा तनाव समाप्त हो जाता है। यदि उस बच्चे का उस विद्यालय के के जी या नर्सरी में नाम नहीं लिखा सका तो बाद में उस विद्यालय में नाम.............
विवेक रस्तोगी सुना रहे हैं
एक महाभारत कालीन गाथा-
एक बार अश्वत्थामा के साथ मैं यों ही राजभवन पर गया। राजभवन के सामने सरोवर के किनारे, दुर्योधन के मामा शकुनि बैठे हुए थे, उनके हाथ में एक श्वेत-शुभ्र राजहंस था। उस श्वेत पक्षी के प्रति मेरे मन में बड़ा आकर्षण था। पानी में अपने पैरों की डाँड़ चलाता हुआ गरदन को कितने शानदार झटके देता हुआ घूमता रहता है......
प्रवीण पथिक याद दिला रहे हैं एक अमर हुतात्मा की-"हौसिला कितना तड़फने का देख तेरे बिस्मिल में है ।।"आज देश की महान हुतात्मा राम प्रसाद बिस्मिल का शहीद दिवश है तो इस छोटी पोस्ट में पेश इसी महान आत्मा द्वारा लिखित अंतिम नोटदेखना है किस कदर दम खंजरे कातिल में है।
अब भी यह अरमान यह हसरत दिले बिस्मिल में है ।।......
लखनऊ ब्लॉगर एसोसिएशन
में है प्रबल प्रताप सिंह की एक गजल-
ग़ज़ल
लबादा पैसों का जबसे ओढ़ा है
हर भावों को पैसों से तोला है.
ये भी सच है एक हद तक
इसी पैसे ने हमको तुमसे जोड़ा है...........
मिल गई कैंसरों के जीववैज्ञानिक इतिहास की चाभी आर. अनुराधा
RAINBOW/इंद्रधनुष फेफड़ों और त्वचा के कैंसरों के जीववैज्ञानिक इतिहास का पता लगा लिया गया है। इंग्लैंड के सेंगर इंस्टीट्यूट में कैंसर जीनोम परियोजना में लगे वैज्ञानिकदल ने इन दोनों प्रकार के कैंसरों के मरीजों की बीमार कोशिका...
ताऊ रामपुरिया at ताऊ डॉट इन -
प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरे की घणी राम राम और सभी मुस्लिम भाई बहनो को 'इस्लामिक नव वर्ष 'की शुभकामनाएँ. ताऊ पहेली *अंक 53 *में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के...
और ये रहा आज का कार्टून-
आज भी मंच को मात्र ग्यारह चिट्ठों से ही सजाया है!
कल की कल देखी जायेगी..............!
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"जरा इन नए ब्लॉगर्स की भी सोचें …. !!!!" (चर्चा मंच)
SATURDAY, DECEMBER 19, 2009
"चर्चा मंच" अंक-2
चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
आज "चर्चा मंच" की दूसरी पोस्ट लगा रहा हूँ। इसके प्रवेशांक पर सुधि टिप्पणीकारों के आशीर्वादों से मैं वास्तव में अभिभूत हूँ। आप सब ने मुझे निश्चितरूप से बल प्रदान किया है।
सादर अभिवादन के साथ आज का "चर्चा मंच" सजाता हूँ-
चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
आज "चर्चा मंच" की दूसरी पोस्ट लगा रहा हूँ। इसके प्रवेशांक पर सुधि टिप्पणीकारों के आशीर्वादों से मैं वास्तव में अभिभूत हूँ। आप सब ने मुझे निश्चितरूप से बल प्रदान किया है।
सादर अभिवादन के साथ आज का "चर्चा मंच" सजाता हूँ-
जरा इन नए ब्लॉगर्स की भी सोचें …. !!!!--- --- मनोज कुमार
मैंने जब नई-नई नौकरी ज्वाइन की थी उस समय का एक वाकया याद आ रहा है। फैक्टरी में हमारे संगठन के चेयरमैन की विजिट थी। तब मैं सबसे निचले ओहदे का अधिकारी था और वे सबसे ऊंचे पद पर आसीन थे। जब फैक्टरी का दौरा चल रहा था तो मैने उन्हें कॉरीडोर में खड़े होकर अभिवादन किया। पर वे अन्य बड़े पदाधिकारियों के साथ बात-चीत करते हुए प्रस्थान कर गए। मेरी तरफ देखा तक नहीं। मैंने अपना जी छोटा नहीं किया। दूसरे अवसर को तलाशता रहा। हालांकि हम प्रशासन भवन में कार्यरत थे, पर उत्पादन अनुभाग के भी चक्कर-काट आए और एक बार जब वे क़रीब से गुजरे तो फिर उनका अभिवादन किया। पर प्रतिक्रया नदारद। मुझे पहले लगा काफी घमंडी है, फिर तुरंत ही मन ने सांत्वना दिया बड़े लोग काफी बीजी होते हैं। शायद न देख पाए हों।
मैंने जब नई-नई नौकरी ज्वाइन की थी उस समय का एक वाकया याद आ रहा है। फैक्टरी में हमारे संगठन के चेयरमैन की विजिट थी। तब मैं सबसे निचले ओहदे का अधिकारी था और वे सबसे ऊंचे पद पर आसीन थे। जब फैक्टरी का दौरा चल रहा था तो मैने उन्हें कॉरीडोर में खड़े होकर अभिवादन किया। पर वे अन्य बड़े पदाधिकारियों के साथ बात-चीत करते हुए प्रस्थान कर गए। मेरी तरफ देखा तक नहीं। मैंने अपना जी छोटा नहीं किया। दूसरे अवसर को तलाशता रहा। हालांकि हम प्रशासन भवन में कार्यरत थे, पर उत्पादन अनुभाग के भी चक्कर-काट आए और एक बार जब वे क़रीब से गुजरे तो फिर उनका अभिवादन किया। पर प्रतिक्रया नदारद। मुझे पहले लगा काफी घमंडी है, फिर तुरंत ही मन ने सांत्वना दिया बड़े लोग काफी बीजी होते हैं। शायद न देख पाए हों।
मुझे शिकायत हे. Mujhe Sikayaat Hay.
राज भाटिय़ा जी आपके मन में तो न जाने कितने राज दफ्न हैं-
राज !! अगले जन्म का??
राज भाटिय़ा जी आपके मन में तो न जाने कितने राज दफ्न हैं-
राज !! अगले जन्म का??
नमस्कार, सत्श्री अकाल, सलामआलेकूम, जी आयानू. तो जनाब लिजिये हम एक नया कार्यक्रम आप लोगो की सेवा मै ले कर आये है*""राज अगले जन्म का""* आप इस मे जान पायेगे कि हम अगले जन्म मे क्या बनेगे?हमारे कर्म हमे अगले ...
सदा जी से सुनिए कागज और कलम की कविता-
कलम उदास पड़ी है कागज के एक कोने में,
उसमें निखार आएगा जब सार्थक अक्षर उसपे,
कलम उतारेगी अपनी नोक से हर एक कोने में।
मान्यवर पहले बदले में पाक से अपने युद्ध-बन्दियों को ते छुड़वा लो-
कसाब को छोड़ दिया जाना ही उचित है.भारतीय नागरिक - Indian Citizen -
कारण नम्बर एक - शुक्ला जी के नजरिये से भी एकदम उचित है, वही क्रिकेट वाले शुक्ला जी जिन्होंने कुछ दिन पहले ही कहा था कि कुछ करोड़ रुपये की घूसखोरी के आरोपों के चलते एक विदेशी मेहमान को कितनी दिक्कत उठानी पड़ी...
आज सरकारी विद्यालयों और महाविद्यालयों में अच्छी पढाई न होने से समाज के मध्यम वर्ग की जीवनशैली पर बहुत ही बुरा असर पड रहा है। चार वर्ष के अपने बच्चे का नामांकण किसी अच्छे विद्यालय में लिखाने के लिए हम परेशान रहते हैं , क्यूंकि उसके बाद 12 वीं तक की उसकी पढाई का सारा तनाव समाप्त हो जाता है। यदि उस बच्चे का उस विद्यालय के के जी या नर्सरी में नाम नहीं लिखा सका तो बाद में उस विद्यालय में नाम.............
विवेक रस्तोगी सुना रहे हैं
एक महाभारत कालीन गाथा-
आज से मैं वापस मृत्युंजय की कड़ियों की शुरुआत कर रहा हूँ, कोशिश करुँगा कि अब अंतराल न हो। |
एक बार अश्वत्थामा के साथ मैं यों ही राजभवन पर गया। राजभवन के सामने सरोवर के किनारे, दुर्योधन के मामा शकुनि बैठे हुए थे, उनके हाथ में एक श्वेत-शुभ्र राजहंस था। उस श्वेत पक्षी के प्रति मेरे मन में बड़ा आकर्षण था। पानी में अपने पैरों की डाँड़ चलाता हुआ गरदन को कितने शानदार झटके देता हुआ घूमता रहता है......
प्रवीण पथिक याद दिला रहे हैं एक अमर हुतात्मा की-
"हौसिला कितना तड़फने का देख तेरे बिस्मिल में है ।।"
आज देश की महान हुतात्मा राम प्रसाद बिस्मिल का शहीद दिवश है तो इस छोटी पोस्ट में पेश इसी महान आत्मा द्वारा लिखित अंतिम नोट
देखना है किस कदर दम खंजरे कातिल में है।
अब भी यह अरमान यह हसरत दिले बिस्मिल में है ।।......
लखनऊ ब्लॉगर एसोसिएशन
में है प्रबल प्रताप सिंह की एक गजल-
ग़ज़ल
लबादा पैसों का जबसे ओढ़ा है
हर भावों को पैसों से तोला है.
हर भावों को पैसों से तोला है.
ये भी सच है एक हद तक
इसी पैसे ने हमको तुमसे जोड़ा है...........
इसी पैसे ने हमको तुमसे जोड़ा है...........
मिल गई कैंसरों के जीववैज्ञानिक इतिहास की चाभी आर. अनुराधा
RAINBOW/इंद्रधनुष फेफड़ों और त्वचा के कैंसरों के जीववैज्ञानिक इतिहास का पता लगा लिया गया है। इंग्लैंड के सेंगर इंस्टीट्यूट में कैंसर जीनोम परियोजना में लगे वैज्ञानिकदल ने इन दोनों प्रकार के कैंसरों के मरीजों की बीमार कोशिका...
ताऊ रामपुरिया at ताऊ डॉट इन -
प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनीवार सबेरे की घणी राम राम और सभी मुस्लिम भाई बहनो को 'इस्लामिक नव वर्ष 'की शुभकामनाएँ. ताऊ पहेली *अंक 53 *में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के...
और ये रहा आज का कार्टून-
आज भी मंच को मात्र ग्यारह चिट्ठों से ही सजाया है!
कल की कल देखी जायेगी..............!
रविकर मामा के पुन ;
जवाब देंहटाएंअवतरण की खबर लाया है
चर्चामंच कुछ खाली खाली
सा लग रहा था
उसके लौट आने से
फिर भर आया है ।
shaandaar-jaandaar charchaa ... jay ho ...
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा...अच्छे सूत्र संयोजन...आभार.
जवाब देंहटाएंBde jatan si sajayi hai ye charcha. Badhayi.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद , मेरी प्रार्थना को अपनी इस सुन्दर चर्चा में स्थान देने के लिए |
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक मिले |
अतिसुन्दर विषयों की सूचि है आज का चर्चा मंच,तरह तरह के लिनक्स से सजाया हुआ हिंदी भाषियों का सम्पूर्ण मंच.
जवाब देंहटाएंमोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
बहूत हि बढीया लिंक्स.....
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा मंच....
बहुत सुन्दर और रोचक लिंक्स....आभार
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच के नए रूप को देखर बड़ी ख़ुशी हुई. फिर कल को दुहराने वाले योजना आपकी अच्छी है क्योंकि पहले उस समय से हर ब्लोगर तो इस मंच पर था नहीं और न ही उसके बाद में सक्रिय हुए ब्लोगर को इस बारे में कुछ पढ़ने को मिला. रचना चर्चा में शामिल करने योग्य समझी इसके लिए धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंcharcha manch ke niyemit aur sucharu/sudrad prasaran se behad khush hain ham pathak. apki mehnat ko naman.
जवाब देंहटाएंmeri rachna ko yaha sthan dene k liye aabhar.
अच्छी चर्चा
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा...बधाई
जवाब देंहटाएंMujhe shamil karne ke liye dhanyavaad...
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