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Saturday, June 16, 2012

"संगम" (चर्चा मंच-912)

मित्रों!
शनिवार आ गया और हम भी आ गये शनिवार की चर्चा लेकर!
आज की चर्चा में सबसे पहले कुछ पुराने लिंकों को आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ।

(०)

“ या कुन्देन्तुषारहारधवला या शुभ्रवस्तावृता,
या वीणावरदंड्मंडिततकरा या श्वेतपद्मासाना...

(१)

जय हो

बाबा का अनशन
तोडना था
लिट्टी-चोखे से
लेकिन,
देश की करोड़ों जनता का मन
और अनशन
सरकार ने तोडा
धोखे से....
(२)

आयेगा कहाँ से गाँधी

हिन्दू भी यहाँ है , मुस्लिम भी यहाँ है,
हर धर्म के अनुयायी की पहचान यहाँ है.
मंदिर मैं मिले हिन्दू,मस्जिद मैं मुसल्मन थे,
वह घर मिला मुझको, इन्सान जहाँ है.
(३)

भारत को जमाने का सरताज बना देगे

भारत को जमाने का सरताज बना देगे

वो वक्त भी आयेगा की दुनिया को दिखा देगे
हम ज्ञान के गोलों से और तर्क कि तोपों से
पाखंड के महलो को मिटटी में मिला देगे
(४)

गणतंत्र दिवस

गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर इस संकल्प के साथ .....

हमारी दोस्ती, 'खुदा' बन जाए, है इच्छा
अब खुशबू अमन की, 'खुदा' ही बाँट सकता है ।
.....हार्दिक .....हार्दिक .......हार्दिक शुभकामनाएँ ।
(५)

खेल....

आपके सामने है मेरे दिल का एक पन्ना ....


धीरे धीरे सारी किताब पढ़ लेंगे...तब जान भी जायेंगे मुझे....कभी चाहेगे...कभी नकारेंगे... यही तो जिंदगी है...!!!
मेरा अभी भी मानना है कि कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के बारे में कुछ लिखना, पढ़ना सिर्फ समय खराब करने से ज्यादा कुछ नहीं है.....
(६)
कुछ कहना है मगर समझ नही आता क्या कहूं
हर रिश्ता अजीब है हर इन्सान अजीब है
कोई कुछ नही समझता यह कौन सा मोड़ है
(७)
My Photo

मेरी मुहिम

मेरी मुहिम साफ़ है
मैंने ज़मीन बाँट
कर देश बनाए,
पानी बांटा सागर का,
फिर बांटा आकाश...
कोई मुगा़लते में न रहे
मेरी मुहिम साफ़ है....
(८)

बाघ का अर्थशास्त्र

Photo by: Arunesh C Dave

बाघ संरक्षण का आर्थिक पहलू
आज भारत मे बाघो के संरक्षण को लेकर काफ़ी जागरूकता आ गयी है । और हर किसी के पास उनको बचाने के लिये एक अलग विचारधारा है । लेकिन देश मे इस दिशा मे कार्य कर रहे अधिकांश प्रबुद्ध वर्ग एक विचार मे सहमत नजर आता है कि बाघो और आदमियो के बीच दूरी बनाना ही संरक्षण का एक मात्र उपाय है....।
(९)

हो गया क्यों देश ऐसा ?

कल्पनाएँ डर गयी हैं ,भावनाएँ मर गयीं हैं,

देख कर परिवेश ऐसा।
हो गया क्यों देश ऐसा ??
पक्षियों का चह-चहाना ,

लग रहा चीत्कार सा है।
षट्पदों का गीत गाना ,

आज हा-हा कार सा है।
गीत उर में रो रहे हैं,
शब्द सारे सो रहे हैं,
देख कर परिवेश ऐसा।
हो गया क्यों देश ऐसा....?
(१०)

बाबुल तेरे देश में

बहुत पहले मेबात के लोक कवि सदाल्ला ने लिखा था - बाबुल तेरे देश में के बेटी एक बैल / हाथ पकड़कर दिना जानी परदेशी के गैल । नेपाल के सुनसरी जिले के एक गाँव की इस लड़की को इस्सलिये अपने घर से घरनिकाला दे दिया गया क्योंकि यह रितुस्रावा थी . गाँव के लोगों का कहना है कि मासिक स्राव के दौरान लडकी असुद्ध होती है इसलिए उसे घर में न रहने का अधिकार है न खाने का और न सोने का....
(११)
प्यार के दो मीठे बोल सुनने का
मुझे सरूर है ,
नही कुछ और जरूरत मेरी इसका
मुझे गरूर है
शर्त इतनी ,बस प्यार से लो जान मेरी
मुझे मंजूर है |
अब प्रस्तुत हैं कुछ अद्यतनक लिंक!
  1. उफ ! यह मौसम गर्मी का
  2. कुछ हिट शेरों की भेड़-चाल-
  3. समस्या का समाधान
  4. बदनामियों की गठरी
  5. कफ़न में लिपटी मुहब्‍बत
  6. जल

    OBO लाइव महा उत्सव , अंक - 20

  7. दर्द को बुलावा ना दो
  8. भैंस भली नाखुश चली-
  9. डीज़ल एग्जास्ट धुंआ बन सकता है लंग कैंसर की वजह
  10. "कुटी बनायी नीम पर"
  11. पुत्र अभिषेक (बिट्टू) को जन्म दिवस की शुभकामनायें
  12. प्रेम के पेड़े बुझायें आग अब तो -
  13. ममतामयी मुलामियत, मनमोहनी मिजाज-
  14. प्रेम की चिड़िया
  15. ताक -झाँक का शाह, बड़ा नटखट है स्वामी-
  16. रहो सदा खुशहाल, बड़ी सी हो जा छोटी -
  17. छुट्टी और काम...
  18. दफ़्तर के अंध महासागर में
  19. यहाँ बकरा खुद कटने को तैयार है
  20. कंकरीट के जंगल से.....
  21. मेरी बहरीन यात्रा
  22. मुश्किल में पार्टी, कहां गायब हो राहुल बाबा
  23. सचाई
  24. तेरी जुदाई ने तडफाया है...
  25. अलविदा मेहदी हस
  26. अन्त में देखिए यह कार्टून... इसे सच बता दो...

24 comments:

  1. वाह नए और पुराने का ये संगम वास्‍तव में ही अच्‍छा लगा

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  2. क्रमवार बढ़िया लिंक्स ...बहुत बढ़िया चर्चा ...

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  3. कुछ अलग अंदाज में उम्दा चर्चा !!

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  4. कुछेक लिंक्स से गुज़रना बड़ा अच्छा लगा।’हमारे ब्लॉग को मंच प पर स्थान मिला, बेहद अच्छा लगा।

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  5. आभार शास्त्री जी!

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  6. बहुत बेहतरीन रचना....
    मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।

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  7. उम्दा चर्चा !!

    aabhar.

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  8. आज की चर्चा का खजाना संजोने के लिये शास्‍त्री जी का आभार (बाबुल तेरे देश सार्थक प्रस्‍तुति)


    युनिक तकनीकी ब्‍लाग

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  9. Bahut hi sundar links...
    Kuch padh liye hai kuch baad me padhege...

    ReplyDelete
  10. Bahut hi sundar links...
    Kuch padh liye hai kuch baad me padhege...

    ReplyDelete
  11. ये अंत नहीं शुभारम्भ सा लगता है .पढ़ते ही जाओ ,चर्चा में गोते लगाओ नै पुरानी ,सबकी कहानी ,सुनाती है नानी ,,,ये नानी हमारी शास्त्री जी सी ही तो है .

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  12. सुन्दर अन्दाज़ रोचक लिंक्स

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  13. kuchh alag andaaj behtreen charcha.
    aabhar.

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  14. बहुत बढ़िया चर्चा.....................

    हमारी रचना को स्थान देने का शुक्रिया.....

    सादर.

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  15. Sadhuwaad ! blog ko gambhir sahitya ka darza dilane me jin logon ka naam liya jayega unme aap hamesha agretar honge. jai ho

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  16. बेहतरीन सुन्दर प्रस्तुति (SIR)
    (अरुन = arunsblog.in)

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  17. सुन्दर लिक्स..आभार..

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  18. मेरी रचनाकॊ स्थान देने केलिये बहुत -बहुत धन्यावाद.शास्त्री जी..

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  19. बहुत बेहतरीन सुंदर लिंक्स प्रस्तुति के लिये आभार ,,,,

    RECENT POST ,,,,पर याद छोड़ जायेगें,,,,,

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  20. कुछ पढ़े हैं, कुछ पढ़ना है..

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  21. बेहतरीन लिंक्‍स संयोजित किये हैं आपने ... आभार

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  22. सुन्दर चर्चा |
    विस्तृत चर्चा-
    आभार ||

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  23. बहुत बढ़िया चर्चा ...

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