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Tuesday, June 19, 2012

"आओ अपना धर्म निभाएँ" (चर्चा मंच-915)

मित्रों!
बहन राजेश कुमारी जी अभी प्रवास पर हैं। शायद अगले मंगलवार की चर्चा लगायेंगी। इसलिए मंगलवार की चर्चा मैं ही संक्षिप्त टिप्पणी के साथ पेश कर रहा हूँ!
आज के लिए केवल इतना ही! नमस्ते जी!!

19 comments:

  1. पढ़ने के लिये कितना कुछ

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  2. बहुत ही सारगर्भित चर्चा है और इस चर्चा में काफी पठनीय लिंकों का समावेश किया गया है .. .आभार

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  3. बहुत अच्छी चर्चा...........
    दिन भर के लिए पढ़ने का काम मिल गया.....
    देखते हैं बारी बारी..
    सादर

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  4. bahut acchi prastuti...thanks nd aabhar....

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  5. बहुत कुछ है आज की चर्चा में उम्दा चर्चा !

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  6. चर्चा में कितना करें, समय गुरूजी खर्च |
    पाठक-गण वाचन करें, करनी पड़े न सर्च |

    करनी पड़े न सर्च, सजी उत्कृष्ट अनोखी |
    खट्टी-मिट्ठी मस्त, प्रस्तुती ताज़ी चोखी |

    करूँ नहीं टिप्पणी, पढ़े बिन कुछ भी पर्चा |
    होगी यह तौहीन, समय जो लेती चर्चा ||

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  7. बढ़िया चर्चा लगाई है...आभार

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  8. सारगर्भित सुंदर चर्चा है,,,,,मेरे आलेख को स्थान देने के लिए आप का बहुत बहुत आभार शास्त्री जी...

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  9. बहुत सुन्दर और रोचक लिंक्स..आभार

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  10. बहुत से लिंक ... लाजवाब चर्चा ...

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  11. बहुत बढ़िया चर्चा !

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  12. पठनीय लिंकों का बहुत सुन्दर संयोजन..आभार..

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  13. बहुत सुन्दर और रोचक लिंक्स.

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  14. स्पर्श पाके आपका लघु की महिमा भी अपरम पार हो जाती है .स्माल इज ब्यूटीफुल ./अच्छी चर्चा रही ऐसा नहीं लगा बेगार टाली है .अच्छे और सामयिक लिंक्स रहे पितृ प्रेम और ग़ज़ल के गिर्द सेहत का हाल सुनाया आपने .हमें भी बहुत लुभाया आपने .

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  15. बढ़िया लिंक्स पढने को मिलीं |
    आशा

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  16. लिंक ही लिंक! सुंदर चर्चा।

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  17. SIR बहुत ही सुन्दर चर्चा (मेरी दो पोस्ट शामिल करने के लिए आभार)

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