आज की चर्चा में आप सबका हार्दिक स्वागत है
आज दिन में फेसबुक के बहुत से स्टेट्स देखे , मीडिया के विभिन्न माध्यम देखे, सभी गांधी जी को याद कर रहे थे , लेकिन क्या 2 अक्टूबर और 30 जनवरी को गांधी जी को याद कर लेने से उनके सपने साकार हो जाएंगे , सत्य और अहिंसा दोनों को हम लगभग छोड़ चुके हैं , बची है तो सिर्फ गांधी टोपी या खादी के वस्त्र जो फैशन के रूप में या दिखावे के रूप में नजर आते हैं , गांधीवाद को मारकर गांधी जी को याद करना बे मा'नी है ।
चलते हैं आज की चर्चा की ओर
गाँधी जी का अंतिम दिन
प्रविष्टि भेजने का अंतिम दिन आज
बिखरी है छटा मुक्तकों की
रितेश गुप्ता का कौसानी का यात्रा वृत्तांत
इमरोज के नाम हरकीरत जी की कविता हीर होने के लिए
पूर्वाभास पर हैं पंखुरी सिन्हा जी की कविताएँ
पुरुषों के द्वारा महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध
रश्मि जी कह रही हैं - प्रेम की भाषा भयानक हो गई है
प्रेम में होना सच में बुरा नहीं होता - रश्मि
भोला भाला प्यार’ कहाँ से लाओगे ?
रजनी मल्होत्रा जी की शायरी
पंडित जी का तोता
जानिए ई - पंडित की राय
फेसबुक रत्न के लिए इरा ताक़ की प्रविष्टि
गाँधी जी का अंतिम दिन
प्रविष्टि भेजने का अंतिम दिन आज
बिखरी है छटा मुक्तकों की
रितेश गुप्ता का कौसानी का यात्रा वृत्तांत
इमरोज के नाम हरकीरत जी की कविता हीर होने के लिए
पूर्वाभास पर हैं पंखुरी सिन्हा जी की कविताएँ
पुरुषों के द्वारा महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध
रश्मि जी कह रही हैं - प्रेम की भाषा भयानक हो गई है
प्रेम में होना सच में बुरा नहीं होता - रश्मि
भोला भाला प्यार’ कहाँ से लाओगे ?
रजनी मल्होत्रा जी की शायरी
पंडित जी का तोता
जानिए ई - पंडित की राय
फेसबुक रत्न के लिए इरा ताक़ की प्रविष्टि
एक ग़ज़लनुमा रचना मेरी भी
तरही मुशायरे की एक ग़ज़ल
दिल्ली कांड पर कुंवरानी निशा कुंवर के विचार
मासूमियत की परिभाषा क्या है ?
अंधी देवी न्याय की, चालें डंडी-मार
तो क्या इतिहास ने फिर खुद को दोहराया है
हिंदी में कम्प्यूटर ज्ञान
अब बारी ई - ईलाज की
भीड़-तन्त्र की डाली पर,अब न जाने कौन सा फूल बैठेगा
स्मरण देशभक्त सूफी अम्बा प्रसाद जी का
शकुन्तला के प्रश्न
"छाया चारों ओर उजाला"
आज की चर्चा में बस इतना ही
धन्यवाद
दिलबाग विर्क