शुभ प्रभात। आपका रविवार मंगलमय हो।
मित्रों! रविवार की चर्चा में मेरी पसंद के लिंक देखिए।
मित्रों! रविवार की चर्चा में मेरी पसंद के लिंक देखिए।
-1-
जब तुम नही होते हो...!!!
कुछ कागज़ एक कलम..
कुछ स्याही लेकर फिर बैठी हूँ....
तुमको छोड़ कर सब कुछ लिखूंगी,
आज ये सोच कर बैठी हूँ....
लिखने के लिए कलम भी बेताब है,
पर कोई ख्याल आता ही नही...
'आहुति' पर sushma 'आहुति'
कुछ कागज़ एक कलम..
कुछ स्याही लेकर फिर बैठी हूँ....
तुमको छोड़ कर सब कुछ लिखूंगी,
आज ये सोच कर बैठी हूँ....
लिखने के लिए कलम भी बेताब है,
पर कोई ख्याल आता ही नही...
'आहुति' पर sushma 'आहुति'
-2-
"चाँदी की संगत"
सुन्दर पैबन्दों को पाकर,
मखमल जैसा, टाट बन गया।
चाँदी की संगत में आकर,
लोहा भी इस्पात बन गया।।
उच्चारण
-3-
कुछ ख़याल !
ये रोज़-रोज़ की प्रार्थना
हर रविवार का सत्संग
और हर दिन तम्बाखू खाना
आदत में ही शुमार हैं
एक न करो
तो मन को कष्ट होता है
और दूसरे से तन को
काव्य मंजूषा
ये रोज़-रोज़ की प्रार्थना
हर रविवार का सत्संग
और हर दिन तम्बाखू खाना
आदत में ही शुमार हैं
एक न करो
तो मन को कष्ट होता है
और दूसरे से तन को
काव्य मंजूषा
-4-
"ऐसी वाणी बोलिए सब का आपा खोए,
औरन को विचलित करे आपहूं विचलित होए।"
समय ने भी क्या करवट बदली, कि हर शै बदली-बदली नज़र आने लगी है।
आदमी के रहन-सहन से लेकर
ख़तो-किताबत पर असर साफ दिखाई पड़ रहा है।
पहले कहा जाता था
"ऎसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोए,
औरन को शीतल करे, आपहू शीतल होए।"
पर आज अन्य मान्यताओं के साथ
इसको भी बदल कर कुछ ऐसा कर दिया गया है
"ऐसी वाणी बोलिए सब का आपा खोए,
औरन को विचलित करे आपहूं विचलित होए।"
कुछ अलग सा पर गगन शर्मा
औरन को विचलित करे आपहूं विचलित होए।"
समय ने भी क्या करवट बदली, कि हर शै बदली-बदली नज़र आने लगी है।
आदमी के रहन-सहन से लेकर
ख़तो-किताबत पर असर साफ दिखाई पड़ रहा है।
पहले कहा जाता था
"ऎसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोए,
औरन को शीतल करे, आपहू शीतल होए।"
पर आज अन्य मान्यताओं के साथ
इसको भी बदल कर कुछ ऐसा कर दिया गया है
"ऐसी वाणी बोलिए सब का आपा खोए,
औरन को विचलित करे आपहूं विचलित होए।"
कुछ अलग सा पर गगन शर्मा
-5-
-6-
नन्हें मुन्ने प्यारे बच्चे
इस बगिया के फूल हैं
यह वर्ष 2013 की 200 वीं पोस्ट है
(इसे फेसबुक पर सुनीता जी के ईवेंट हेतु कुछ दिन पहले लिखा था।)
नन्हें मुन्ने प्यारे बच्चे इस बगिया के फूल हैं
क्यारी क्यारी हँसकर कहती ये ही कोहिनूर हैं...
जो मेरा मन कहे पर Yashwant Yash
इस बगिया के फूल हैं
यह वर्ष 2013 की 200 वीं पोस्ट है
(इसे फेसबुक पर सुनीता जी के ईवेंट हेतु कुछ दिन पहले लिखा था।)
नन्हें मुन्ने प्यारे बच्चे इस बगिया के फूल हैं
क्यारी क्यारी हँसकर कहती ये ही कोहिनूर हैं...
जो मेरा मन कहे पर Yashwant Yash
-7-
संदेशे धरती के नाम!
कभी कभी...
सारा दिन
एक सा ही होता है
घिर आने वाली शाम की तरह ही
उदास...!
अनुशील पर अनुपमा पाठक
कभी कभी...
सारा दिन
एक सा ही होता है
घिर आने वाली शाम की तरह ही
उदास...!
-8-
-9-
झांसे में दुष्कर्म !
कई दिनों से मैं एक ही तरह के मामले पेपर में पढ़ रही हूँ -- झांसे में रखकर दुष्कर्म ! जैसा कि इस शीर्षक से ही पता चल रहा है कि किसी पुरुष द्वारा नारी को किसी बात के प्रलोभन लेकर उसका यौन उत्पीड़न किया और होती रही क्योंकि जब तक ये आशा थी कि उसको इसके बाद जरूर लाभ मिलेगा . वह लाभ नौकरी , पैसे , विवाह या फिर किसी मामले को सुलझाने के लिए किसी की सहायता लेने के रूप में हो सकता है , तब तक वह सामने वाले के इशारों पर चलती रहती है और अगर उसका लाभ नहीं मिल पाया तो वह क़ानून का सहारा लेने के लिए पहुँच जाती है। जबकि वास्तव में इस शोषण के लिए वह खुद जिम्मेदार होती है...
मेरा सरोकार पर रेखा श्रीवास्तव
कई दिनों से मैं एक ही तरह के मामले पेपर में पढ़ रही हूँ -- झांसे में रखकर दुष्कर्म ! जैसा कि इस शीर्षक से ही पता चल रहा है कि किसी पुरुष द्वारा नारी को किसी बात के प्रलोभन लेकर उसका यौन उत्पीड़न किया और होती रही क्योंकि जब तक ये आशा थी कि उसको इसके बाद जरूर लाभ मिलेगा . वह लाभ नौकरी , पैसे , विवाह या फिर किसी मामले को सुलझाने के लिए किसी की सहायता लेने के रूप में हो सकता है , तब तक वह सामने वाले के इशारों पर चलती रहती है और अगर उसका लाभ नहीं मिल पाया तो वह क़ानून का सहारा लेने के लिए पहुँच जाती है। जबकि वास्तव में इस शोषण के लिए वह खुद जिम्मेदार होती है...
मेरा सरोकार पर रेखा श्रीवास्तव
-10-
पृथ्वी रुक रुक कर कम्पित होगी
ये सभी संकेत पिछले दिनों में । और इनमें से कई घटनायें होने भी लगी । कृपया हालिया कुछ घटनाओं हेतु निम्न साइट देखें ।- ज्वालामुखी, भूकंप, धूमकेतु, हिमयुग, समुद्रों का खौलना, समुद्रों में अम्लता का बढ़ना, पृथ्वी की घूर्णन गति का धीमा होना, समुद्री जीवों का मरना, भयावह मौसम, महामारी, आबादी का नाश ।
सत्यकीखोज पर
RAJEEV KULSHRESTHA
ये सभी संकेत पिछले दिनों में । और इनमें से कई घटनायें होने भी लगी । कृपया हालिया कुछ घटनाओं हेतु निम्न साइट देखें ।- ज्वालामुखी, भूकंप, धूमकेतु, हिमयुग, समुद्रों का खौलना, समुद्रों में अम्लता का बढ़ना, पृथ्वी की घूर्णन गति का धीमा होना, समुद्री जीवों का मरना, भयावह मौसम, महामारी, आबादी का नाश ।
सत्यकीखोज पर
RAJEEV KULSHRESTHA
-11-
भ्रम
कितने विश्वास ....
अति विश्वास ? के भवर में ,डूबते और निकलते है ,कि तैर कर बस हमने पार कर लिया ,इस प्रकृति पे अपना अधिकार कर लिया। और देखो वो बैठ कर मुस्कुराता है.....
अंतर्नाद की थाप पर Kaushal Lal
कितने विश्वास ....
अति विश्वास ? के भवर में ,डूबते और निकलते है ,कि तैर कर बस हमने पार कर लिया ,इस प्रकृति पे अपना अधिकार कर लिया। और देखो वो बैठ कर मुस्कुराता है.....
अंतर्नाद की थाप पर Kaushal Lal
-12-
त्याग
आओ, बाँट ले आपस में घर का सारा सामान.
कर लें खेत के तीन टुकड़े- पूरबवाला छोटे का,
बीचवाला मंझले का और पश्चिमवाला मेरा.
कविताएँ पर Onkar
आओ, बाँट ले आपस में घर का सारा सामान.
कर लें खेत के तीन टुकड़े- पूरबवाला छोटे का,
बीचवाला मंझले का और पश्चिमवाला मेरा.
कविताएँ पर Onkar
-13-
संजय की मान्यता पर, दुनिया करे बवाल-
संजय की मान्यता पर, दुनिया करे बवाल |
देखो अब धृतराष्ट्र का, आँखों देखा हाल |
आँखों देखा हाल, जब्त ए के सैतालिस |
सैतालिस से राष्ट्र, कर रहा मक्खन-पॉलिश...
रविकर की कुण्डलियाँ
संजय की मान्यता पर, दुनिया करे बवाल |
देखो अब धृतराष्ट्र का, आँखों देखा हाल |
आँखों देखा हाल, जब्त ए के सैतालिस |
सैतालिस से राष्ट्र, कर रहा मक्खन-पॉलिश...
रविकर की कुण्डलियाँ
-14-
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-17-
-18-
" लो आगया वो पल ,
जिसका सबको था इन्तज़ार "....
चुनावी नतीज़ों से पहले "फिफ्थ पिल्लर करप्शन किल्लर "का सर्वे नतीज़ा ...* *राजस्थान में श्रीमती वसुंधरा राजे के नेतृत्व में सरकार बनेगी 107 भाजपा के विधायक जीतेंगे ! और श्री गंगानगर जिले में 4 भाजपा के विधायक बनेंगे !! * * सूरतगढ़ से श्री राजिंदर भादू 8000 मतों से जीतेंगे !! * * " आकर्षक - समाचार ,लुभावने समाचार " आप भी पढ़िए और मित्रों को भी पढ़ाइये .....
5TH Pillar Corruption Killer
पर
PITAMBER DUTT SHARMA
जिसका सबको था इन्तज़ार "....
चुनावी नतीज़ों से पहले "फिफ्थ पिल्लर करप्शन किल्लर "का सर्वे नतीज़ा ...* *राजस्थान में श्रीमती वसुंधरा राजे के नेतृत्व में सरकार बनेगी 107 भाजपा के विधायक जीतेंगे ! और श्री गंगानगर जिले में 4 भाजपा के विधायक बनेंगे !! * * सूरतगढ़ से श्री राजिंदर भादू 8000 मतों से जीतेंगे !! * * " आकर्षक - समाचार ,लुभावने समाचार " आप भी पढ़िए और मित्रों को भी पढ़ाइये .....
5TH Pillar Corruption Killer
पर
PITAMBER DUTT SHARMA
-19-
एक शिकायत
राम तुम्हारी नायक छवि ने
जन मानस में वास किया
प्रजावत्सल राजा को
उसने सिंहासनारूढ़ किया ...
Akanksha पर Asha Saxena
राम तुम्हारी नायक छवि ने
जन मानस में वास किया
प्रजावत्सल राजा को
उसने सिंहासनारूढ़ किया ...
Akanksha पर Asha Saxena
-20-
छंद - आल्हा
अनुशासित हैं सभी चींटियाँ, नहीं परस्पर है टकराव
मन्त्र एकता का बतलातीं, और सिखाती हैं सद्भाव ।
बचपन में थी पढ़ी कहानी , आखेटक ने डाला जाल
फँसे कबूतर परेशान थे , दिखा सामने सबको काल ...
अरुण कुमार निगम
(हिंदी कवितायेँ)
अनुशासित हैं सभी चींटियाँ, नहीं परस्पर है टकराव
मन्त्र एकता का बतलातीं, और सिखाती हैं सद्भाव ।
बचपन में थी पढ़ी कहानी , आखेटक ने डाला जाल
फँसे कबूतर परेशान थे , दिखा सामने सबको काल ...
अरुण कुमार निगम
(हिंदी कवितायेँ)
-21-
"बदल जाते हैं"
काव्यसंग्रह "सुख का सूरज" से
एक गीत
"बदल जाते हैं"
युग के साथ-साथ, सारे हथियार बदल जाते हैं।
नौका खेने वाले, खेवनहार बदल जाते हैं।।
सुख का सूरज
-22-
-23-
-24-
तुम वोही हो ...
आज अपनी शादी को 24 बरस हो गए ,
एक पुरानी लिखी रचना पर आप सबका आशीर्वाद चाहती हूँ !
जिसने पलकों से चुने हैं दर्द मेरे
तुम वोही हो पागल हमदर्द मेरे .
जिसने दुख के दरिया में ना डूबने दिया
बनकर नाव पाँव मेरा उसमें रख दिया ।
जिसने ज़िंदगी के अंधेरों में ना खोने दिया
मेरे वास्ते उजालों को गुलाम रख लिया...
गुज़ारिश पर सरिता भाटिया
आज अपनी शादी को 24 बरस हो गए ,
एक पुरानी लिखी रचना पर आप सबका आशीर्वाद चाहती हूँ !
जिसने पलकों से चुने हैं दर्द मेरे
तुम वोही हो पागल हमदर्द मेरे .
जिसने दुख के दरिया में ना डूबने दिया
बनकर नाव पाँव मेरा उसमें रख दिया ।
जिसने ज़िंदगी के अंधेरों में ना खोने दिया
मेरे वास्ते उजालों को गुलाम रख लिया...
गुज़ारिश पर सरिता भाटिया
-25-
-26-
थोड़ी थोड़ी पीया करो
और भाई साहब पार्टी के अंत में
एक ग्लास दूध ज़रूर पीजिये
किडनी का काम कम हो जाएगा
आपका ब्लॉग पर
Virendra Kumar Sharma
-27-
नेल्सन मंडेला के लिए …
अमृतरस पर डॉ. नूतन डिमरी गैरोला
-28-
डा श्याम गुप्त के पद......
कान्हा तेरी वंसी मन तरसाए |
कण-कण ज्ञान का अमृत बरसे, तन मन सरसाये |
ज्योति-दीप मन होय प्रकाशित, तन जगमग कर जाए |
तीनलोक में गूंजे यह ध्वनि, देव दनुज मुसकाये...
आपका ब्लॉग
-29-
ब्रज बांसुरी" की रचनाएँ ....
भाव अरपन ..दस -द्रौपदी की पतियाँ ..
....डा श्याम गुप्त....
भारतीय नारी
-30-
बढती उम्र
सब कहते हैं कि बढती उम्र है देती बुढ़ा इंसान को नहीं....
कदापि नहीं ,सिर्फ दो चार अपवादों को छोडकर
आम इंसान तो रोटी की जुगत में ही हो जाता है बूढ़ा...
Roshi
-31-
कार्टून :- एग्ज़िट पोल कोरी बकवास होते हैं
काजल कुमार के कार्टून
थोड़ी थोड़ी पीया करो
और भाई साहब पार्टी के अंत में
एक ग्लास दूध ज़रूर पीजिये
किडनी का काम कम हो जाएगा
आपका ब्लॉग पर
Virendra Kumar Sharma
-27-
नेल्सन मंडेला के लिए …
अमृतरस पर डॉ. नूतन डिमरी गैरोला
-28-
डा श्याम गुप्त के पद......
कान्हा तेरी वंसी मन तरसाए |
कण-कण ज्ञान का अमृत बरसे, तन मन सरसाये |
ज्योति-दीप मन होय प्रकाशित, तन जगमग कर जाए |
तीनलोक में गूंजे यह ध्वनि, देव दनुज मुसकाये...
आपका ब्लॉग
-29-
ब्रज बांसुरी" की रचनाएँ ....
भाव अरपन ..दस -द्रौपदी की पतियाँ ..
....डा श्याम गुप्त....
भारतीय नारी
-30-
बढती उम्र
सब कहते हैं कि बढती उम्र है देती बुढ़ा इंसान को नहीं....
कदापि नहीं ,सिर्फ दो चार अपवादों को छोडकर
आम इंसान तो रोटी की जुगत में ही हो जाता है बूढ़ा...
Roshi
-31-
कार्टून :- एग्ज़िट पोल कोरी बकवास होते हैं
काजल कुमार के कार्टून
बहुरंगी लिंक्स |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंआशा
Bahut hi acchi charcha.
जवाब देंहटाएंDhanywaad !
आज की मनभावन चर्चा में उल्लूक के "मुझे तो छोड़ दे कम से कम हर किसी को कुछ ना कुछ सुनाता है" की भी चर्चा करने के लिये आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर सूत्र संकलन .
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया संकलन...
जवाब देंहटाएंविविध लिंक्स.सुंदर चर्चा.
जवाब देंहटाएंक्या ख़ूब वाह!
जवाब देंहटाएंइसी मोड़ से गुज़रा है फिर कोई नौजवाँ और कुछ नहीं
बहुत बढ़िया लिंक्स ..... चैतन्य को शामिल करने का आभार
जवाब देंहटाएंब्लॉग लिखने वालों को एक मंच देने का उत्तम एवं सराहनीय प्रयास। चर्चामंच एवं रूपचन्द्र जी को हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन पब्लिक लिंक्स व बेहतरीन चर्चा , वाह , धन्यवाद
जवाब देंहटाएं॥ जै श्री ॥
बहुत ही खुबसूरत लिनक्स दिए है आपने....मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंरविवार अवकाश के लिए उत्तम लिंक्स, मुझे भी सम्मिलित करने के लिए ह्रदय से आभार...........
जवाब देंहटाएंसुन्दर बाल गीत।
जवाब देंहटाएंसुन्दर पैबन्दों को पाकर,
मखमल जैसा, टाट बन गया।
चाँदी की संगत में आकर,
लोहा भी इस्पात बन गया।।
युग के साथ-साथ, सारे हथियार बदल जाते हैं।
जवाब देंहटाएंनौका खेने वाले, खेवनहार बदल जाते हैं।।
बहुत सुन्दर रचना है।
रातों रात हालात बदल जाते हैं।
सियासत के इश्तहार बदल जाते हैं।
युग के साथ-साथ, सारे हथियार बदल जाते हैं।
नौका खेने वाले, खेवनहार बदल जाते हैं।।
सुख का सूरज
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा मंच सजाया।
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा मंच सजाया। बढ़िया सेतु सुन्दर 'उच्चारण' बंदिशें।
सुन्दर पैबन्दों को पाकर,
मखमल जैसा, टाट बन गया।
चाँदी की संगत में आकर,
लोहा भी इस्पात बन गया।।
उच्चारण
जवाब देंहटाएंकाजी तो सठिया गया, कहे उच्चतम सृंग |
अपने बस में अब नहीं, पा'जी गंगू भृंग |
बहुत सुन्दर रचना। बढ़िया कटाक्ष।
बहुत सुन्दर ...बढ़िया चर्चा मंच सजाया।
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स...मेरी रचना जोड़ने हेतु धन्यवाद...
जवाब देंहटाएंबड़े ही रोचक सूत्रों की चर्चा।
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा -
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय-