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Monday, December 30, 2013

"यूँ लगे मुस्कराये जमाना हुआ" (चर्चा मंच : अंक-1477)

मित्रों!
सोमवार के लिए मेरी पसंद के लिंक निम्नवत हैं।
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खिलती धूप 

Akanksha पर Asha Saxena 
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खाली बोतलों से बना सपनों का आशियाना 

 अपने आशियाने को अनोखा और सबसे सुंदर बनाने की हर किसी को चाहत होती है। घर के डिजाइन को लेकर कई इंजीनियरों से सलाह लेने के अलावा घंटों इंटरनेट पर बैठकर कुछ अलहदा तरीका ढूंढ़ा जाता है। ऐसा ही एक आशियाना इन दिनों मंडलेश्वर मार्ग पर प्राचीन वृद्धकालेश्वर के समीप बन रहा है...
मुझे कुछ कहना है ....पर अरुणा 
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जीवन का मंत्र.... 
एक पुरानी कहानी
बचपन में सुनी कहानी आज भी चरितार्थ है। खासकर केजारीबाल के संदर्भ में। एक बुढ़ा आदमी जब मरने लगा तो उसने अपने बेटा को बुलाकर कहा कि चलो तुमको समाज के बारे में अच्छी तरह सबक दे देता हूं। उसने एक घोड़ा मंगाया और उसके उपर खुद बैठ बेटा को लगाम पकड़ कर चलने के लिए कहा...
चौथाखंभा पर ARUN SATHI 
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तुम रहोगे दिल में हमारे... 

अलविदा २०१३
स्वागतम् २०१४
मधुर गुंजन पर ऋता शेखर मधु
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यूँ लगे मुस्कराये जमाना हुआ 
जब से श्वासों का फिर से न आना हुआ 
ख़त्म जीवन का तब से तराना हुआ । 
इस कदर चाहता मेरा दिल है तुझे 
हार कर तेरा ही अब खजाना हुआ ...
गुज़ारिश पर सरिता भाटिया
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कितने दोहरे मापदंड ! 

व्यक्ति व्यक्ति से बने 
समाज के कितने दोहरे मापदंड हैं ! 
पत्नी की मृत्यु होते उम्र से परे, 
बच्चों से परे पति के 
एकाकी जीवन की चिंता करता है 
खाना-बच्चे तो बहाना होते हैं ....
मेरी भावनायें...पर रश्मि प्रभा..
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कांग्रेस बोले तो करप्ट पार्टी 
कांग्रेस पार्टी करप्ट पार्टी के रूप में बदनाम (मशहूर )हो चुकी है। इसलिए कांग्रेस आदर्श स्केम के गिर्द गिरिफ्त में आये महाराष्ट्र के कांग्रेसियों (मौसेरे भाइयों )को हटाने का नाटक तो कर सकती है लेकिन नैतिक बल अब कांग्रेस के पास कहाँ हैं...
आपका ब्लॉग पर 

Virendra Kumar Sharma
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पिछ्ला साल गया 
थैला भर गया 
मुट्ठी भर यहाँ कह दिया
सही दफन करने से पहले 
एक नजर देख ही लिया जाये 
जाते हुऐ साल को...
उल्लूक टाईम्सपरसुशील कुमार जोशी
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ये कोशिश है परों को चाँद के फिर से कुतरने की ... 
खबर है आसमां पे कुछ सितारों के उभरने की 
ये कोशिश है परों को चाँद के फिर से कुतरने की...
स्वप्न मेरे...पर Digamber Naswa 
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व्यंग्य---ये खिसिआये हुए लोग 
आखिरकार बहुत सारे लोगों को चिढ़ाते और उनकी टिल्ली- लिल्ली करते हुए अरविन्द केजरीवाल दिल्ली की गद्दी पर बैठ ही गए. और "आप" ने देश के दिल में अपनी सरकार बना ही ली. यकीनन यह ढेर सारे लोगों के लिए एक बहुत बड़ा सदमा है. खास कर ऐसे लोगों के लिए जो आप” और उसके झाड़ू से खीझे और डरे हुए हैं. ये कत्तई नहीं चाहते थे कि उन की सरकार बने. पर बार-बार उनको उंगलिया ज़रूर रहे थे कि नंबर दो पर आये होतो क्या हुआबहुमत नहीं मिला है तो क्या हुआहिम्मत हैतो सरकार बना कर दिखाओ. जनता से जो वादे किये हैंउनको पूरा कर के दिखाओ. जैसे उनकी चहेती पार्टियों ने हमेशा ही जनता से किये हुए हर वादे को पूरा कर के दिखाया है....
रात के ख़िलाफ़ पर Arvind Kumar
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दोहा -०१ 

देखो माला काठ की,बदन कढावे छेद 
राम नाम तिस पर चढ़े,समझो सारा भेद . 
DR.JOGA SINGH KAIT JOGI
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मैं और भी निखरती रही........!!! 

साल-दर-साल गुजरते रहे...  
हम गिरते रहे सम्हलते रहे, 
यादो के धागे टूटते रहे बंधते रहे....  
उम्मीदो के सूरज छिपते रहे, 
निकलते रहे......
'आहुति' पर sushma 'आहुति' 
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गीत सुनाती माटी अपने, 
गौरव और गुमान की 
गीत सुनाती माटी अपनेगौरव और गुमान की।
दशा सुधारो अब तो लोगोंअपने हिन्दुस्तान की।।

खेतों में उगता है सोनाइधर-उधर क्यों झाँक रहे?
भिक्षुक बनकर हाथ पसारेअम्बर को क्यों ताँक रहे?
आज जरूरत धरती माँ कोबेटों के श्रमदान की।
दशा सुधारो अब तो लोगोंअपने हिन्दुस्तान की।।
उच्चारण
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"चिड़िया की कहानी" 
बाल कृति 
"हँसता गाता बचपन" से
एक बालकविता
IMG_2480 - Copyरंग-बिरंगी चिड़िया रानी। 
सबको लगती बहुत सुहानी।। 
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एक समय ऐसा भी आता। 
जब इसका मन है अकुलाता।। 
फुर्र-फुर्र बच्चे उड़ जाते। 
इसका घर सूना कर जाते।।
हँसता गाता बचपन
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नक्श फ़रियादी है .....
इक तसल्ली इक बहाना जो मिले ताखीर का 
हम न पूछेंगे खुदाया क्या सिला तदबीर का

आँख पर बाँधे हुए कानून काली पट्टियाँ
हौसला कैसे बढ़े ऐसे में दामनगीर का...

वाग्वैभव पर vandana
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14 comments:

  1. सुप्रभात
    उम्दा चर्चा
    मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |

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  2. बेहतरीन कलेक्सन ...

    ReplyDelete
  3. नव वर्ष सबके लिए मुस्कुराहटें लेकर आये...

    सुन्दर चर्चा!
    आभार!

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  4. सुन्दर प्रस्तुति-
    बढ़िया चर्चा-
    आभार आपका-

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  5. बहुत सुंदर सूत्रों से सजी आज की चर्चा में उल्लूक का "पिछ्ला साल गया थैला भर गया मुट्ठी भर यहाँ कह दिया" को स्थान देने के लिये आभार !

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  6. धन्यवाद ! मयंक जी ! मेरी रचना '' ज्यों आंखे मलते उठते हो..........'' को शामिल करने हेतु ।

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  7. विस्तृत चर्चा ... शुक्रिया मेरी गज़ल को शामिल करने का ...

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  8. अच्छे लिंक्स
    मुझे भी स्थान देने के लिए शुक्रिया

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  9. Thanks Shastri jii , for Join Aam aadmi party.

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  10. आप बड़ी सुन्दरता के साथ सभी लिंक्स को स्थान देते हैं .
    आपने मेरी पोस्ट को भी जगह दी इसके लिए भी बहुत बहुत आभार.

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  11. आपने मेरी पोस्ट को भी जगह दी इसके लिए भी बहुत बहुत आभार.डॉ.साहेब एक कष्ट देना चाहूँगा कि पोस्टर व चित्र पर हिंदी या इंग्लिश.में कैसे लिखते हैं

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  12. बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति
    आभार!

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  13. सुंदर सार्थक चर्चा...सादर आभार...नव वर्ष की मंगलकामनाएँ !!

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