नमस्कार....
आज रविवारीय चर्चा मे ई॰ राहुल मिश्रा का आप सभी को प्यार भरा नमस्कार....
आज कल सियासी गर्मागर्मी भी इस प्रचंड ठंड को रोक पाने मे असमर्थ हो रहे.....दिल्ली से लेकर अमरीका के गलियारे....जोहानिसबर्ग के मैदान मे रोंगटे खड़े करने वाले रोमांच से धूम-३ के मल्टीप्लेक्स तक....हर जगह कुछ ना कुछ बड़ा दांव पर लगा माहौल बन गया है.....!!!
जहाँ एक ओर "देवयानी" का राजनयिक कैरियर दांव पर लगा है तो दूसरी तरफ "अरविंद" का राजनीतिक कैरियर.....
वहीं एक तरफ "धोनी सेना" का वर्चश्व दांव पर लगा है तो दूसरी ओर "धूम लबेल" की साख ही दांव पर हैं ....
इतने गहमगहमी के माहौल मे यह ठंड भी अपनी प्रचंड बरसाने से बाज़ नहीं आ रही.....
अब इन सबका क्या भविष्य होता है यह तो वक्त तय करेगा पर.....
अभी हम कुछ चुनिन्दा लिंको को आपसे सांझा करते है....
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अर्चना चाओजी
१)
ये सरसराहट
और
ठंड़ी हवा की
छुअन
बीते पल
याद दिलाती है...
क्योंकि
रजाई में दुबके ही
सुबह-सुबह
कहते थे तुम-
तू बड़ी अच्छी
चाय बनाती है........
---------
वो तुम ही थे....
रश्मि शर्मा
हां
वो तुम ही थे
जो मेरी हर सांझ को
उदास किया करते थे
जो सर्द....कोहरे भरी
तवील रातों को
जाने कहां से छुपकर
आवाज दिया करते थे
---------
फूल क्या जिसने
ओस से प्यार न किया हो
भावों में बह कर उसे
बाहों में न लिया हो |
---------
निदा रहमान
सरे बाज़ार
मार दी गई
मुझे गोली
सरे बाज़ार
उड़ा दी गईं
क़ानून की धज्जियाँ
हौसला दिखाया था मैंने
हिम्मत कि थी मैंने
---------
अनुपमा पाठक
उदास हैं
सोच रहे हैं
यूँ ही...
क्या केवल
हमको ही
फ़िक्र लगी रहती है...?
सब तक पहुँचने की...
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सुषमा "आहूती"
अर्से बाद मुलाकात हुई है...
तुमसे गुजरे हर लम्हे का हिसाब लेना था...तुमसे
पर अफ़सोस चाह कर भी कहाँ बात हुई है तुमसे....
परिचित कहाँ कुछ था हमारे बीच,
इक अजनबी जैसे कोई मुलाकात हुई है तुमसे....
नजरे कही ना मिल जाये..
कोई राज ना मेरा तुमको मिल जाये,
खुद को तुमसे छुपाते-छुपाते..
इक रहस्मयी मुलाकात हुई है तुमसे....
---------
अनीता
मन, बुद्धि, चित्त आदि साधन हमें आत्मा की शक्ति को उजागर करने के लिए प्राप्त हुए हैं तथा उस शक्ति को प्रेम व आनन्द के रूप में बांटने के लिए मिले हैं. जब हम इनका उपयोग अहंकार की सेवा में करते हैं, या अपने सुख के लिए करते हैं तब दुःख को आमन्त्रण देते हैं, जब इनका उपयोग ज्ञानपूर्वक करते हैं तब सहज ही सुख पाते हैं. हमें सुख यदि खोजना पड़े तो वह हमारे योग्य नहीं है, लखपति यदि कुछ रुपयों के लिए भटकता फिरे तो उसे क्या कहा जायेगा, वैसे ही हम अनंत सुख राशि ईश्वर का अंश होने के कारण स्वयं ही वह सुख छुपाये हैं जो हमें जगत को बांटना है न कि उससे मांगना है. जगत आनंद शून्य है, ओस की बूंदों की तरह सुख का आभास मात्र दे सकता है. ज्ञान ही हमें मुक्त करता है.
---------
रमाकांत सिंह
कह दिया तुमने
ये है क्षितिज !
वो कौन सा क्षितिज?
ये मेरा क्षितिज !
वो तुम्हारा क्षितिज !
और वो अलग उसका क्षितिज !
तब क्यूँ कर एक ही क्षितिज?
दृष्टि और दृष्टिकोण पर टिका
सबका अपना क्षितिज?
---------
शालिनी कौशिक
फिरते थे आरज़ू में कभी तेरी दर-बदर ,
अब आ पड़ी मियां की जूती मियां के सर .
.............................................................
लगती थी तुम गुलाब हमको यूँ दरअसल ,
करते ही निकाह तुमसे काँटों से भरा घर .
---------
शांतनु सान्याल
उस शून्य में जब, सब कुछ खोना है
एक दिन, वो प्रतिध्वनि जो
नहीं लौटती पुष्पित
घाटियों को
छू कर,
एक अंतहीन यात्रा, जिसका कोई -
अंतिम बिंदु नहीं, वो अनुबंध
जो अदृश्य हो कर भी
चले परछाई की
---------
अनीता
क्रिसमस उसकी याद दिलाता
जो भेड़ों का रखवाला था,
आँखें करुणा से नम रहतीं
मन जिसका मद मतवाला था !
जो गुजर गया जिस घड़ी जहाँ
फूलों सी महकीं वे राहें,
दीनों, दुखियों की आहों को
झट भर लेती उसकी बाहें !
---------
डॉ (मिस)शरद सिंह
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सौरभ पांडे
आँखों के गमलों में
गेंदे आने को हैं
नये साल की धूप तनिक
तुम लेते आना
ये आये तब
प्रीत पलों में जब
करवट है
धुआँ भरा है अहसासों में
गुम आहट है
फिर भी देखो
एक झिझकती कोशिश तो की!
भले अधिक मत खुलना
तुम
पर कुछ सुन जाना
नये साल की धूप तनिक
तुम लेते आना
---------
राजीव शर्मा
कोई पा कर मरेगा
कोई खो कर मरेगा
कोई तन से मरेगाकोई मन से मरेगा
कोई लूट से मरेगाकोई टूट से मरेगा
कोई सर्वस्व पा कर मरेगा
कोई सर्वस्व खो कर मरेगा
क्यूँ न ऐसा कर जायें
मरेगा पर न वो मरेगा
---------
आज के लिए बस इतना ही अब आज्ञा दीजिये.....
धन्यवाद....!!!
आगे देखिए.."मयंक का कोना"
--
"ग़ज़ल-नाम तुम्हारा, काम हमारा"
काम तो हमारे हैं, नाम बस तुम्हारा है
पाँव तो हमारे हैं, रास्ता तुम्हारा है
लिख रहे हैं प्यार की इबारत को
बोल तो हमारे हैं, कण्ठ बस तुम्हारा है
--
मेरे सपनों का रामराज्य (भाग २ )
मेरे सपनों का रामराज्य ( भाग १ ) से आगे
शाष्टांग प्रणाम किया मैं
जगस्रष्टा ,जग नियंता को
'वर' पाकर धन्य हो गया मैं
सोचा -पहले सुधारूँगा भारत को|
सृजन मंच ऑनलाइन
--
ओशो---मैं तुम्हें प्यार करने लगी हूं.
ओशो द्वारा,विभिन्न मित्रों-प्रेमियों को लिखे गये पत्रों का संकलन—’प्रेम की झील में अनुग्रह के फूल’ में से उद्धरित एक पत्र...
मन के - मनके
--
"सुखनवर गीत लाया है"
गजल और गीत क्या है,नहीं कोई जान पाया है। हृदय की बात कहने को, कलम अपना चलाया है।।
काग़ज़ की नाव (मेरे गीत)
--
बेचारा एक आम आदमी !!!
काव्य मंजूषा पर स्वप्न मञ्जूषा
--
बस यही इक पल
आगोश
अपने में
ले रही
मौत
हर पल
अब
जो है
पल
मिट रहा
जा चुका
वह
आपका ब्लॉग पर Rekha Joshi
--
हार्ट अटैक: ना घबराये ......!!!
सहज सुलभ उपाय ....
99 प्रतिशत ब्लॉकेज को भी
रिमूव कर देता है
पीपल का पत्ता....
--
सर्द दर्द की बड़ी वजह बन सकती है
च्युइंग गम की लत
सेहत के लिए टेक्स्ट मेसेज भेजिए
मिशिगन विश्वविद्यालय ने तकरीबन १८०० लोगों को राजी किया इस बात के लिए कि वे जीवन शैली रोग मधुमेह (T2D TYPE 2 DIABETES ) से ग्रस्त लोगों तथा उनको जिन्हें इसकी चपेट में आने का जोखिम ज्यादा है टेक्स्ट मेसेज भेजेंगे जिसके तहत उन्हें उनकी रोज़मर्रा की खुराक के तहत सचेत किया जाएगा। हालाकि इस प्रोग्रेम के आखिर तक ३९ % लोग ही बने रहे लेकिन जिन्होनें इसका अनुसरण किया उन्हें लाभ हुआ।
आपका ब्लॉग पर वीरेन्द्र शर्मा
--
हर तमाशा आमीन -----
पथिक अनजाना (सतनाम सिंह साहनी )
मेरी माशूका ने कहा
काव्यक्षेत्र क्यों हुआ महत्वहीन हैं
मैंने कहा यही वह क्षेत्र हैं
जो दुनिया को जीवनदीन ...
आपका ब्लॉग
--
"बालकविता-मिक्की माउस"
--
"दोहे-जीवन के आधार"
--
फ़लक की एक्सरे प्लेट
इस ठंड मे इतनी ओस पड़ रही कि दूर छोड़िए
पास ही देख पाना मुमकिन नहीं हो पा रहा....
रेल से लेकर हवाई-जहाज सब मंद पड़ गए है.....
और ज़रा सी तेज़ी सीधा हॉस्पिटल पहुंचा दे रही लोगों को....
तो बस इसी परिपेक्ष मे हमने कुछ पंक्तियाँ लिखी हैं
ज़रा गौर कीजिएगा.....!!!
खामोशियाँ...!!!परrahul misra
--
मेरा भी हक़ बराबर है
ग़ाफ़िल की अमानत पर
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
--
प्यार की मीठी बूँद
Love पर Rewa tibrewal
--
दोस्तों से डर लगे
रहबर कभी थे आजकल राहजन होने लगे।
मूल्य सारे क्यों भला इस तरह खोने लगे...
कविता मंच पर Rajesh Tripathi
--
"ग़ज़ल-नाम तुम्हारा, काम हमारा"
काम तो हमारे हैं, नाम बस तुम्हारा है
पाँव तो हमारे हैं, रास्ता तुम्हारा है
लिख रहे हैं प्यार की इबारत को
बोल तो हमारे हैं, कण्ठ बस तुम्हारा है
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मेरे सपनों का रामराज्य (भाग २ )
मेरे सपनों का रामराज्य ( भाग १ ) से आगे
शाष्टांग प्रणाम किया मैं
जगस्रष्टा ,जग नियंता को
'वर' पाकर धन्य हो गया मैं
सोचा -पहले सुधारूँगा भारत को|
सृजन मंच ऑनलाइन
--
ओशो---मैं तुम्हें प्यार करने लगी हूं.
ओशो द्वारा,विभिन्न मित्रों-प्रेमियों को लिखे गये पत्रों का संकलन—’प्रेम की झील में अनुग्रह के फूल’ में से उद्धरित एक पत्र...
मन के - मनके
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"सुखनवर गीत लाया है"
गजल और गीत क्या है,
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बेचारा एक आम आदमी !!!
काव्य मंजूषा पर स्वप्न मञ्जूषा
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बस यही इक पल
आगोश
अपने में
ले रही
मौत
हर पल
अब
जो है
पल
मिट रहा
जा चुका
वह
आपका ब्लॉग पर Rekha Joshi
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हार्ट अटैक: ना घबराये ......!!!
सहज सुलभ उपाय ....
99 प्रतिशत ब्लॉकेज को भी
रिमूव कर देता है
पीपल का पत्ता....
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सर्द दर्द की बड़ी वजह बन सकती है
च्युइंग गम की लत
सेहत के लिए टेक्स्ट मेसेज भेजिए
मिशिगन विश्वविद्यालय ने तकरीबन १८०० लोगों को राजी किया इस बात के लिए कि वे जीवन शैली रोग मधुमेह (T2D TYPE 2 DIABETES ) से ग्रस्त लोगों तथा उनको जिन्हें इसकी चपेट में आने का जोखिम ज्यादा है टेक्स्ट मेसेज भेजेंगे जिसके तहत उन्हें उनकी रोज़मर्रा की खुराक के तहत सचेत किया जाएगा। हालाकि इस प्रोग्रेम के आखिर तक ३९ % लोग ही बने रहे लेकिन जिन्होनें इसका अनुसरण किया उन्हें लाभ हुआ।
आपका ब्लॉग पर वीरेन्द्र शर्मा
--
हर तमाशा आमीन -----
पथिक अनजाना (सतनाम सिंह साहनी )
मेरी माशूका ने कहा
काव्यक्षेत्र क्यों हुआ महत्वहीन हैं
मैंने कहा यही वह क्षेत्र हैं
जो दुनिया को जीवनदीन ...
आपका ब्लॉग
--
"बालकविता-मिक्की माउस"
मिक्की माउस कितना अच्छा।
लगता है चूहे का बच्चा।।
हँसता गाता बचपन--
"दोहे-जीवन के आधार"
-१-
शीतलता और उष्णता, जीवन के आधार।
जब तक सूरज-चन्द्रमा, तब तक ही संसार।।
-२-
चन्दा में होती नहीं, सूरज जैसी धूप।
शीतलता को बाँटता, चाँदी जैसा रूप।।...
उच्चारण--
फ़लक की एक्सरे प्लेट
इस ठंड मे इतनी ओस पड़ रही कि दूर छोड़िए
पास ही देख पाना मुमकिन नहीं हो पा रहा....
रेल से लेकर हवाई-जहाज सब मंद पड़ गए है.....
और ज़रा सी तेज़ी सीधा हॉस्पिटल पहुंचा दे रही लोगों को....
तो बस इसी परिपेक्ष मे हमने कुछ पंक्तियाँ लिखी हैं
ज़रा गौर कीजिएगा.....!!!
खामोशियाँ...!!!परrahul misra
--
मेरा भी हक़ बराबर है
ग़ाफ़िल की अमानत पर
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
--
प्यार की मीठी बूँद
Love पर Rewa tibrewal
--
दोस्तों से डर लगे
रहबर कभी थे आजकल राहजन होने लगे।
मूल्य सारे क्यों भला इस तरह खोने लगे...
कविता मंच पर Rajesh Tripathi
बहुत सुन्दर और अच्छे लिंक दिये हैं आपने रविवार की चर्चा में।
जवाब देंहटाएंराहुल मिश्रा जी आपका आभार।
सुप्रभात , बढ़िया रोचक लिंक्स व प्रस्तुति , मिश्रा जी व मंच को धन्यवाद
जवाब देंहटाएंनया प्रकाशन -: कंप्यूटर है ! - तो ये मालूम ही होगा -भाग - १
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
आशा
सुप्रभात ,
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए आभार मयंक जी |
सामयिक विषयों पर सजग दृष्टि और साहित्य पर सुदृढ़ पकड़।
जवाब देंहटाएंआभार...!
जवाब देंहटाएंअनूठे लिंक्स
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाईयाँ
अच्छी चर्चा श्रेष्ठ लाये मिश्रा राहुल जी हमारे सेतु खपाने के लिए आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक्स एकत्रित किया है , एक ही लिंक्स दो बार दिए गए हैं चेक कर लीजिये ..
जवाब देंहटाएंसहर आयेगी गाफिल फिर नै पेचीदगी लेकर
जवाब देंहटाएं,हो गई इब्तिदाए- शब- चलो सपने सजाएं कुछ ,
ले लें उस रब का भी नाम वस्ल -ए -यार से पहले।
सुन्दर भाव कनिका ,भाव ज्वार ,फुटकर शैर शायरी का अपना जलवा है भाई गाफिल
ग़ाफ़िल की अमानत पर
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
अच्छी चर्चा श्रेष्ठ लाये मिश्रा राहुल जी हमारे सेतु खपाने के लिए आभार।
दोहे जीवन का आधार ,
जवाब देंहटाएंराम नाम है सार।
-१-
शीतलता और उष्णता, जीवन के आधार।
जब तक सूरज-चन्द्रमा, तब तक ही संसार।।
-२-
चन्दा में होती नहीं, सूरज जैसी धूप।
शीतलता को बाँटता, चाँदी जैसा रूप।।
-३-
चन्दा चमका गगन में, छाया धवल प्रकाश।
लगे दमकने प्रीत से, धरा और आकाश।।
-४-
एक जगाता काम को, एक बताता काम।
देता एक थकान तो, दूजा दे आराम।।
-५-
इक दिन में इक रात में, जगा रहे हैं आस।
सूरज देता प्यास को, चाँद बुझाता प्यास।।
-६-
ओस चाटने से कभी, नहीं मिटेगी प्यास।
तारों से होती नहीं, जग में कभी उजास।।
-७-
आदिकाल से चल रहा, धूप-छाँव का खेल।
चौराहों पर राह का, हो जाता है मेल।।
मिक्की माउस कितना अच्छा।
जवाब देंहटाएंलगता है चूहे का बच्चा।।
कितना हँसमुख और सलोना।
यह लगता है एक खिलौना।।
इसकी सूरत सबसे न्यारी।
लीची जैसी आँखें प्यारी।।
तन का काला, मन का गोरा।
मुझको भाता है यह छोरा।।
सुन्दर मिक्की माउस सुन्दर उसका रूपाकार
राहुल जी, सुंदर चर्चा के लिए बधाई, मुझे इसमें शामिल करने के लिए आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारे लिंक्स संजोये हैं कुछ पर हो आयी हूँ
जवाब देंहटाएंखूबसूरत मनभावन लिंक्स से सुसज्जित मंच ! शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंबढ़िया रही आज की चर्चा।
जवाब देंहटाएंमेरी प्रविष्टी को स्थान देने के लिए आभार !
शुभकामनायें !
बहुत सुंदर चर्चा !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ....
जवाब देंहटाएंराहुल मिश्रा जी......
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा !
मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार.....
आदरणीय धन्यवाद, कि आपने मेरे नवगीत को चर्चा में शामिल किया.
जवाब देंहटाएं