आज की मंगलवारीय चर्चा में आप सब का स्वागत है राजेश कुमारी की आप सब को नमस्ते , आप सब का दिन मंगल मय हो, अब चलते हैं आपके प्यारे ब्लॉग्स पर
आज की मंगलवारीय चर्चा में आप सब का स्वागत है राजेश कुमारी की आप सब को नमस्ते , आप सब का दिन मंगल मय हो, अब चलते हैं आपके प्यारे ब्लॉग्स पर
पानी का भी कोई आकार होता है क्या ?
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बढ़ाने दोस्ती गालों पे कुछ पिम्पल निकल आये
तुम बिन सब सूना -सूना ...
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आरोग्य प्रहरी
Virendra Kumar Sharma at कबीरा खडा़ बाज़ार में
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"पनप रहा व्यभिचार" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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अलबेला खत्री का निवेदन : दामिनी के हत्यारों को फांसी मत दो प्लीज़
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लोकपाल पर आ गया, बढ़िया यह संजोग -
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मुश्किल है ये जीवन, इसे आसान करेंगे
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मीरा के प्रभु गिरधर नागर
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शिरीष कुमार मौर्य की नई कविताएँ
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Nako Lake & crossing the Danger Malling Nala
नाको लेक से खतरनाक मलिंग नाला पार करना
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मै नारी हूँ .............
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मेरा अतीत एवं मेरा वर्तमान
प्रेम सरोवर at प्रेम सरोवर -
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नज़र आती नहीं मंजिल और मेरे महबूब ..
चंद्रानी मुख़र्जी के बारे में पढ़ते हुए उनके गीतों को सुना ..कई साल बाद फिर से उनकी आवाज़ मे मधुर गीतों को सुनकर खुद भी गुनगुनाने का दिल हुआ और उनके गाये दो बहुत ही लोकप्रिय गीत मैं यहाँ पोस्ट कर रही हूँ ये दोनों बिना संगीत हैं..
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नज़र आती नहीं मंजिल और मेरे महबूब ..
चंद्रानी मुख़र्जी के बारे में पढ़ते हुए उनके गीतों को सुना ..कई साल बाद फिर से उनकी आवाज़ मे मधुर गीतों को सुनकर खुद भी गुनगुनाने का दिल हुआ और उनके गाये दो बहुत ही लोकप्रिय गीत मैं यहाँ पोस्ट कर रही हूँ ये दोनों बिना संगीत हैं..
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आगे देखिए.."मयंक का कोना"
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वादे तो वादे ही ठहरे आजकल के
चाहे वो इंसानी हो या खुदा के....
टस-से-मस ना होते....
अढ़उल हो या अगरबत्ती मानने को तैयार नहीं.....
उन्हे भी चाहिए....
नए भगवान....
नयी मिठाई....
सब कुछ चाहिए एडवांसड....
खामोशियाँ...!!! पर rahul misra
खामोशियाँ...!!! पर rahul misra
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चंदा मामा है ....दूर देश में ...
घूमते फिरते हैं .. आकाश में ...|
पल पल बढ़ते ..बढ़ते जाते ...
सूरज जैसा गोल हो जाते ...
पूर्णिमा को धवल चाँदनी
धरती पर वो फैलाते .....,
चांदनी फैली वन जंगल में
हिम आलय ओ अम्बर में...
अनुभूति पर कालीपद प्रसाद
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काव्य संग्रह "धरा के रंग" से
एक गीत
"नभ में काले बादल छाये"
बारिश का सन्देशा लाये!!
नभ में काले बादल छाये!
छम-छम बून्दें पड़ती जल की,
कल-कल करती नभ से ढलकी,
जग की प्यास बुझाने आये!
नभ में काले बादल छाये...
"धरा के रंग"
नभ में काले बादल छाये!
छम-छम बून्दें पड़ती जल की,
कल-कल करती नभ से ढलकी,
जग की प्यास बुझाने आये!
नभ में काले बादल छाये...
"धरा के रंग"
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नारी के खिलाफ़वैमनस्य भावों के
लिये समाज की
दोगली समझ को
समूल विनिष्ट करें
आईये हम खुद को
सुधारें..
अनन्याओं के लिये जीने के रास्ते साफ़ करें..
हम सदा नारी के साथ इंसाफ़ करें..!
इश्क-प्रीत-लव पर Girish Billore
behtarin links...........
जवाब देंहटाएंहार गया है लोक अब, जीत गया है तन्त्र।
जवाब देंहटाएंसिर्फ किताबों में बचे, सदाचार के मन्त्र।।
सशक्त दोहा गीत। प्रासंगिक कथा वस्तु सार लिए।
सुन्दर काव्यात्मक आख्यान गीता महात्म्य का।
जवाब देंहटाएंघनाक्षरी वाटिका |पंचम कुञ्ज (गीता-गुण-गान) द्वितीय पादप (संस्कृति-प्राण)
देवदत्त प्रसून at प्रसून -
भक्ति अपने पुत्र वैराग्य और ज्ञान संग फलती फूलती है मीरा भाव में। सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंमीरा के प्रभु गिरधर नागर
Anita at डायरी के पन्नों से -
आशा अपने राम को, नारायण आशीष ।
जवाब देंहटाएंखड़ा बड़ा साम्राज्य हो, दर्शन की हो फीस ।
जोड़े रकम अकूत ।
नाम करेगा पूत ।। १॥
बहुत खूब .
मार्मिक प्रसंग लिए है लघु कथा। रोज़ की घटना है यहाँ बलात्कार।
जवाब देंहटाएंवार्षिक रिपोर्ट (लघु कथा )
Rajesh Kumari at HINDI KAVITAYEN ,AAPKE VICHAAR -
जवाब देंहटाएंनित नए कीर्तिमान ,
प्रभु जाट देवता के नाम।
Nako Lake & crossing the Danger Malling Nala नाको लेक से खतरनाक मलिंग नाला पार करना
SANDEEP PANWAR at जाट देवता का सफर/journey
चर्चा मंच में संसामयिक सूत्र |जाट देवता का सफर में चित्र बहुत सुन्दर हैं |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंसुन्दर, रोचक व पठनीय सूत्र।
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा-
जवाब देंहटाएंआभार दीदी-
सुन्दर सूत्र !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा ! उल्लूक का "कुत्ते का भौंकना भी सब की समझ में नहीं आता है पुत्र" को शामिल करने के लिये आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत रोचक विविध रंगी सूत्र...आभार !
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा ! "चंदा मामा " को शामिल करने लिए आभार मयंक जी |
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar charcha.
जवाब देंहटाएंबढ़िया अच्छे लिंक्स , धन्यवाद मंच
जवाब देंहटाएंअच्छा सियासी मज़मून चुना है आज के चर्चा मंच पर , सराहनीय !
जवाब देंहटाएंउम्दा लिनक्स संयोजन .मेरी रचना को शामिल करने का शुक्रिया शास्त्री जी
जवाब देंहटाएंसशक्त लघु कथा परिवेश संसिक्त कथानक।
जवाब देंहटाएंवार्षिक रिपोर्ट (लघु कथा )
Rajesh Kumari at HINDI KAVITAYEN ,AAPKE VICHAAR -
जवाब देंहटाएंबारिश का सन्देशा लाये!!
नभ में काले बादल छाये!
छम-छम बून्दें पड़ती जल की,
कल-कल करती नभ से ढलकी,
जग की प्यास बुझाने आये!
नभ में काले बादल छाये!
सुन्दर बाल गीत सहज सुबोध बाल शैली
बढ़िया अच्छे लिंक्स , धन्यवाद .
जवाब देंहटाएंताल-मेल का ताल, डुबकियां "आप" लगाएं
जवाब देंहटाएंदायें बायें जाय के, कैसे काटूं कान |
कूट कूट कर जो भरा, काया में ईमान |
काया में ईमान, बिठाया लोकपाल भी |
बहुत बजाया गाल, दिया है साथ ताल भी |
ताल-मेल का ताल, डुबकियां आप लगाएं |
*कूटकर्म से मार, मछलियां दायें-बायें ||
लोकपाल विधेयक पर राहुल
लोकपाल विधेयक पर राहुल बाबा ऐसे बोल रहें हैं जैसे पकी पकाई खिचड़ी के बाद कोई कहे -भाई साहब मैंने
ही ये चावल थे। अपने जन्म से पहले से मैं इस विधेयक पे काम कर रहा हूँ। हालत ये है पस्त कांग्रेसियों की -
हाथ न मुठ्ठी फड़फड़ा उठ्ठी। कोई न कोई मुद्दा चाहिए वोट कबाड़ने के लिए चाहे फिर वह समलिंगी सेक्स हो या
लोकपाल विधेयक।शहज़ादे के अभिषेक से पहले उसे कुछ करते हुए दिखना भी चाहिए।
गांगुली वाले मुद्दे पे पता नहीं शहज़ादा क्या सोचके चुप है हालाकि इनके क़ानून मंत्री सुप्रीम कोर्ट के कंधे पे
रखके बन्दूक चलाते दिख रहे हैं।ये राजनीति के धंधे बाज़ खुद कुछ नहीं करेंगे। जो कुछ करे न्यायिक संस्था
ही करे। सबूत भी वही जुटाए। प्राथमिकी (,प्रथम दृष्टया FIR)भी वाही दर्ज़ कराये। ये राजनीति के धंधे बाज़
सिर्फ गाल बजायेंगें। न इनके तहत काम करने वाली पुलिस प्राथमिकी दर्ज़ करेगी न सबूत जुटाएगी। बिन
किये का श्रेयस लेना चाहते हैं ये कांग्रेसी।
उपयोगी लिंकों के साथ सार्थक चर्चा के लिए आभार।
जवाब देंहटाएंbahut sundar links se susajjit charcha
जवाब देंहटाएंनभ में काले बादल छाये!
जवाब देंहटाएंछम-छम बून्दें पड़ती जल की,
कल-कल करती नभ से ढलकी,
जग की प्यास बुझाने आये!
नभ में काले बादल छाये!
सुन्दर बाल गीत सहज सुबोध बाल शैली
मौसम की मिज़ाज़ पुरसी करता बेहतरीन गीत।
मौलिक सवाल है यह जो उन लोगों से पूछा जाना चाहिए जो समलिंगी उच्छृंखलता पर गला फाड़के चिल्ला रहे हैं। जिस देश की आधी आबादी अ -रक्षित है घर बाहर वहाँ आप मौलिक अधिकारों और परसनल स्पेस की बता करते हैं।
जवाब देंहटाएं--
'निर्भया' के एक साल बाद, एक सवाल
शब्द-शिखर पर Akanksha Yadav
डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा
जवाब देंहटाएंदेकर ...
किरणों से ...
थोडा सा तेज ..
थोड़ा सा रूप ..
बना दो न दिनकर ..
मुझ को भी ....धूप ..
दीप्त दामिनी सी रह - रह कर अपना भान कराती जाना ,
मधुर कण्ठ से मृदुल सुकोमल स्वरमय तान सुनाती जाना |
अस्तित्व मिटे न भीड़ भरे... इन चौराहों पर कहीं तुम्हारा ;
नारी बन अंगार अलग स्वयं की पहचान बनाती जाना ......
सत्यं , शिवम् ,सुन्दरम् के सृजन के लिए ..और ..अमंगल के दहन के लिए यह अग्नि सदैव जीवित ..जाग्रत रहे ऐसी कामना के साथ ...
...सजल नयन ...श्रद्धांजलि ...निर्भया !
मार्मिक काव्यात्मक श्रृद्धांजलि-
नारी जागरण की प्रतीक उस पुण्य आत्मा को प्रणाम।
श्रद्धांजलि ...निर्भया !
ज्योति-कलश
बहुत ही उम्दा,रोचक सूत्र...!
जवाब देंहटाएंRECENT POST -: एक बूँद ओस की.
इस चर्चा में बहुत अच्छे लिंक मिले .
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट को आपने अपने पृष्ठ पर स्थान दिया ,बहुत -बहुत आभार.
चर्चामंच पर शिरकत करने वाले आप सभी का हार्दिक आभार .
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति ....मेरी भावाभिव्यक्ति को मिले आपके स्नेह और सम्मान के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंसादर !