आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
दिल्ली में आप का टेस्ट हो रहा है और जोहांसबर्ग में भारतीय टीम का | भारतीय टीम तो उम्मीद से बेहतर कर रही है, ( 255/5 ) अच्छा स्कोर है ये , कोहली ने शतक ठोंक दिया है , पहला दिन निकल गया है, लेकिन दिल्ली में केजरीवाल और उसकी टीम पिच पर उतरेगी या नहीं इसका इन्तजार है | झाडू कचरा साफ़ करेगा बड़ी उम्मीद थी , लेकिन अब शंकाएं बढने लगी हैं लेकिन उम्मीद पर दुनिया कायम है |
शास्त्री जी तो झाडू पर नवगीत भी रच चुके हैं
झाड़ुएँ सवाँर लो
लेकिन आप का झाडू रास्ते बुहारेगा
या यह हवा में उछल कूदकर थक जाएगा
यह देखना है...
झाड़ुएँ सवाँर लो
लेकिन आप का झाडू रास्ते बुहारेगा
या यह हवा में उछल कूदकर थक जाएगा
यह देखना है...
चलते हैं चर्चा की ओर
आभार
दिलबाग
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आगे देखिए... "मयंक का कोना"
--
सबसे पहले कुछ लिंक
"आपका ब्लॉग" से
ध्वजावरोहन समारोह वाघा बार्डर.. एक संस्मरण
दिन धीरे धीरे साँझ में ढल रहा था ,हमारी कार अमृतसर से लाहौर की तरफ बढ़ रही थी ,वाघा के नजदीक बी एस एफ के हेडक्वाटर से थोड़ी दूर आगे ही दो बी एस एफ के जवानो ने हमारी कार को रोका ,मेरे पतिदेव गाडी से नीचे उतरे और उन्हें अपना आई कार्ड दिखाया और उनसे आगे जाने की अनुमति ली |आगे भी कड़ी सुरक्षा के चलते हम तीन चार बार अनुमति लेने के बाद वाघा बार्डर पहुच गये | कार पार्किंग में ,छोड़ हम भारत पाक सीमा की ओर पैदल ही बढने लगे| सूरज की तीखी धूप सामने से हमारे चेहरों पर पड़ रही थी ,उधर से लाउड स्पीकर पर जोशीला गाना ,''चक दे ,ओ चक दे इण्डिया ''हम सब की रगों में एक अजब सा जोश भर रहा था....
रेखा जोशी
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बधाई राहुल बाबा
आप इसी तरह राष्ट्रीय मुद्दों पर
अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराइये।
कभी कभार इंदिरा के पोते की तरह
दृढ़ भी दिखिए।
--
सेहतनामा
(१)
Combining the bananas with a bit of protein will help to normalize the insulin response caused by sugar in the banana .
भले केले में कम्प्लेक्स शुगर (सुपाच्य शक्कर )रहती है लेकिन इसे यदि कुछ प्रोटीनों के साथ खाया जाए तब इसमें मौज़ूद शुगर के प्रति इन्सुलिन हारमोन की प्रतिक्रिया संयत और स्थिर किस्म की रहेगी...
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लोकपाल विधेयक पर
राहुल बाबा ऐसे बोल रहें हैं
जैसे पकी पकाई खिचड़ी के बाद कोई कहे
-भाई साहब मैंने ही ये चावल बोये थे
जिनकी खिचड़ी आज आप खा रहे हैं।
वीरेन्द्र शर्मा
--
अब आ पड़ी मियां की जूती मियां के सर .
फिरते थे आरज़ू में कभी तेरी दर-बदर ,
अब आ पड़ी मियां की जूती मियां के सर ...
Mushayera पर Shalini Kaushik
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पूँछे हगना-मूतना, जाय जाय हर वार्ड-
प्रीत (हाइकु)
1.
प्रीत की डोरी
ख़ुद ही थी जो बाँधी
ख़ुद ही तोड़ी ।
2.
प्रीत रुलाए
मन को भरमाए
पर टूटे न ।...
लम्हों का सफ़र पर डॉ. जेन्नी शबनम
--
झुलसा मन
Sudhinama पर sadhana vaid
--
महामानव होने की ओर यात्रा
लो क सं घ र्ष ! पर Randhir Singh Suman
--
एक संवेदनशील वक्त में
कई लोग एक चित्र को
एक तरफ से देख रहे थे और
कई लोग दूसरी तरफ से
कुछ ऐसे भी लोग थे
जो एक चित्र को
कई कोनो से देख सकते थे...
हमसफ़र शब्द पर संध्या आर्य
--
नौकर पुराण
अलसाई.शिथिल .सपनों में रहती अक्सर वो खोई
अभी -अभी ही तो वो देख रही थी सुंदर सपना
लगातार बजती दरवाजे की घंटी ने था तोडा सपना
बाई का था मरद खड़ा दरवाजे पर यमदूत सा...
Roshi
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हास्यकवि अलबेला खत्री की 101 नि:शुल्क प्रस्तुतियां
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Albela Khtari
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वह तुम्हे मंज़र याद है.....!
''कमलेश' नहीं मलाल ,उस कीमत की मुझे ,
जो चुकाई हमने , वो मेरा दिले-सकून था. ....
के.सी.वर्मा ''कमलेश'' पर
कमलेश भगवती प्रसाद वर्मा
--
पापा कहते हैं बड़ा , नाम करेगा ...
पापा कहते हैं बड़ा , नाम करेगा पूत
होगी बेटे से अहा , वंश - बेल मजबूत
वंश - बेल मजबूत , गर्भ में बेटी मारी
क्यों बेटे की चाह , बनी इनकी लाचारी
नहीं करो यह पाप,नहीं खोना अब आपा
बेटा - बेटी एक , समझ लो मम्मी-पापा...
अरुण कुमार निगम (हिंदी कवितायेँ)
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मैंने अभी तक क्यों नहीं बनाया कोई झाड़ू ?
यह एक छोटी -सी चीज हुआ करती है ; बेहद मामूली ,नितान्त नगण्य। अक्सर इसे निगाहों से दूर छिपाकर , अलोप कर रखा जाता है। अक्सर यह भी लगता है यह बेहद जरूरी चीज भी है। तमाम कूड़ा - कर्कट को साफ करने , बुहारने की बात जब आती है तो याद आता है झाड़ू। एक शब्द के रूप में इसकी अभिधा तो है ही अपनी अन्यान्य (शब्द) शक्तियों के रूप में यह लक्षणा और व्यंजना के बहुविध रूपों में भी हमारे हिस्से की दुनिया में उपस्थित है। आजकल समाचार - विचार की चाक्षुष दुनिया में यह पर्याप्त चर्चा में है। खैर, आइए ; विश्व कविता के वृहत्तर संसार में प्रविष्ट होते हुए आज पढ़ते हैं साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित चिली के महान कवि पाब्लो नेरुदा (१९०४-१९७३) की इस कविता का अनुवाद...
दोषी
अपने आप को दोषी घोषित करता हूँ मैं
कि दिए गए इन हाथों सेनहीं बनाया एक झाड़ू तक...
कर्मनाशा पर siddheshwar singh
--
अन्ना अनशन त्याग, लड़ाई बड़ी बची है-
काना राजा भी भला, हम अंधे बेचैन |
सहमत हम सब मतलबी, प्यासे कब से नैन...
"लिंक-लिक्खाड़" पर रविकर
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मेरे सपनों का रामराज्य
सुन सुन कर नेताओं के कोमल कर्कश वाणी ,
क्या समझे और क्या न समझे हमें होती है हैरानी |
सोचते सोचते आँख लग गई देखा एक सपना अनोखा ,
विष्णुलोक पहुँच गया मैं...
सृजन मंच ऑनलाइन पर कालीपद प्रसाद
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"सुहाना लगता है"
सुख का सूरज
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कार्टून :-
'आप' की सरकार बनी तो यूं बनेगी, बस...
काजल कुमार के कार्टून
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आगे देखिए... "मयंक का कोना"
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सबसे पहले कुछ लिंक
"आपका ब्लॉग" से
ध्वजावरोहन समारोह वाघा बार्डर.. एक संस्मरण
दिन धीरे धीरे साँझ में ढल रहा था ,हमारी कार अमृतसर से लाहौर की तरफ बढ़ रही थी ,वाघा के नजदीक बी एस एफ के हेडक्वाटर से थोड़ी दूर आगे ही दो बी एस एफ के जवानो ने हमारी कार को रोका ,मेरे पतिदेव गाडी से नीचे उतरे और उन्हें अपना आई कार्ड दिखाया और उनसे आगे जाने की अनुमति ली |आगे भी कड़ी सुरक्षा के चलते हम तीन चार बार अनुमति लेने के बाद वाघा बार्डर पहुच गये | कार पार्किंग में ,छोड़ हम भारत पाक सीमा की ओर पैदल ही बढने लगे| सूरज की तीखी धूप सामने से हमारे चेहरों पर पड़ रही थी ,उधर से लाउड स्पीकर पर जोशीला गाना ,''चक दे ,ओ चक दे इण्डिया ''हम सब की रगों में एक अजब सा जोश भर रहा था....
रेखा जोशी
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बधाई राहुल बाबा
आप इसी तरह राष्ट्रीय मुद्दों पर
अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराइये।
कभी कभार इंदिरा के पोते की तरह
दृढ़ भी दिखिए।
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सेहतनामा
(१)
Combining the bananas with a bit of protein will help to normalize the insulin response caused by sugar in the banana .
भले केले में कम्प्लेक्स शुगर (सुपाच्य शक्कर )रहती है लेकिन इसे यदि कुछ प्रोटीनों के साथ खाया जाए तब इसमें मौज़ूद शुगर के प्रति इन्सुलिन हारमोन की प्रतिक्रिया संयत और स्थिर किस्म की रहेगी...
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लोकपाल विधेयक पर
राहुल बाबा ऐसे बोल रहें हैं
जैसे पकी पकाई खिचड़ी के बाद कोई कहे
-भाई साहब मैंने ही ये चावल बोये थे
जिनकी खिचड़ी आज आप खा रहे हैं।
वीरेन्द्र शर्मा
--
अब आ पड़ी मियां की जूती मियां के सर .
फिरते थे आरज़ू में कभी तेरी दर-बदर ,
अब आ पड़ी मियां की जूती मियां के सर ...
Mushayera पर Shalini Kaushik
--
पूँछे हगना-मूतना, जाय जाय हर वार्ड-
जमा विधायक आप के, खेल शर्तिया कार्ड |
पूँछे हगना-मूतना, जाय जाय हर वार्ड |
जाय जाय हर वार्ड, सतत नौटंकी चालू |
कहीं जाय ना रपट, सड़क सत्ता की ढालू...
--प्रीत (हाइकु)
1.
प्रीत की डोरी
ख़ुद ही थी जो बाँधी
ख़ुद ही तोड़ी ।
2.
प्रीत रुलाए
मन को भरमाए
पर टूटे न ।...
लम्हों का सफ़र पर डॉ. जेन्नी शबनम
--
झुलसा मन
Sudhinama पर sadhana vaid
--
महामानव होने की ओर यात्रा
लो क सं घ र्ष ! पर Randhir Singh Suman
--
एक संवेदनशील वक्त में
कई लोग एक चित्र को
एक तरफ से देख रहे थे और
कई लोग दूसरी तरफ से
कुछ ऐसे भी लोग थे
जो एक चित्र को
कई कोनो से देख सकते थे...
हमसफ़र शब्द पर संध्या आर्य
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नौकर पुराण
अलसाई.शिथिल .सपनों में रहती अक्सर वो खोई
अभी -अभी ही तो वो देख रही थी सुंदर सपना
लगातार बजती दरवाजे की घंटी ने था तोडा सपना
बाई का था मरद खड़ा दरवाजे पर यमदूत सा...
Roshi
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हास्यकवि अलबेला खत्री की 101 नि:शुल्क प्रस्तुतियां
--
Albela Khtari
--
वह तुम्हे मंज़र याद है.....!
''कमलेश' नहीं मलाल ,उस कीमत की मुझे ,
जो चुकाई हमने , वो मेरा दिले-सकून था. ....
के.सी.वर्मा ''कमलेश'' पर
कमलेश भगवती प्रसाद वर्मा
--
पापा कहते हैं बड़ा , नाम करेगा ...
पापा कहते हैं बड़ा , नाम करेगा पूत
होगी बेटे से अहा , वंश - बेल मजबूत
वंश - बेल मजबूत , गर्भ में बेटी मारी
क्यों बेटे की चाह , बनी इनकी लाचारी
नहीं करो यह पाप,नहीं खोना अब आपा
बेटा - बेटी एक , समझ लो मम्मी-पापा...
अरुण कुमार निगम (हिंदी कवितायेँ)
--
मैंने अभी तक क्यों नहीं बनाया कोई झाड़ू ?
यह एक छोटी -सी चीज हुआ करती है ; बेहद मामूली ,नितान्त नगण्य। अक्सर इसे निगाहों से दूर छिपाकर , अलोप कर रखा जाता है। अक्सर यह भी लगता है यह बेहद जरूरी चीज भी है। तमाम कूड़ा - कर्कट को साफ करने , बुहारने की बात जब आती है तो याद आता है झाड़ू। एक शब्द के रूप में इसकी अभिधा तो है ही अपनी अन्यान्य (शब्द) शक्तियों के रूप में यह लक्षणा और व्यंजना के बहुविध रूपों में भी हमारे हिस्से की दुनिया में उपस्थित है। आजकल समाचार - विचार की चाक्षुष दुनिया में यह पर्याप्त चर्चा में है। खैर, आइए ; विश्व कविता के वृहत्तर संसार में प्रविष्ट होते हुए आज पढ़ते हैं साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित चिली के महान कवि पाब्लो नेरुदा (१९०४-१९७३) की इस कविता का अनुवाद...
दोषी
अपने आप को दोषी घोषित करता हूँ मैं
कि दिए गए इन हाथों सेनहीं बनाया एक झाड़ू तक...
कर्मनाशा पर siddheshwar singh
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अन्ना अनशन त्याग, लड़ाई बड़ी बची है-
काना राजा भी भला, हम अंधे बेचैन |
सहमत हम सब मतलबी, प्यासे कब से नैन...
"लिंक-लिक्खाड़" पर रविकर
--
मेरे सपनों का रामराज्य
सुन सुन कर नेताओं के कोमल कर्कश वाणी ,
क्या समझे और क्या न समझे हमें होती है हैरानी |
सोचते सोचते आँख लग गई देखा एक सपना अनोखा ,
विष्णुलोक पहुँच गया मैं...
सृजन मंच ऑनलाइन पर कालीपद प्रसाद
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"सुहाना लगता है"
काव्यसंग्रह "सुख का सूरज" से
एक गीत
"सुहाना लगता है"
सबको अपना आज सुहाना लगता है।
छिपा हुआ हर राज सुहाना लगता है।।
उडने को आकाश पड़ा है,
पुष्पक भी तो पास खड़ा है,
पंछी को परवाज सुहाना लगता है।
छिपा हुआ हर राज सुहाना लगता है...
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कार्टून :-
'आप' की सरकार बनी तो यूं बनेगी, बस...
काजल कुमार के कार्टून
ओह...आज तो बहुत सारे लिंक हो गये है।
जवाब देंहटाएं--
मगर क्या करें... आप ब्लॉगिंग कीजिए हम आपके लिंकों को चर्चा मंच पर सजाते रहेंगे।
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आदरणीय दिलवाग विर्क जी का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।
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सुप्रभात। गुरूवार आपको मंगलमय हो।
बहुत सुन्दरता से आज की चर्चा को सजाया है , सुन्दर सूत्र ..
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा.
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा-
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय-
sundar sanklan-meree rachna sammilit karne ka dhanywaad
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक्स दिए है दिलबाग जी,
जवाब देंहटाएंअवश्य पढूंगी , चर्चा मंच में मुझे शामिल करने का
बहुत बहुत आभार !
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबड़े ही सुन्दर सूत्र एकत्र किये हैं, आभार
जवाब देंहटाएंसुन्दर, हमेशा की तरह....शुक्रिया
जवाब देंहटाएंकुछ लिंक पढ़े कुछ बाकी है.... सब एक पर एक है...:)
जवाब देंहटाएंमेरी रचना इन सब महारथिओं के साथ संलग्न करने के लिए धन्यवाद बहुत बहुत !!
सुंदर चर्चा...बहुत सारे लिंक्स हैं आज तो...मेरी रचना को शामिल करने का शुक्रिया..
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्रों का सुन्दर पिटारा..हार्दिक आभार..
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक संयोजन ! आभार मेरी रचना को शामिल करने के लिए !
जवाब देंहटाएंसुंदर सार्थक सूत्रों से सुसज्जित इस मंच पर मेरी प्रस्तुति को भी आपने सम्मिलित किया इसके लिये आपका बहुत-बहुत आभार शास्त्री जी !
जवाब देंहटाएंसही ..आज काफी सूत्र होगये पर पठनीय हैं...आभार....
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ..
जवाब देंहटाएंदिलबाग की बाग बाग करती चर्चा में
जवाब देंहटाएंउल्लूक का छपा दिखा एक पर्चा :)
"देख समय अभी आगे और क्या क्या दिखाता है"
को स्थान देने के लिये आभार !
nice presentation.thanks to give place to my post mayank ji .
जवाब देंहटाएंTahe dil se shukriya aur aabhaar aapka ! pathaniy links mile aur susangathit post !
जवाब देंहटाएं