मित्रों।
सोमवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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नौ नवंबर:एक और वर्षगाँठ
नौ नवंबर एक और वर्षगाँठ है.इस साल नौ नवंबर को अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर के शिलान्यास के पचीस साल हो जाएँगे.यह मात्र एक मंदिर का नहीं,हिंदू राष्ट्र का शिलान्यास है,अशोक सिंघल ने शिलान्यास के बाद कहा था.1989 कई दृष्टियों से घटनापूर्ण वर्ष था.यूरोप में बर्लिन की दीवार का दरवाज़ा नौ नवंबर को ही खोल दिया गया जिससे पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी के लोग आसानी से आ-जा सकें.यह बर्लिन की दीवार के ढहने की शुरुआत थी.राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्थक जय दुबांशी ने लिखा,“इधर एक मंदिर खड़ा हो रहा था और उधर एक मंदिर ढह रहा था.”...
Kafila
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नौ नवंबर:एक और वर्षगाँठ
नौ नवंबर एक और वर्षगाँठ है.इस साल नौ नवंबर को अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर के शिलान्यास के पचीस साल हो जाएँगे.यह मात्र एक मंदिर का नहीं,हिंदू राष्ट्र का शिलान्यास है,अशोक सिंघल ने शिलान्यास के बाद कहा था.1989 कई दृष्टियों से घटनापूर्ण वर्ष था.यूरोप में बर्लिन की दीवार का दरवाज़ा नौ नवंबर को ही खोल दिया गया जिससे पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी के लोग आसानी से आ-जा सकें.यह बर्लिन की दीवार के ढहने की शुरुआत थी.राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्थक जय दुबांशी ने लिखा,“इधर एक मंदिर खड़ा हो रहा था और उधर एक मंदिर ढह रहा था.”...
Kafila
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बेवफाई
शाम ढलते ही याद आती है वो ।
बिछड़ के भी कितना सताती है वो ।।
वो भी एक दौर थाए हर शाम उनके नाम थी ।
आज भी, यूँ शाम अपने नाम करवाती है वो...
साथी
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शाम ढलते ही याद आती है वो ।
बिछड़ के भी कितना सताती है वो ।।
वो भी एक दौर थाए हर शाम उनके नाम थी ।
आज भी, यूँ शाम अपने नाम करवाती है वो...
साथी
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सुंदर वन चंचल चितवन,
और तुम्हारा ये भोलापन.
वाह क्या बात है!
होठों पर लाली,
तेरी चाल मतवाली,
और मेरा जेब खाली.
वाह क्या बात है!...
Nitish Tiwary
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यस्य सत्ता न अस्ति
एवं गते तद् प्रतीयते
अर्थात जिसकी सत्ता नहीं है
पर वह प्रतीत हो वह माया है
रँगी को नारंगी कहे ,देख कबिरा रोया।
चलती को गाड़ी कहे ,खरे दूध का खोया..
चलती को गाड़ी कहे ,खरे दूध का खोया..
आपका ब्लॉग पर
Virendra Kumar Sharma
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ये क्रांति लाना चाहता हूं...
तुम दे दो अपने शब्द मुझे,
मैं गीत बनाना चाहता हूं,
सोए हैं जो निदरा में,
मैं उन्हेे जगाना चाहता हूं...
मन का मंथन। पर kuldeep thakur
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गुमशुदा नवम्बर...
नवंबर महीने में इतना एटीट्यूड क्यों होता है...
पता नहीं...
लेकिन उसका एटीट्यूड अक्सर जायज ही लगता है.
उसके कंधों पर से
गुनगुनी धूप उतार लेने का जी चाहता है...
Pratibha Katiyar
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आंवला चूर्ण
आंवला हमारे दाँतों और मसूड़ों को स्वस्थ और मजबूत बनाता है। स्नायु रोग, ह्रदय की बेचैनी, मोटापा, ब्लडप्रेशर, गर्भाशय दुर्बलता, नपुंसकता, चर्मरोग, मूत्ररोग एवं हड्डियों आदि रोगों में आंवला बहुत ही उपयोगी होता है। आंवले की मुख्य खासियत यह है की इसके विटामिन्स गर्म करने या सुखाने से भी नष्ट नहीं होते! अत: आज मैं आपको आंवला चूर्ण बनाने की एकदम सरल विधि बताउंगी...
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अपने होटों पे सदा हम तो दुआ रखते हैं
बे-वफाओं से भी हम तो....अब वफ़ा रखते हैं |
है हुनर चुपके से धड़कन में.....उतर जाने का,
चाहे दुश्मन जो बहुत...दिल में सजा रखते हैं ...
Harash Mahajan
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नपुंसक......
मै सोच रहा था - जो व्यक्ति हमसे कोई रिश्ता नाता ना होते हुये भी, हमेशा से हमारी खुशियों मे बिना बुलाये ही शरीक होता है , हमारे बच्चों को दुआयें देता है, हमारे सुखी जीवन के लिये ढेरों आशीष देता है, जिसके लिये हम कहते हैं कि इनकी दुआ कभी खाली नही जाती, आज मरने के बाद उसकी ये स्थिति की सडक पर लावारिश लाश की तरह पडा - अपनी बिरादरी के चार लोगों का इन्तजार कर रहा है, शायद लावारिश से भी बुरी स्थिति है...
palash "पलाश"
मै सोच रहा था - जो व्यक्ति हमसे कोई रिश्ता नाता ना होते हुये भी, हमेशा से हमारी खुशियों मे बिना बुलाये ही शरीक होता है , हमारे बच्चों को दुआयें देता है, हमारे सुखी जीवन के लिये ढेरों आशीष देता है, जिसके लिये हम कहते हैं कि इनकी दुआ कभी खाली नही जाती, आज मरने के बाद उसकी ये स्थिति की सडक पर लावारिश लाश की तरह पडा - अपनी बिरादरी के चार लोगों का इन्तजार कर रहा है, शायद लावारिश से भी बुरी स्थिति है...
palash "पलाश"
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मुझे आदत नही है हंसने की
बेवजह भी हंसा देते हो तुम
थक कर कब्र में सो जाता हूँ मै
सुबह नींद से जगा देते हो तुम...
डॉ. अजीत
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"गीत-मतलब की सब दुनियादारी"
आपाधापी की दुनिया में,
आपाधापी की दुनिया में,
मतलब की सब दुनियादारी।
दुनियादारी के मेले में,
आज बन गये सब व्यापारी...
सुस्वागतम सुप्रभात का
जवाब देंहटाएंउम्दा सूत्र संयोजन कई रंग के सूत्रों से |
मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |
सुंदर चर्चा....
जवाब देंहटाएंआभार मुझे भी स्थान दिया....
बहुत सुंदर प्रस्तुति । 'उलूक' आभारी है सूत्र 'हैप्पी बर्थ डे उत्तराखंड' को स्थान दिया ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही आकर्षक ढंग से लिंक दिए गए हैं। शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए धन्यवाद...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन उम्दा रचनाओं के मध्य मेरी रचना को स्थान देने के लिए शुक्रिया...!!!
जवाब देंहटाएंमनमोहक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा रही
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...आभार!
जवाब देंहटाएंनमस्कार
जवाब देंहटाएंआपने मेरी रचना को स्थान दिया, आपका बहुत बहुत आभार
अच्छी चर्चा
आदरणीय मयंक जी मेरी रचना ''*मुक्त-मुक्तक : 634 - चीज़ आड़ी सी......... ''को स्थान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद...
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जवाब देंहटाएंबढ़िया रहा चर्चा मंच। हमारे सेतु को खपाने के लिए आभार।
बढ़िया रहा चर्चा मंच। हमारे सेतु को खपाने के लिए आभार। बहुत सुन्दर रचना है :
जवाब देंहटाएंसजे-धजे परिधान छोड़कर,
अंगों का हो रहा प्रदर्शन,
सोच हो गयी आज घिनौनी,
घटा “रूप” का सब आकर्षण,
भूल गये हैं शब्द लाज का,
फैशन की पनपी बीमारी।
दुनियादारी के मेले में,
आज बन गये सब व्यापारी।।
बढ़िया ग़ज़ल है खबर लेती है प्यार जताने वालों की। प्यार करना और बात है।
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"गजल"
मुझे आदत नही है हंसने की
बेवजह भी हंसा देते हो तुम
थक कर कब्र में सो जाता हूँ मै
सुबह नींद से जगा देते हो तुम...
डॉ. अजीत
बहुत सुन्दर लिंक !
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