मित्रों।
सबसे पहले आप सबको
नव वर्ष आपके जीवन में
ढेर सारी खुशियों के लेकर आये
यही कामना करता हूँ।
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पिछले दो वर्ष ब्लॉगिंग के लिए
अच्छे नहीं रहे हैं।
क्योंकि लगभग सारे के सारे ब्लॉगर
ब्लॉगिंग की बजाय फेसबुक पर
अपनी पोस्ट लगाने लगे थे।
मगर आज मुझे फिर से आभास हो रहा है कि
यह वर्ष ब्लॉगिंग के दृष्टिकोण से
बहुत अच्छा रहेगा।
जिसका प्रमाण साल के पहले ही दिन
ये ढेर सारे लिंक हैं।
नहीं तो लिंक खोजने में तो
नानी याद आ जाती थी
और टिप्पणियों का तो
ब्लॉग पोस्टों पर अकाल सा पड़ गया था।
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देखिए नये साल में
मेरी पसन्द के निम्न लिंक...
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पिछले दो वर्ष ब्लॉगिंग के लिए
अच्छे नहीं रहे हैं।
क्योंकि लगभग सारे के सारे ब्लॉगर
ब्लॉगिंग की बजाय फेसबुक पर
अपनी पोस्ट लगाने लगे थे।
मगर आज मुझे फिर से आभास हो रहा है कि
यह वर्ष ब्लॉगिंग के दृष्टिकोण से
बहुत अच्छा रहेगा।
जिसका प्रमाण साल के पहले ही दिन
ये ढेर सारे लिंक हैं।
नहीं तो लिंक खोजने में तो
नानी याद आ जाती थी
और टिप्पणियों का तो
ब्लॉग पोस्टों पर अकाल सा पड़ गया था।
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देखिए नये साल में
मेरी पसन्द के निम्न लिंक...
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"नये साल का सूरज"
मैं नये साल का सूरज हूँ,
हरने आया हूँ अँधियारा।
मैं स्वर्णरश्मियों से अपनी,
लेकर आऊँगा उजियारा...
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"नया वर्ष स्वागत करता है पहन नया परिधान"
नया वर्ष स्वागत करता है , पहन नया परिधान ।
सारे जग से न्यारा अपना , है गणतन्त्र महान ॥
ज्ञान गंग की बहती धारा ,
चन्दा , सूरज से उजियारा ।
आन -बान और शान हमारी -
संविधान हम सबको प्यारा ।
प्रजातंत्र पर भारत वाले करते हैं अभिमान...
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"नव-वर्ष की बेला पर
"बुरे" अगर बुराइयाँ नहीं त्यागें ,
तो आप सब "अच्छे लोगो"
अच्छाइयाँ करना मत त्यागना "!-
पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)
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"काव्य की आत्मा? ...."
*♥ रस काव्य की आत्मा है ♥*
*सबसे पहले यह जानना आवश्यक है कि
रस क्या होता है?*
*कविता पढ़ने या नाटक देखने पर
पाठक या दर्शक को जो आनन्द मिलता है
उसे रस कहते हैं।*
*आचार्यों ने रस को
काव्य की आत्मा की संज्ञा दी है।*...
--चल मन अब उठ
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मेरे हमनशीं ,मेरे हमनवां
मेरे हमनशीं ,मेरे हमनवां ,
तुझसे ही है मेरा जहां
मेरे बेबसी के हमसफ़र ,
तुझसा न कोई मेहरबां
मेरे हमनशीं ,मेरे हमनवां ...
कविता-एक कोशिश पर नीलांश
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लिखते रहना है
बिखरे हुए हैं अनेकों दृश्य जीवन के ....
कहीं बहता पानी ऊंचे पहाड़ मैदान
उगते डूबते सूरज चाँद ....
अमीरी गरीबी उठने गिरने की
सैकड़ों कही अनकही कहानी कविता और गीत
सरगम की धुन भक्ति विरक्ति शक्ति और
संघर्ष की गाथाओं से भरा पूरा इतिहास...
Yashwant Yash
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नव वर्ष की शुभकामनाएं।
आप सबके लिये नया साल शुभ हो मंगलमय हो ।
और आज शाहिद मिर्जा जी के
बहुत ही सुंदर प्रयोग के साथ
प्रारंभ करते हैं तरही मुशायरा ।
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काँटों से ज़ार एक फूल के नाम
एक जनवरी। रात के साढ़े बारह बजे हैं। नए साल के जश्न का तेज़ शोर बंद खिड़कियों के पार से सुनाई दे रहा है। व्हॉट्स ऍप पर नया साल मुबारक के संदेश लगा तार बजे जा रहे हैं। सो जाने की मेरी कोशिश असफल हो गयी है। सर्द सियाह रात की तन्हाई में मेरी रूह पीड़ा के अथाह सागर में उतरती चली जा रही है। जीवन ने एक पाठ बड़ी अच्छी तरह पढ़ाया है --कि पीड़ा आस्था और तर्क दोनों से ही नहीं मिटायी जा सकती ;उसे मानस छलना से बस भुलाया भर जा सकता है। कुछ यूँ कि जैसे जेठ की दुपहरी में काँटों की चुभन भुला कर मन को नागफणी के एक्के-दुक्के पर बेपनाह खूबसूरत सुर्ख फूलों के सौंदर्य में ही टाँग लिया जाये...
parmeshwari choudhary
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और अन्त में...
आ रे …
Pratibha Katiyar
--जाते जाते आने वाले को
कुछ सिखाने के लिये
कान में बहुत कुछ
फुसफुसा गया
एक साल
स्वागत नववर्ष
अभिव्यंजना पर
Maheshwari kaneri
--आशा के फूल !
राहें थीं जानी-पहचानी
Tere bin पर
Dr.NISHA MAHARANA
--और अन्त में...
आप सभी को नववर्ष पर हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंआज लगा काफी सूत्र हैं पढ़ने के लिए |बाकयी में दिनोदिन
ब्लॉग सूने हो रहे
बिना टिप्पणियों के
फेस बुक महक रहा नयी नयी रचनाओं पर like से |
नव वर्ष का स्वागत सत्कार करता बहुत ही आकर्षक चर्चामंच आज का ! शास्त्री जी आपको तथा चर्चामंच के सभी पाठकों को सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक मंगलकामनाएं !
जवाब देंहटाएंआप सभी को नववर्ष पर हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा.
'देहात' से मेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार.
नव वर्ष मंगलमय हो सभी ब्लागर्स और पाठकों के लिये । सुंदर ढेर सारे सूत्र लेकर आये हैं आज बड़ी मेहनत से आदरणीय शास्त्री जी । 'उलूक' भी खुश है सूत्र 'जाते जाते आने वाले को कुछ सिखाने के लिये कान में बहुत कुछ फुसफुसा गया एक साल" को स्थान मिला ।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंनववर्ष की बधाई।
सुन्दर व सार्थक चर्चा प्रस्तुति हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद सर!
जवाब देंहटाएंनव वर्ष 2015 आप सब को सपरिवार शुभ एवं मंगलमय हो।
सादर
मेरी रचना को स्थान देने के लिये मयंक सर एवं मंच के सभी व्यवस्थापकों का आभार...... नववर्ष पर मेरी हार्दिक शुभकामना है कि -
जवाब देंहटाएंनववर्ष चर्चा मंच के लिए अत्यंत मंगलमय हो
ये वर्ष इस परिवार के लिए विशेष उन्नति्मय हो,
योजनायें जितनी भी हों सभी सुखदायी आकार लें
आपको यश - कीर्ति का स्वप्निल नव संसार दें !!
///// हार्दिक बधाई सहित /////
waah ji !! itni shubhkaamnaon ke saath naya warsh shubh hoga hi hoga ! dhanywaad ! sabhi mitron kaa !!
जवाब देंहटाएंbahut sundar ..dhanyavad n aabhar ....
जवाब देंहटाएंनव वर्ष का स्वागत करता बहुत ही आकर्षक चर्चामंच आज का ! नव वर्ष मंगलमय हो सभी ब्लागर्स और पाठकों के लिये । सुंदर ढेर सारे सूत्र लेकर आये हैं आदरणीय शास्त्री जी
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिये मंच के सभी व्यवस्थापकों का आभार....
"VMW Team "
meri rachna shamil karne ke liye aapka dhanywaad....happy new year to you all.
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लियेआभार.......नववर्ष पर मेरी हार्दिक शुभकामना
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा मंच ...........नववर्ष पर हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ! मयंक जी ! मेरी रचना ''पूर्ण सहर्ष करें मन से तेरा स्वागत नववर्ष ॥ '' शामिल करने हेतु एवं
जवाब देंहटाएंनववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ !
आपको सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिये आभार.
sundar charcha , nav varsh ki hardik shubhkamnayen , mujhe shamil karne hetu hardik dhanyavd
जवाब देंहटाएंयह भी अद्भुत है। आपका जज्बा और जोश काबिलेतारीफ है।
जवाब देंहटाएंजो चला गया उसका जिक्र क्या,
जवाब देंहटाएंजो आ रहा है उसकी फ़िक्र क्या,
सालो से, साल हर साल आतें हैं ,
कभी उनको भी रही हमारी फ़िक्र क्या ?
जो आ रहा है उसकी ख़ुशी क्या ?
जो चला ही गया उसका गम भी क्या ?
हमारे गम और हमारी खुशी के वक्र ,
बता ऐ साल कभी सुधरेंगे क्या?
फिर भी सब को नव वर्ष की बधाई