मित्रों।
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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मकर-संक्रांति और लोहड़ी पर्व की खुशियाँ
आओ हम सब मनाएं !!-
पीताम्बर दत्त शर्मा
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इन्द्रधनुष का गोल बना कर
बादल का मैदान जमाकर
सोमवार को हुआ था पोल
मिलकर खेलेंगे फुटबॉल
हाथी, भालू, बंदर, तोता
मंगल को जंगल कप होता
छम से बिल्ली बुध को आई
जब चूहों की बारी आई
गुरु को हाथी दादा आये
सूंड मार कर बॉल उड़ाए...
खिलखिलाते जुगनू
Posted by praveena joshi
भूमि अधिग्रहण पर विश्व बैंक का
किसान विरोधी सुझाव
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सिलेबस बदलने का समय
अब सिलेबस बदल दो.
वर्णमाला,पहाड़े ज़रूरी नहीं हैं,
बाद में भी सीखे जा सकते हैं,...
वर्णमाला,पहाड़े ज़रूरी नहीं हैं,
बाद में भी सीखे जा सकते हैं,...
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कथा सुनो शबाब की
कथा सुनो शबाब की
सवाल की जवाब की
कली खिली गुलाब की
बड़े हसीन ख़ाब की
नया नया विहान था
घड़ी घड़ी गुमान था
हसीन सा बहाव था
जुड़ाव था लगाव था...
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स्पंदन अशेष
न रोक नैन के अश्कों कोबह जाते हैं ,
बह जाने दे -वे मौन हुए निःशब्द सही
कुछ कहते हैं कह जाने दे...
उन्नयन पर udaya veer singh
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yahaan to chappal chal rahi hai
हिन्दी के एक जाने-माने कवि प्रेमचंद गांधी की इस कविता-पंक्ति ने मुझे बाँध रखा है -- *चप्पल पहन कर सपने में नहीं जाना चाहिए … '' * इतनी कोमलता कविता में ही संभव है...
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"सूरज और कुहरा"
कुहरे और सूरज में,जमकर हुई लड़ाई।
जीत गया कुहरा, सूरज ने मुँहकी खाई।।
ज्यों ही सूरज अपनी कुछ किरणें चमकाता,
लेकिन कुहरा इन किरणों को ढकता जाता,
बासन्ती मौसम में सर्दी ने ली अँगड़ाई।
जीत गया कुहरा, सूरज ने मुँहकी खाई।।
बहुत सुन्दर बहुरंगी लिंक्स.बढ़िया चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिंक्स-सह चर्चा प्रस्तुति हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंvery nice presentation of links .thanks to give place to my blog here .
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक्स
जवाब देंहटाएंसुंदर सूत्रों से सजी चर्चा.
जवाब देंहटाएं'यूँ ही कभी' से मेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार.
बहुत बढ़िया सूत्र ! मेरी रचना को शामिल करने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी !
जवाब देंहटाएंआभार सर।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा।