मकर राशि में आ गये, अब सूरज भगवान।
नदिया में स्नान कर, करना रवि का ध्यान।१।
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उत्तरायणी पर्व को, ले आया नववर्ष।
तन-मन में सबके भरा, कितना नूतन हर्ष।२।...
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राजीव कुमार झा
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सीखिए गीत से, गीत का व्याकरण
हार में है छिपा जीत का आचरण।
सीखिए गीत से, गीत का व्याकरण।।
बात कहने से पहले विचारो जरा
धूल दर्पण की ढंग से उतारो जरा
तन सँवारो जरा, मन निखारो जरा
आइने में स्वयं को निहारो जरा
दर्प का सब हटा दीजिए आवरण।
सीखिए गीत से, गीत का व्याकरण।
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मेरी ओर से आप सब को वर्ष के सबसे पावन दिवस मकर संकरांति की शुभकामनाएं....
जवाब देंहटाएं14 दोहों से चर्चा का प्रारंभ पढ़कर अच्छा लगा...
मकर संक्राति की हार्दिक शुभकामनायें ......... सुंदर लिंक्स आज की चर्चा के , एक से बढ़ कर एक ... आभार "मियां मिसिर " को शामिल करने के लिए //
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच के सभी पाठकों को मकर संक्रान्ति की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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आपका आभार रविकर जी।
सराहनीय पोस्ट
जवाब देंहटाएंसक्रांति की शुभकामनाएँ।
चर्चा मंच के सभी पाठकों को मकर सक्रांति की बधाई ...
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा ... शुक्रिया मेरी नज़्म को जगह देने के लिए ...
मकर संक्राति की हार्दिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा सूत्र.
'देहात' से मेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार.
बहुत सुंदर लिंक्स, आभार |
जवाब देंहटाएंमकर संक्राति की हार्दिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंउत्तरायणी की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंमकर संक्राति की हार्दिक शुभकामनाएं !
चुनिन्दा पठनीय लिंक्स से सजी इस चर्चा में मेरी पोस्ट सुख की दुश्मन - ईर्ष्या. को भी शामिल करने हेतु आपको धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंमकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाओं सहित...