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शनिवार, मई 23, 2015

"एक चिराग मुहब्बत का" {चर्चा - 1984}

मित्रों।
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

विनती है तुझसे 

प्रार्थना करता भक्त के लिए चित्र परिणाम
कण कण में तेरा वास प्रभू
यही सुना है बचपन से
फिर भी इतना अंतर क्यूं
धनिक और ग़रीबों में... 
Akanksha पर Asha Saxena 
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बुजुर्गों का भविष्य 

लटकती झुर्रियां झूलते हाथ-पांव , 
ढूंढ रहे मुक्ति का रास्ता | 
भटक रहा सड़कों पर 
बीता हुआ कल... 
चांदनी रात पर रजनी मल्होत्रा नैय्यर 
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मन की व्यथा 

एक काली रात में 
खुद से ही बुदबुदाया गरीब लाचार बाप... 
सो जाता हूँ फुटपाथ पर 
शायद आ जाये कोई सलमान... 
गुज़ारिश पर सरिता भाटिया 
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कोई नादिर, कोई चंगेज़... 

तुम्हारी बेनियाज़ी से अगर दिल टूट जाए, तो ?  
कोई कमबख़्त दीवाना हमारे सर को आए तो... 
साझा आसमान पर Suresh Swapnil 
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तोताराम की सेल्फी 
आज कोई दस बजे सवेरे तोताराम आया |
सब जानते हैं,आजकल हमारे शेखावाटी इलाके में तापमान ४४-४५ डिग्री चल रहा है |
इस समय तक तो बादे-सबा लू बन जाती है... 

झूठा सच - Jhootha Sach 
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उत्तर दो हे सारथि ! 

मेरा मन-अर्जुन पूछता है 
विवेक–सारथि कृष्ण से , 
हे ज्ञान-सारथि ,सुनो ! 
मुझमें उठ रहे अनंत,अतृप्त जिज्ञासाओं को, 
क्या तुम शांत कर सकते हो... 
कालीपद "प्रसाद"
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वह रहस्यमयी फ़क़ीर 

देहात पर राजीव कुमार झा 
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"आम फलों का राजा, लीची होती रानी" 

गुठली ऊपर गूदा होता
छिलका है बेमानी.. 

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