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मंगलवार, मई 26, 2015

माँ की ममता; चर्चा मंच -1987



chandan bhati 







प्रवीण पाण्डेय




ई. प्रदीप कुमार साहनी 






विकेश कुमार बडोला 


जननी को शत्-शत् नमन

नारी होता में अगरकरने पड़ते काम। 
दिन में पलभर भी नहींमिल पाता आराम।।
--
ममता का पर्याय है, दुनिया की हर नार। 
नारी तेरे “रूप” को, नतमस्तक शत् बार...



तुझे खुशियाँ मुबारक सब.. 

मगर तू दे दुआ उसको 

मीनल और रिद्धू ---- 
जन्म दिन मुबारक 
Harash Mahajan 


नवगीत : 36 -  

जीवन - चाय... 

*बहुत बेस्वाद **,  
केवल गर्म पानी और अति फीकी ॥*  
*लगा होंठ अपने मेरी कर दो  
जीवन-चाय तुम मीठी... 

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