chandan bhati
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जननी को शत्-शत् नमन
नारी होता में अगर, करने पड़ते काम। दिन में पलभर भी नहीं, मिल पाता आराम।।
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ममता का पर्याय है, दुनिया की हर नार।
नारी तेरे “रूप” को, नतमस्तक शत् बार... |
नवगीत : 36 -जीवन - चाय...
*बहुत बेस्वाद **,
केवल गर्म पानी और अति फीकी ॥*
*लगा होंठ अपने मेरी कर दो
जीवन-चाय तुम मीठी...
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