मित्रों।
सोमवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
कुछ ब्लॉगर मित्रों ने प्रश्न किया है कि
पोस्टो के मात्र लिंक ही क्यों दिये जाते हैं चर्चा में?
मेरा मानना यह है कि
लोग यदि आपकी पूरी पोस्ट यहीं पर पढ़ लेंगे
तो वो आपके ब्लॉग पर क्यों जायेंगे?
इसलिए कोतूहल बनाये रखने के लिए
पोस्टों का लिंक दिया जाता है।
कुछ ब्लॉगर मित्रों ने प्रश्न किया है कि
पोस्टो के मात्र लिंक ही क्यों दिये जाते हैं चर्चा में?
मेरा मानना यह है कि
लोग यदि आपकी पूरी पोस्ट यहीं पर पढ़ लेंगे
तो वो आपके ब्लॉग पर क्यों जायेंगे?
इसलिए कोतूहल बनाये रखने के लिए
पोस्टों का लिंक दिया जाता है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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सत्य-अहिंसा वाले गुलशन
बेमौसम वीरान हो गये
गुमनामों की इस बस्ती में,
नेकनाम बदनाम हो गये!
जो मक्कारी में अव्वल थे,
वो ही अब सरनाम हो गये!
नेकनाम बदनाम हो गये!
जो मक्कारी में अव्वल थे,
वो ही अब सरनाम हो गये!
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अभिव्यक्ति
भावों की अभिव्यक्तिजब
सहज सरल शब्दों में हो
आकृष्ट सभी को करती
कविता में जान फूंकती |
हो रसमयी भाव पूर्ण
सुन्दर आवरण में लिपटी हो
गीत रूप में प्रस्तुत हो
कविता में जान फूंकती |
हो रसमयी भाव पूर्ण
सुन्दर आवरण में लिपटी हो
गीत रूप में प्रस्तुत हो
आशा यही की जाती...
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लम्बे लम्बे बाँस
[नवगीत ]
...खाने को घास
नाच रही बकरियाँ पगली
नोचते कौवे अखियाँ रोती
भीग रहे आँचल
सिसकती आहें
दिखा कर घास
पीटते बाँस...
नाच रही बकरियाँ पगली
नोचते कौवे अखियाँ रोती
भीग रहे आँचल
सिसकती आहें
दिखा कर घास
पीटते बाँस...
Ocean of Bliss पर Rekha Joshi
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मौला तेरे घर आएंगे....
*जब भी राज उजागर होगा ।
सामने कोई सागर होगा ।।
उसका उतना ही कद होगा ।
जिसका जितना चादर होगा...
aakarshan giri
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रानी कर्मवती और हुमायूं,
राखी प्रकरण का सच
इतिहास में चितौड़ की रानी कर्मवती जिसे कर्णावती भी कहा जाता है द्वारा हुमायूं को राखी भेजने व उस राखी का मान रखने हेतु हुमायूं द्वारा रानी की सहायता की बड़ी बड़ी लिखी हुईं है. इस प्रकरण के बहाने हुमायूं को रिश्ते निभाने वाला इंसान साबित करने की झूंठी चेष्टा की गई...
ज्ञान दर्पण पर Ratan singh shekhawat
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मांवां ठंडियाँ छांवां
सुनो क्या तुम जानते हो ??
वातानुकूलित कमरों से सजे
तुम्हारे घर में सबसे अधिक पसंद है मुझे
उसकी बालकोनी...
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जबसे तेरे मेरे दरम्यां.....
जबसे तेरे मेरे दरम्यां और फ़ासिला बढ़ गया
तबसे तुझसे मिलने के लिए हौसला बढ़ गया...
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बार्सिलोना यात्रा संस्मरण:
एक टूटी फूटी सी शुरुआत...
यात्रा में होना
महज
नयी जगह तक पहुँचने की
ललक नहीं है...
यात्रा में होना
पल पल अपने आप को टटोलना भी है...
अनुशील पर अनुपमा पाठक
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आरक्षण
हो रहा भारतनिर्माण
आरक्षण का कोढ़
देश को रुग्ण बना रहा ।
देश को रुग्ण बना रहा ।
युवा पीढ़ी में हताशा भर रहा
केवल वो ही नही इसका प्रभाव
पूरे परिवार पर पड़ता है
देश तो लंगड़ा हो ही चूका।
क्या इसके जिम्मेदार हम नही...
sunita agarwal
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