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यूँ तो सिख धर्म शहादतों से भरा पड़ा है, लेकिन इसकी शुरूआत हुई गुरू अर्जुन देव जी से | उन्होंने अन्याय के आगे झुकने से प्राण देना ज्यादा उचित समझा और इस दिन के बाद सिख धर्म का रूप बदला | भक्ति के साथ शक्ति को अपनाया गया | गुरू अर्जुन देव तक सभी पाँचों गुरू सिर्फ़ भक्त कवि थे | गुरू अर्जुन देव जी की सबसे बड़ी विशेषता है कि वे उच्चकोटि के संपादक थे, उन्होंने आदि ग्रन्थ जैसे महान ग्रन्थ का संपादन किया, जिससे न सिर्फ़ सिख धर्म अपितु पूरी मानव जाति लाभान्वित हुई | आज उनके शहादत दिवस पर उनको नमन |
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धन्यवाद
"यक्ष युधिष्ठिर संवाद महाभारत के वन पर्व का एक बहुत ही रोचक प्रसंग है। यक्ष प्रश्न इतना जटिल था की आज भी किसी जटिल प्रश्न को लोग उसे यक्ष प्रश्न संज्ञा दे देते हैं
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