मित्रों
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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हिंदुआ सूरज महाराणा प्रताप की जयंती पर चोर के संस्कार
एक ब्राह्मण के घर पुत्र उत्पन्न हुआ ।
पुत्र उत्पन्न होने पर उसने कुण्डली बनाई
और गणना करने के बाद कुछ विचार किया ।
फ़िर पत्नी से पूछा - क्या जन्म समय ठीक बताया था ?
उसने कहा - समय तो ठीक बताया था । और आप भी थे ।
फिर पाराशरी, जैमिनी तथा अन्य सिद्धान्तों से गणना की
उसने कहा - समय तो ठीक बताया था । और आप भी थे ।
फिर पाराशरी, जैमिनी तथा अन्य सिद्धान्तों से गणना की
तो फल निकला कि बड़ा होकर लड़का चोर होगा ।
जब इसका चोरी का संस्कार है । तो कुल में भयंकर कलंक लगेगा...
जब इसका चोरी का संस्कार है । तो कुल में भयंकर कलंक लगेगा...
rajeev kumar Kulshrestha
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शत शत नमन
ज्ञान दर्पण : विविध विषयों का ब्लॉग
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किड्नी के लिए राम बाण औषधि है गोखरू | बंद किड्नी को चालू करता है| किड्नी मे स्टोन को टुकड़े टुकड़े करके पेशाब के रास्ते बाहर निकल देता है| क्रिएटिन ,यूरिया को तेजी से नीचे लाता है ,पेशाब मे जलन हो पेशाब ना होती है ,इसके लिए भी यह काम करता है इसके बारे मे आयुर्वेद के जनक आचार्य श्रुशूत ने भी लिखा इसके अलावा कई विद्वानो ने इसके बारे मे लिखा है इसका प्रयोग हर्बल दवाओं मे भी होता है आयुर्वेद की दवाओं मे भी होता है यह स्त्रियो के बंध्यत्व मे तथा पुरुषों के नपुंसकता मे भी बहुत उपयोगी होता है इस दवा का सेवन कई लोगो ने किया है जिनका क्रिएटिन 10 पाईंट से भी अधिक था उन्हे भी 15 दिनो मे संतोषप्रद लाभ हुआ |आत: जिन लोगो को किडनी की प्राब्लम है वो इसका सेवन करे तो लाभ होना निश्चित...
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मैं माँ का अनमोल खिलौना
मैं माँ का अनमोल खिलौना ।
नन्हा मुन्हा प्यारा छौना ।
थपकी दे माथा सहलाती
लोरी गाती दूध पिलाती
हरदिन अपने पास सुलाती |
सूखे में सरकाती जाती -
भीगा माँ का रहे बिछौना ।
मैं माँ का अनमोल खिलौना...
दिनेश की दिल्लगी, दिल की सगी
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गाली गा ली प्रेम से, बढ़ा प्रेम-सद्भाव |
किन्तु बके जब क्रोध से, मनमुटाव-अलगाव |
मनमुटाव-अलगाव, हुई उत्पत्ति-अनोखी |
विष-अमृत का सार, बनाए गाली चोखी |
कह रविकर कविराय, जाय ना जीभ सँभाली |
ले गाली तब गाय, बैठ के करो जुगाली ||
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नहीं भूल पाएॅगे
भूल जाएॅगे तुम्हें
किंतु उस समय को नहीं भूल पाएॅगे
जिस समय की सागर में
प्रेम की नॉव में बैठकर
एक परंतु लंबी घड़ी की
यात्रा की थी हमने...
आपका ब्लॉग पर
Sanjay kumar maurya
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सबके घर किताब है
...आँखों में सबके ख्वाब है आँखों में पानी भी
सबके घर किताब है सबके घर कहानी भी...
udaya veer singh
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१-
वर्ग अलग
पर प्यार न बटा
स्नेह उपजा |
२-
मासूम अदा
मेरी गोद में तुझे
ले कर आई...
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Narendra Modi's 5 Country Visit
and Poor India.
...जिस देश में सत्ता बनाए रखने के लिए आप ममता से लेकर महबूबा और अब मायावती से समझौता कर लो, प्रज्ञा से लेकर गोधरा के अपराधियों को छोड़ दो, एक नरसंहार के नायक को पार्टी प्रमुख बना दो उससे बड़ा विकास क्या हो सकता है, आपके लोग आंबेडकर को गाली दें, नेहरू को कोसे, महात्मा गांधी के हत्यारे के मंदिर बनाने की बात करें, अपनी तुच्छ महत्वकांक्षा में जीते जी अपने मंदिर बनवाने में आपकी मौन स्वीकृति हो, एक बारह साला धार्मिक मेले में सरकार पांच हजार करोड़ रुपया फूंक दें और आपका पार्टी प्रमुख दलितों के साथ नहाने-धोने और खाने की नौटंकी करके समाज में फूट डालने का काम करें, लोगों के आयोजन पर शिवराज जैसे व्यापमं के अघोषित नायक अतिक्रमण कर लें और राजकाज और राज्य के भयानक सूखे पर ध्यान देने के बजाय निकम्मे, तुंदियल साधू संतों के तलवे चाटते रहें तो देश सचमुच बदल रहा है मित्रों
आईये मोदीजी के लौटने पर वन्दनवार सजाएं, धूप आरती करें, उन्हें डिठौना लगाएं और देश के संसाधनों को अम्बानी, अडानी के बाद दुनियाभर के उद्योगपतियों के लिए खोल दें- आईये स्वागत करें, यशगान गायें और कहें कि देश बदल रहा है...
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साजिश
साजिश रचते रहे ता उम्र वो हमारे खिलाफ
कभी नजरों से क़त्ल की कभी दिल चुराने की
पर मेहरबाँ ना थी शायद किस्मत उनकी
क्योंकि बदल जाती थी फितरत उनकी...
RAAGDEVRAN पर
MANOJ KAYAL
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कार्टून :-
मुंडन बोर्ड
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गीत "पात्र बना परिहास का"
(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
आम नहीं अब रहा आम, वो तो है केवल खास का।
नजर नहीं आता बैंगन भी, यहाँ कोई विश्वास का।।
अब तो भिण्डी, लौकी-तोरी संकर नस्लों वाली हैं,
कद्दू के पिछलग्गू भी अब खाने लगे दलाली हैं,
टिण्डा और करेला भी तो, पात्र बना परिहास का।
नजर नहीं आता बैंगन भी, यहाँ कोई विश्वास का...
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