मित्रों
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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--पितृ दिवस की बधायी हो-- --
दोहे-पितृदिवस
"जीवित देवी-देवता, दुनिया में माँ-बाप"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
पितृदिवस फिर आ गया, एक साल के बाद।
अपने-अपने पिता को, सब करते हैं याद।१।
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पिता हमेशा चाहता, करे उन्नति पूत।
सुत को करनी चाहिए, अच्छी ही करतूत।२।
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बाप हाड़ धुनकर करे, पूरा घर आबाद।
मगर भार है समझती, बाबुल को औलाद।३...
रहस्य
देर रात एक हादसा हुआ,
ग़लती से चाँद झील में उतर गया,
मैंने देखा उसे, सतह पर चुपचाप पड़ा था,
पर ज़िन्दा था, क्योंकि हिल रहा था.
मैं परेशान था कि
उसे बचाऊं कैसे...
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प्रियतम मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ...
कुछ फर्ज निभाने है मुझको,
कुछ कर्ज चुकाने हैं मुझको
प्रियतम मैं सिर्फ तुम्हारी हूँ,
बस कुछ पल थोडा धीर धरो ...
डॉ. अपर्णा त्रिपाठी
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राधा ना बन पाई.....!!!
मैं तुम्हारी प्रेमिका तो बन गई
तुम्हारी संगिनी बन गई,
पर तुम्हारी दोस्त नही बन पायी.....
तुम्हारा प्यार.....तुम्हारी हर चीज पर,
अधिकार तो मिल गया मुझे,
पर तुम्हारे एहसासों को ना छु पाई...
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शुआ की ज़रूरत ...
बयाज़े-दिल में तेरा नाम दर्ज है जब
तक किसी शुआ की ज़रूरत नहीं हमें तब तक
बड़ा अजीब सफ़र है मेरे तख़य्युल का
शबे-विसाल से आए हैं हिज्र की शब तक...
साझा आसमान पर
Suresh Swapnil
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अब जहरीली गैसों से
निपटना हुआ आसान !
वर्तमान में दिन प्रतिदिन हमारी धरती गर्म होती जा रही है। ग्लोबल वार्मिंग की समस्या बढ़ती जा रही है। धरती पर पाये जाने वाली जहरीली गैस इस दशा के लिए काफी हद तक जिम्मेदार हैं। धरती को बचाने के लिए नए नए प्रयास किये जा रहे हैं। इन प्रयासों में से एक प्रयास ऐसा भी है जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जायेगे। तो आये जानते हैं इस प्रयोग के बारे में...
Manoj Kumar
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मुहब्बत का दम अब तक भरते हैं
जब भी तेरी गली से हम गुज़रते हैं।
बेशक़ भूल गए वायदे तुम वह सब
हमारे दिल में दर्द आज भी पलते हैं...
जब भी तेरी गली से हम गुज़रते हैं।
बेशक़ भूल गए वायदे तुम वह सब
हमारे दिल में दर्द आज भी पलते हैं...
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1
गहरा नाता
मन-आँखों ने जोड़ा
जाने दूजे की भाषा,
मन जो सोचे -
अँखियों में झलके
कहे सम्पूर्ण गाथा !
2...
त्रिवेणी
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विक्रम नायक से बात करते समय
आपको जिन्दगी के किरमिच (canvas)
का वो हिस्सा दिखाई देता है,
जिसे आप जिन्दगी भर
‘अर्जुन की आँख’ बनने के फेर में
नजरअंदाज कर देते हैं...
आपको जिन्दगी के किरमिच (canvas)
का वो हिस्सा दिखाई देता है,
जिसे आप जिन्दगी भर
‘अर्जुन की आँख’ बनने के फेर में
नजरअंदाज कर देते हैं...
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हाईकू
तपता सूर्य
बदहाल करे है
जीने न देता |
जलते पैर
दोपहर धूप में
कैसे निकलें ...
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नदिया-नाले सूख रहे हैं, जलचर प्यासे-प्यासे हैं।
पौधे-पेड़ बिना पानी के, व्याकुल खड़े उदासे हैं।।
चौमासे के मौसम में, सूरज से आग बरसती है।
जल की बून्दें पा जाने को, धरती आज तरसती है...
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