मित्रों
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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.....लोग !!!
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjsPgmekA2fdizHR3n_41D9ZfqwZSKcPgq7v8ljChin2eMeQzQ8MbmeEoq0_kgIBp8s0eITpaN-nHvEd3hdKa7j5F-bH-3VOUPxIV_qkKg2bDQzeD1fevvTaXwrc4YhBzgC9ZKwXHdbc0U/s320/know-yourself.jpg)
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![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj3iCsT5ct0JKcNdrPeQHZzQxWXpSl_LtMjODqfCNpjYATJgwBs7UYC9NInbTr_52bYVHPHkBO7c8UcCeeSuJ2Y0xN0ZEeNtaC0R4Tho4NVHy4gWj50jig0AIyHHvgsiGEiIJsNnOKkuN0Z/s320/%25E0%25A4%25AA%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B0%25E0%25A5%2587%25E0%25A4%25AE+%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%25B0%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25AF%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25AF.jpg)
दिग दिगंत
सुरभित प्रेम से
दिव्य है भाव
सागर से गहरा
आकाश से व्यापक...
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कुकरैल जंगल की सैर के बहाने...
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgzNgdPzwDnh1KcZ9JH3jzG-rACzZpxDYvSh2l7rdawPdpt3o5LtzAwLivBBN6CZ3yoWdZt70wLunpFzbk8f7G9arc3oOUwAWJxiqMRfyUARpYC37I615yMgfEMMEpku10gImte9VL9K4w/s320/13434869_10209647356690786_1829546234430620201_n.jpg)
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खट्टे दिन कुछ मीठे दिन
कभी बर्फ के गोले दिन
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चांदी से चमकीले दिन
थोड़े से शर्मीले दिन...
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बिहार में विधानसभा चुनाव के बाद वहां की जनता ने जो जनादेश दिया, क्या उससे मोहभंग की शुरूआत हो चुकी है? नीतीश अपने दो कार्यकाल के दस बरसों में सुशासन बाबू के तौर पर मशहूर हुए, और ठीक ही मशहूर हुए। बिहार में जिस राजद के शासनकाल को जंगल राज (हाई कोर्ट ने कई दफा कहा था) करार देकर नीतीश लोगों से वोट मांगने जाते थे, उन्हीं के साथ गठजोड़ करके सत्ता में वापसी हुई, यह पुरानी बात हो गई लेकिन छह महीने में ही नीतीश कुमार किस कदर कमजोर मुख्यमंत्री साबित हुए हैं, वह उनकी छवि पर बट्टा सरीखा ही है...
गुस्ताख़
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अपना कार्यभार बढ़ाने के खिलाफ शिक्षक आन्दोलन कर रहे हैं . बहुत दिनों के बाद शिक्षकों में इस तरह की एकजुटता और उत्तेजना देखी जा रही है. दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ को पिछले दिनों अक्सर ऐसे सवालों पर भी, जो शिक्षकों के हित से सीधे जुड़े थे, आन्दोलन में संख्या की कमी से निराशा होती रही थी. इस बार शिक्षक पूरी तादाद में सड़क पर हैं. संघ की सभाओं में हाल खचाखच भरे हुए होते हैं. क्षोभजन्य उत्साह से आन्दोलन में नई ऊर्जा दीख रही है...
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इतिहास रच सकती हूँ मैं
मैंने आहुति बनकर देखा, यह प्रेम यज्ञ की ज्वाला है - यह कहना है कानपुर निवासिनी श्री हरीचन्द्र जी और श्रीमती जमुना देवी जी की योग्य सुपुत्री सुषमा कुमारी जी का, इनकी शिक्षा है - बीएड. एमए. ( यू जी सी नेट समाजशास्त्र ) और अभी ये डिग्री कॉलेज में प्रवक्ता पद पर कार्यरत हैं ।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjcn9pIr0rSENJMQMue16NsvnzfM8J9zj7kiLTT7ohGdbIXy_0y-ywH59ylHr7hLHS-d-8xhK3v5ljgtegEI_05taaq6mtqaIsraCDUT4Yr0t33itgTI1a_e3TZWf7wEVtMzxCxq3Ifoc3j/s320/sushma.png)
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मैंने आहुति बनकर देखा, यह प्रेम यज्ञ की ज्वाला है - यह कहना है कानपुर निवासिनी श्री हरीचन्द्र जी और श्रीमती जमुना देवी जी की योग्य सुपुत्री सुषमा कुमारी जी का, इनकी शिक्षा है - बीएड. एमए. ( यू जी सी नेट समाजशास्त्र ) और अभी ये डिग्री कॉलेज में प्रवक्ता पद पर कार्यरत हैं ।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjcn9pIr0rSENJMQMue16NsvnzfM8J9zj7kiLTT7ohGdbIXy_0y-ywH59ylHr7hLHS-d-8xhK3v5ljgtegEI_05taaq6mtqaIsraCDUT4Yr0t33itgTI1a_e3TZWf7wEVtMzxCxq3Ifoc3j/s320/sushma.png)
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और कुछ दूर काफिला तो चले.
हम कहां हैं, हमें पता तो चले.
हमसफर की तलब नहीं हमको
साथ कदमों के रास्ता तो चले...
हम कहां हैं, हमें पता तो चले.
हमसफर की तलब नहीं हमको
साथ कदमों के रास्ता तो चले...
ग़ज़लगंगा.dg
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आदमी रोता है चुपचाप अकेले
अपनी परछाइयों के तले
दूर तक गूँजतीं झींगुरों की आवाज के सहारे||
रात उतनी लम्बी तो होती ही है
आप गिन लेते हैं आसमान के सारे तारे...
अपनी परछाइयों के तले
दूर तक गूँजतीं झींगुरों की आवाज के सहारे||
रात उतनी लम्बी तो होती ही है
आप गिन लेते हैं आसमान के सारे तारे...
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तारणहार !
बेटा तारणहार कुल दीपक और न जाने क्या क्या ?
वर्षों पहले निकाला था घर से ,
भटकते रहे दर-ब-दर पनाह दी किसी अनाथ ने...
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