मित्रों
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शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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बालकविता
"इन्द्रधनुष के रंग निराले"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
कुदरत के हैं अजब नजारे
सात रंग लगते हैं प्यारे
गर्मी का हो गया सफाया
धनुष सभी के मन को भाया...
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हाथ में सब्र की कमान हो तो
तीर निशाने पर लगता है -
कविता रावत
धैर्य कडुवा लेकिन इसका फल मीठा होता है।
लोहा आग में तपकर ही फौलाद बन पाता है...
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ये बारिशों के दिन। ..
चुपचाप रहने के दिन ....
मुझे और तुम्हें चुप रहकर
साँसों की धुन पर सुनना है प्रकृति को .... .
उसके संगीत को ...
मेरे मन की पर
अर्चना चावजी Archana Chaoji
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गजब
कृतिदेव यहां बच्चों का टेंªड कम है बडे बडे बच्चे मिलेंगे उनके बच्चे नही मिलेगे दो तीन देवरानी जिठानी दो चार बच्चे भी होंगे तो लगेगा घर युद्ध का मैदान हे एक भी चीज ठिकानो पर नहीं मिलेगी पर सीरियल में पूरे पूरे परिवार में एक या दो सभ्य बच्चे होंगे जो कभी कभी कमरे में मिल जायंेगे असली हम दो हमारे बस का जामाना सीरियल मे दिखता है बच्चे बहुत सभ्य बच्चे तो मैने तो उदण्ड बच्चे देखे है भागते दोडते गले में झूलते बच्चों के होने के साथ मोती के जेवर तो बडी बडी दावतों में नही पहन पाते पर सीरियल की महिलांए मोती के सतलमुरे झूलाती रहती है मतलब यह है अरबपतियों के बाजे के सीरियल आग जनता को ललचाने के लिये दिखायें जाते है कि तुम तो भेये चीटी है इन सबसे ऊपर जब बच्चे पूछते है मम्मी आप सीरियल वाली मम्मी क्यों नही बन सकती तब सबसे ज्यादा बेवकूफ अपने को ही पाते हैं।
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|| दहेजी दानव ||
बेटा अपना अफसर है..
दफ्तर में बैठा करता है..
जी बंगला गाड़ी सबकुछ है..
पैसे भी ऐठा करता है..
पर क्या है दरअसल ऐसा है..
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शाखों से पत्ता झड़ता है
अक्सर ही ऐसा होता है
सुकरात यहाँ पे मरता है
बूढ़ा दरख़्त यह कहता है...
हिमकर श्याम
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चिड़िया पंखहीन नहीं
अकेलेपन के गीतों पर डोलता है
धरती का सीना
जाने कैसे निष्ठुर हो गया आसमां...
vandana gupta
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सच्चाई के रास्ते पर चलना।
सच्चाई के रास्ते पर चलना।
फायदे की बात होती है।
आज नही तो कल।
जीत हमेशा सच्चाई की ही, होती है, ..
KMSRAJ51-Always Positive Thinker
सच्चाई के रास्ते पर चलना।
फायदे की बात होती है।
आज नही तो कल।
जीत हमेशा सच्चाई की ही, होती है, ..
KMSRAJ51-Always Positive Thinker
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रौशनी का घर
अक्सर डराता तो है अँधेरा
लेकिन तब तक
जब तक हावी होता है यह
हमारी सोच पर
हिम्मत का दामन थामते ही
खुलने लगते हैं रास्ते
अँधेरे के एक क़दम आगे
मिलता है घर रौशनी का
साहित्य सुरभि
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कैसे थप्पड़ मारता, झूठे को रोबोट।पेट दर्द के झूठ पे, बच्चा खाये चोट।
बच्चा खाये चोट, कभी मैं भी था बच्चा।
कहा कभी ना झूठ, बाप को पड़ा तमाचा।
मम्मी कहती आय, बाप बेटे इक जैसे।
थप्पड़ वह भी खाय, बताओ रविकर कैसे।।
बच्चा खाये चोट, कभी मैं भी था बच्चा।
कहा कभी ना झूठ, बाप को पड़ा तमाचा।
मम्मी कहती आय, बाप बेटे इक जैसे।
थप्पड़ वह भी खाय, बताओ रविकर कैसे।।
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पानी ढोने का करे, जो बन्दा व्यापार |
मुई प्यास कैसे भला, उसे सकेगी मार ||
प्रगति-पंख को नोचता, भ्रष्टाचारी-बाज |
लेना-देना कर रहा, फिर भी सभ्य-समाज ||...
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(१)
पका-पकाया सूत्र है, पका-पकाया मन्त्र |
करो दुष्टता दुष्ट से, जो करता षड्यंत्र |
जो करता षड्यंत्र, तंत्र सक्रिय हो जाए |
कर समूल विध्वंश, नहीं अब बचने पाये |
रविकर हुआ बिलम्ब, घड़ा तो भरा पाप का |
दे रविकर झट फोड़, बढ़ें सम्मान आपका ||
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हाथ में सब्र की कमान हो तो
तीर निशाने पर लगता है -
कविता रावत
धैर्य कडुवा लेकिन इसका फल मीठा होता है।
लोहा आग में तपकर ही फौलाद बन पाता है...
म्हारा हरियाणा
तीर निशाने पर लगता है -
कविता रावत
धैर्य कडुवा लेकिन इसका फल मीठा होता है।
लोहा आग में तपकर ही फौलाद बन पाता है...
म्हारा हरियाणा
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हमारे पूरे शरीर में या फिर किसी अंग विशेष में सूजन आने के लक्षण प्रकट होते हैं| आमतौर पर हम इसकी अनदेखी करते हैं या फिर दर्द निवारक तेल व मरहम से इसे दूर...
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