मित्रों
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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तुम अपनी ईद अकेले मना लो अभी दुनिया रो रही है
समूची दुनिया घायल है , खून-खून है अल्ला मियां
मैं ईद मनाऊं तो मनाऊं भी कैसे
बधाई दूं तो भला दूं भी कैसे किस को
माफ़ करना अल्ला मियां
अब की ईद पर मैं तुम्हें बधाई नहीं देना चाहता
मैं तुम्हें ईद की बधाई नहीं दूंगा
तुम अपनी ईद अकेले मना लो अभी दुनिया रो रही है...
मैं ईद मनाऊं तो मनाऊं भी कैसे
बधाई दूं तो भला दूं भी कैसे किस को
माफ़ करना अल्ला मियां
अब की ईद पर मैं तुम्हें बधाई नहीं देना चाहता
मैं तुम्हें ईद की बधाई नहीं दूंगा
तुम अपनी ईद अकेले मना लो अभी दुनिया रो रही है...
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ग़ज़ल
"बारिश डराने आ गयी"
(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
आज फिर बारिश डराने आ गयी।
पर्वतों पर कहर ढाने आ गयी।
मेघ छाये-गगन काला हो गया,
चैन आँखों का चुराने आ गयी।।
लीलने को अब नहीं कुछ भी बचा
राग फिर किसको सुनाने आ गयी...
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जलाना है अगर कुछ तो ग़मे फ़ुर्क़त जला देना
समझ में कुछ नहीं आता है के वापस है क्या देना
मिला जो प्यार मुझको उसके बदले में, ...बता देना...
अंदाज़े ग़ाफ़िल पर
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
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तेरी आँखें
बहुत शिकवे थे
तुझसे मिलने से पहले
तुझे करीब पाकर
कुछ याद नहीं रहा मुझे
इश्क़ है यह
या फिर
तेरी आँखों की जादूगरी
पागल कर गई है
जो मुझे
झील नहीं तेरी आँखें
मगर डूब गया हूँ मैं ।
साहित्य सुरभि
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कानून अपना काम नहीं करेगा
समान नागरिक संहिता इन दिनों चर्चाओं में है। मैं अपने जीवन के सत्तरवें बरस में चल रहा हूँ। ढंग-ढांग की गृहस्थी और ठीक-ठीक स्तर का परिचय, सम्पर्क और लोक-व्यवहार है मेरा। लोगों के सुख-दुःख के प्रसंगों में शरीक होता हूँ और लोग मेरे सुख-दुःख में...
एकोऽहम् पर विष्णु बैरागी
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चटख ललछौंहे रंग के कुरते के बावजूद
कवि का कुरता
यह कविता पाठ के मध्यान्तर का
चाय अंतराल था
जिसे कवि नायक कहे जाने वाले
एक दिवंगत कवि के शब्दों में
कहा जा सकता था- 'हरी घास पर क्षण भर'...
यह कविता पाठ के मध्यान्तर का
चाय अंतराल था
जिसे कवि नायक कहे जाने वाले
एक दिवंगत कवि के शब्दों में
कहा जा सकता था- 'हरी घास पर क्षण भर'...
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भारतीय इतिहास के सबसे बड़े सेक्युलर राजा की विनाश-गाथा
जब उत्तर भारत ख़िलजी, तुग़लक़, ग़ोरी, सैयद, बहमनी और लोदी वंश के विदेशी मुसलमानों के हाथों रौंदा जा रहा था तब भी दक्षिण भारत के "विजयनगर साम्राज्य" (1336-1665) ने 300 से अधिक वर्षों तक दक्षिण मे हिन्दू अधिपत्य कायम रखा ! इसी विजयनगर साम्राज्य के महाप्रतापी राजा थे "कृष्णदेव राय" ।
बाबरनामा, तुज़के बाबरी सहित फ़रिश्ता, फ़ारस के यात्री अब्दुर्रज्जाक ने "विजयनगर साम्राज्य" को भारत का सबसे वैभवशाली, शक्तिशाली और संपन्न राज्य बताया है, जहां हिन्दू-बौद्ध-जैन धर्मामलंबी बर्बर मुस्लिम आक्रान्ताओं से खुद को सुरक्षित पाते थे । जिनके दरबार के 'अष्ट दिग्गज' में से एक थे महाकवि "तेनालीराम", जिनकी तेलगू भाषा की कहानियों को हिन्दी-उर्दू मे रूपांतरित कर "अकबर-बीरबल" की झूठी कहानी बनाई गयी ।बुद्धिमान बीरबल शर्मनाक तरीके से एक लड़ाई में मारा गया. बीरबल अकबर के किस्से असल में मन बहलाव की बातें हैं जिनका वास्तविकता से कोई सम्बन्ध नहीं...
बाबरनामा, तुज़के बाबरी सहित फ़रिश्ता, फ़ारस के यात्री अब्दुर्रज्जाक ने "विजयनगर साम्राज्य" को भारत का सबसे वैभवशाली, शक्तिशाली और संपन्न राज्य बताया है, जहां हिन्दू-बौद्ध-जैन धर्मामलंबी बर्बर मुस्लिम आक्रान्ताओं से खुद को सुरक्षित पाते थे । जिनके दरबार के 'अष्ट दिग्गज' में से एक थे महाकवि "तेनालीराम", जिनकी तेलगू भाषा की कहानियों को हिन्दी-उर्दू मे रूपांतरित कर "अकबर-बीरबल" की झूठी कहानी बनाई गयी ।बुद्धिमान बीरबल शर्मनाक तरीके से एक लड़ाई में मारा गया. बीरबल अकबर के किस्से असल में मन बहलाव की बातें हैं जिनका वास्तविकता से कोई सम्बन्ध नहीं...
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माँ का अभाव –
टीस जीवन भर की
अक्सर संतानें माँ के प्रेम का मौल समझ ही नहीं पाती लेकिन जिन किसी को माँ का प्रेम नहीं मिलता उनसे पूछो कि वे इस प्रेम के अभाव को कैसे अनुभूत करते हैं। उनके जीवन की सबसे बड़ी टीस होती है, माँ के प्रेम का अभाव। इस पोस्ट को पढ़ने क् लिये इस लिंक पर क्लिक करें...
smt. Ajit Gupta
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करो गलत नित सिद्ध, लगी लत कैसे जाती
झुकते झुकते झुक गयी, कमर सहित यह रीढ़ |मुश्किल से रिश्ता बचा, बची तुम्हारी ईढ़ |
बची तुम्हारी ईढ़, तभी भरदिन गुर्राती |करो गलत नित सिद्ध, लगी लत कैसे जाती |
रविकर सही तथापि, सही हर झिड़की रुक रुक।
मलती फिर तुम हाथ, जिया जब सम्मुख झुक झुक।।
झुकते झुकते झुक गयी, कमर सहित यह रीढ़ |मुश्किल से रिश्ता बचा, बची तुम्हारी ईढ़ |
बची तुम्हारी ईढ़, तभी भरदिन गुर्राती |करो गलत नित सिद्ध, लगी लत कैसे जाती |
रविकर सही तथापि, सही हर झिड़की रुक रुक।
मलती फिर तुम हाथ, जिया जब सम्मुख झुक झुक।।
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तुम पास हो कर भी दूर हो बहुत दूर मुझसे
बहुत करीब हो तुम मेरे
फिर भी बहुत दूर हो
क्यों नही समझ पा रहे
मेरे अंतस की पीड़ा...
Ocean of Bliss पर Rekha Joshi
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ढाका हमले के संकेत
ढाका हमले का असर बांग्लादेश में ही सीमित नहीं रहेगा,
इसका असर भारत में होना लाजिमी है।
इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा रमजान के पाक महीने में ढाका के ...
दूसरी आवाज़
ढाका हमले का असर बांग्लादेश में ही सीमित नहीं रहेगा,
इसका असर भारत में होना लाजिमी है।
इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा रमजान के पाक महीने में ढाका के ...
दूसरी आवाज़
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truth of Life :-
a short story
दादा जी ने ‘हाँ’ में सिर हिला दिया, और बिना कुछ कहे लड़के का हाथ पकड़ा और उसे करीब की पौधशाला में ले गए।
वहां जाकर दादा जी ने दो छोटे-छोटे पौधे खरीदे और घर वापस आ गए....
Knowledge Is Power
a short story
एक आठ साल का लड़का गर्मी की छुट्टियों में अपने दादा जी के पास गाँव घूमने आया। एक दिन वो बड़ा खुश था, उछलते-कूदते वो दादाजी के पास पहुंचा और बड़े गर्व से बोला, ” जब मैं बड़ा होऊंगा तब मैं बहुत सफल आदमी बनूँगा। क्या आप मुझे सफल होने के कुछ टिप्स दे सकते हैं?”
दादा जी ने ‘हाँ’ में सिर हिला दिया, और बिना कुछ कहे लड़के का हाथ पकड़ा और उसे करीब की पौधशाला में ले गए।
वहां जाकर दादा जी ने दो छोटे-छोटे पौधे खरीदे और घर वापस आ गए....
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वर्तमान के मोसमी फल जैसे आम, जामुन, चिकू इत्यादि
जिनका हममे से कोई भी उपयोग करने के बाद
कृपया इन...
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काश, हमारे दो पर होते,
हम बादल से ऊपर होते।
तारों के संग यारी होती,
चन्दा के संग सोते होते।
बिन पर सबकुछ मन ही मन में,
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धनी पकड़ ले बिस्तरा, भाग्य-विधाता क्रूर ।ले वकील आये सगे, रखा चिकित्सक दूर।।
घटी गाँव में नीम तो, कड़ुवाये हर गेह।
घटी मधुरता जीभ की, बढ़ी देह-मधुमेह...
घटी गाँव में नीम तो, कड़ुवाये हर गेह।
घटी मधुरता जीभ की, बढ़ी देह-मधुमेह...
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