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शनिवार, जुलाई 16, 2016

"धरती पर हरियाली छाई" (चर्चा अंक-2405)

मित्रों 
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

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सुबह की राम राम 

सुबह की राम राम
शाम तक काम ही काम
कुछ उलझने
कुछ सुलझने
यही है शायद
जिंदगी तुम्हारा नाम... 
रूहानी सुहानी पर Aparna Khare 
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बालगीत  

"धरती पर हरियाली छाई" 

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

आसमान से बारिश आई।
धरती पर हरियाली छाई।।
 
कोयल गाती मधुर तराना,
मौसम कितना हुआ सुहाना,
विद्यालय खुल गये हमारे,
करनी होगी हमें पढ़ाई।
धरती पर हरियाली छाई... 
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नज़्म 

वो अक्सर कह देती थी 
अपनी बातों में कुछ अनकहा भी 
और मैं अनसुना करते हुए 
सब सुन भी लेता था 
मगर एक दिन मेरे हिस्से का शोर 
मुझे सौंप कर वो चुप हो गई 
तब से उसकी चींखों का भी 
मुझसे राब्ता हो गया है... 
Vandana Singh  
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हिंदी मेरी हिंदी 

कृपया ब्लॉग पोस्ट को आप यूनिकोड में लगाएँ, 
कृतिदेव फांट में नहीं ... 
आजकल टीवी पर एक पंक्ति चल रही है जो बात हिन्दी में है किसी मै नही और सुप्रसिद्ध अंग्रजी चैनल ने एक नया चैनल हिंदी में सच यही है जो आभीभाषण वही हिंदी सबसे अच्छी है अगर अच्छी है तो केवल कुछ प्रदेशों के लिये स्वयं सरकारी क्षेत्र में तो अंग्रेजी बोलना अधिक पसंद करता है अंगे्रजी बोलने में गर्व उनके चेहरे पर झलकता है कि वे पढे़ लिखे है पर पर क्या मानसिकता से विपन्न है कि जो विदेशी भाषा अपनाने में उन्हें गर्व महसूस हो रहा है पर अपने देश की किसी भी भाषा में बोलने में उनका प्रादेशिक प्रेम झलकता है क्योंकि वे अन्य प्रदेश के है। इसलिये हिन्दी भाषा में नही बोलेगें वह भारत की भाषा में बोलना नापंसद करते है उनका राज्य प्रेम कम हो जायेगा। राष्ट्रप्रेम की आवश्यकता नही है यदि कुर्सी मिल गई है तो देश तो उनकी मुठ्ठी में है ही हिंदी भाषी प्रदेष के मंत्री बनने वाले भी अ्रग्रेजी में बोलना पसंद करते है। यह उजडी मानसिकता का द्योतक अभी आम जनता गाॅवों में बसती है जो अंग्रजी नही समझपाती जब नेता अपनी बात अंग्रजी में करते है तो वे किसको संबोधित करते है क्या आम जनता को नही! स्रकार या नेता को आम जनता से कोई मतलब नही है यहाॅं सरकारी तंत्र केवल उच्च वर्ग लिये है सारी योजनाएं यही सोचकर बनाई जाती है कि किस प्रकार बड़े उद्योगो को बढ़ावा मिले और आम जनता पर कितना बोझ डाला जा सकंे डालों वह तो नमक रोटी लायक है नमक भी छीनों कुछ नही बिगड़ेगा पर बड़े घरानों की संपŸिा बढ़नी चाहिये क्योकि सरकार को राजस्व उससे प्राप्त होगा आम जनता से क्या उससे तो मिल ही जायेगा इसलिये भाषाण भी अंग्रजी में बोले जाते है आम जनता समझकर क्या करेगी वह तो अंग्रेजी में बोलते सुनकर ही अभिभूत हो जायेगी कि हमारे नेता कितने पढ़े लिखे हैं। कैसी पटपट अंग्रेजी बोलते है। आज भी गोरी चमड़ी देखकर निछावर होने वाले अपने मेहनत से धुधलाये शरीर की चमड़ी को देखकर हीन भाव से घिर जाते हैं। यही नही सोचते यदि उनको भी ऐसा उच्च विलायती शिक्षा , ब्यूटी पार्लर में जाने का अवसर मिले तो उनकी त्वचा भी गोरी नाजुक हो जायेगी। 
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कैराना पलायन 

उत्तरप्रदेष, जहां अगले वर्ष चुनाव होने वाले हैं, में भाजपा ने हाल में राज्य के षामली जिले के कैराना नामक कस्बे से बड़े पैमाने पर पलायन का मुद्दा उठाया। पार्टी के सांसद हुकुम सिंह के अनुसार, ‘‘कई हिंदू परिवारों को एक विषेष समुदाय की ‘धमकियों’ के चलते कैराना छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है’’। उन्होंने 346 ऐसे परिवारों की सूची भी जारी की जिन्हें मजबूर होकर कैराना से पलायन करना पड़ा। एक दिन बाद ही उन्होंने अपने वक्तव्य में आंषिक संषोधन करते हुए कहा कि जो 346 हिंदू परिवार कैराना से अपने घरों को छोड़कर पलायन कर गए हैं ‘‘वे एक विषेष समुदाय के आपराधिक तत्वों द्वारा दी जा रही धमकियों और जबरिया वसूली से परेषान थे’’। उन्होंने कहा, ‘‘मुद्दा सांप्रदायिक नहीं है...यह हिंदू और मुस्लिम की बात नहीं है। सूची पूरी तरह ठीक नहीं भी हो सकती है। यह कानून व्यवस्था का मुद्दा है।’’... 
Randhir Singh Suman 
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क्यों खामोश हैं ये रातें ... 

क्यों कुछ नहीं बोलती ये रातें  
क्यों नहीं करती हैं ये बातें... 
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है सच यह के तू दम भरता नहीं है 

कभी मुझसा कोई कहता नहीं है 
मगर कोई मेरी सुनता नहीं है 
हज़ारों हैं रहे उल्फ़त में लेकिन 
कोई तुमसा मुझे जँचता नहीं है... 
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ 
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वेतन आय़ोग और महंगाई 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है जिससे केंद्र सरकार के एक करोड़ कर्मचारियों और पेंशनरों को फ़ायदा होगा। आयोग ने वेतन, भत्तों और पेंशन में कुल 23.55 फीसद बढ़ोतरी की सिफारिश की थी। इन सिफारिशों के लागू होने से सरकार पर 1.02 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इन सिफारिशों के साथ ही अब ये सुनिश्चित हुआ है कि सरकारी सेक्टर में सबसे कम तनख्वाह 18 हज़ार रूपए होगी जबकि क्लास वन श्रेणी में न्यूनतम तनख्वाह 58 हज़ार के करीब होगी... 
गुस्ताख़ पर Manjit Thakur 
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चलता जा राही...... 

चलता जा राही साँसों के चलने तक, 
रुकना न कभी मंजिल के मिलने तक। 
चलता जा राही... 
अन्तर्गगन पर धीरेन्द्र अस्थाना 
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घटा-संग्राम 

घड़घड़ाती हैं घटायें मनु युद्ध होता है गगन में 
रवि-रश्मियों को भी सतायें जो देखती हैं युद्ध रण में... 
॥ दर्शन-प्राशन ॥ पर प्रतुल वशिष्ठ 
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बच्चों के भविष्य के साथ, 

ठीक नहीं खिलवाड़ 


कुम्हार के घड़े की मिट्टी की तरह होता है नन्हा बालक, जिसे माता-पिता व गुरूजन जैसा बनाना चाहें वैसा बना सकते हैं। परिवार शिशु की प्रथम पाठशाला है। माता-पिता के क्रिया-कलापों, उनके आचरण, उनके व्यवहार को बालक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ग्रहण करता है और यहीं से शुरू होता है उसके भविष्य का निर्माण... 
Ratan singh shekhawat 
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हे मेघदूत तुम आये 

हे मेघदूत तुम आये 
सन्देश प्रीत का लाये 
बरसा के नभ से सोना 
दारिद्रय तुम मिटाये... 
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फिल्मकार आनंद एल राय की 
एक फिल्म आ रही है हैप्पी भाग जाएगी. 
दर्शकों की रोचकता बढ़ाने के लिए इ
न दिनों सोशल मीडिया पर रोज 
नये-नये पोस्टर व फिल्म का टीजर रिलीज... 
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 स्वर्ण मुक्ता रतन की ठनक है बहुत , 
काँच की चूड़ियों की खनक और है . 
मोल उनका बज़ारों में खुल कर लगे , 
पाप इनके लिये दूसरा ठौर है... 
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