मित्रों!
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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मृत्यु के से बर्फ़ीले फैलाव पर
हृदय
चीखना चाहता है
फूट-फूट कर
रोना चाहता है
ऐसी सहूलियतें कहाँ
जीवन की कँटीली राह में
कि रुक कर
रो लिया जा सके
चीखना चाहता है
फूट-फूट कर
रोना चाहता है
ऐसी सहूलियतें कहाँ
जीवन की कँटीली राह में
कि रुक कर
रो लिया जा सके
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंआदरणीय मयंक झी,
सुन्दर प्रस्तुति विविधता समेटे हुए।
सभी रचनाएं एक से बढकर एक।
बधाई ...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
वाह ! अति सुंदर ! विविधतापूर्ण रचनाओं का बेहतरीन संकलन। चर्चामंच में चयनित सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं। सादर।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद शास्त्री जी, मेरे ब्लॉग को चर्चामंच पर लाने के लिए बहुत बहुत आभार
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