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सोमवार, नवंबर 13, 2017

"जन-मानस बदहाल" (चर्चा अंक 2787)

मित्रों!
सोमवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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जिंदगी का मान न कर 

बड़ी ख़ुशी के लिए छोटी ख़ुशी को कुर्बान न कर 
खुदा के हसीं लम्हो का तू यूं अपमान न कर... 
Hitesh Sharma  
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सारा आसमाँ हूँ! 

मैं बौद्ध, सिख, इसाई
हिन्दू और मुसलमाँ हूँ,
दिल में बस जाता हूँ,
वैसे सारा आसमाँ हूँ!
है मोहब्बत मेरी जागीर,
फ़िक़्रों में पनाह हूँ,
मुस्कुराहटें हो जहाँ,
यारा, मैं वहां हूँ... 
anjana dayal  
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8 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात,
    शीतल भोर का रसास्वादन कराती अद्भुद, सुंदर प्रस्तुति। मेरी दो रचनाओं को पटल पर सम्मान देने हेतु हार्दिक आभार। समस्त रचनाकारोः को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  2. उम्दा चर्चा। मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद शास्त्री जी।

    जवाब देंहटाएं
  3. क्रांतिस्वर की पोस्ट को स्थान देने हेतु आदरणीय शास्त्री जी का आभार।

    जवाब देंहटाएं
  4. खूबसूरत चर्चा प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  5. आप के स्नेह का आभार शास्त्री जी ....

    जवाब देंहटाएं

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