मित्रों!
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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श्रीमती इन्दिरा गांधी और
अमर वीरंगना लक्ष्मीबाई का 192वाँ जन्मदिवस
उच्चारण पर रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
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आधुनिक भारत के शिल्पी :
सरदार वल्लभ भाई पटेल
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माँ बाप।।
जो थे चिराग कभी घर के,
कैसे देहरी के बुझे दिये हो गये।
जिनके बिना सभी रचनाएं थी अधूरी,
कैसे जिंदगी के हाशीये हो गये...
kamlesh chander verma
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What is Gout , Treatments and drugs
गाउट ,संघिवात या गठिया में इलाज़ और दवा
(Hindi l, ll) ?
Virendra Kumar Sharma
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पानी है।।
यूं मेरी कहानी भी एक चुप सी कहानी है
कुछ लफ्ज हैं डूबे से कुछ नज्मों में पानी हैं...
Parul Kanani
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दोहे
"नारी बहुत अनूप"
(राधा तिवारी)
साड़ी में अच्छी लगे, भारत की हर नार।नारि-जाति के साथ में, करना शुभ व्यवहार।।
कोमलांगी कहते इसे, शक्ति का यह रुप।खुश रहती हर हाल में, नारी बहुत अनूप...
कोमलांगी कहते इसे, शक्ति का यह रुप।खुश रहती हर हाल में, नारी बहुत अनूप...
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आन बसों तुम मोरी नगरिया,
हे घट घट के वासी
कन्हैया मोरे छोड़ के मथुरा-काशी
कान्हा तुम हो प्यार का सागर,
फिर क्यूँ सुनी मोरी गागर,
कौन कसूर भयो रे मोसे,
जो मै रह गई प्यासी,
कन्हैया मोरे छोड़ के मथुरा-काशी...
मन से पर नीतू ठाकुर
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सुन्दर प्रस्तुति विविधताओं से भरी हुई।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंमान्यवर सादर प्रणाम मेरी रचना नारी बहुत अनूप को आज की चर्चा मंच में स्थान देने के लिए बहुत-बहुत आभार
जवाब देंहटाएंThank you sir!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद शास्त्री जी, मेरे ब्लॉग को अपने इस संकलन में स्थान देने के लिए आपका आभार
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सूत्रों से सुसज्जित आज का चर्चामंच ! दोनों महान विभूतियों का हार्दिक अभिनन्दन ! मेरी रचना को आज के मंच पर स्थान देने के लिए आपका हृदयसे धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी !
जवाब देंहटाएंसुन्दर संयोजन ..
जवाब देंहटाएंबहुत बधाई और आभार !
सादर