मित्रों!
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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खाली पाँव ज़िन्दगी
कहना कुछ होता है कह कुछ जाते हैं
होना कुछ होता है हो कुछ जाता है
खाली पाँव चलती हुई ज़िंदगी के तलुवों में
जितने भी काँटे चुभते हैं सब नियति के मारे हैं...
अनुशील पर अनुपमा पाठक
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मन में जले जो दीप अक़ीदत का दोस्तो
नभ अब्र से भरा हो निहाँ चाँदनी रहे
तब जुगनुओं से ही यहाँ शबगर्दगी रहे
मन में जले जो दीप अक़ीदत का दोस्तो
उनके घरों में फिर न कभी तीरगी रहे...
मधुर गुंजन पर ऋता शेखर 'मधु'
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जंग
ख़ुदा से आज मेरी जंग छिड़ गयी
लेखनी मैंने भी तब हाथों में पकड़ ली
मुक़द्दर ने फ़िर उड़ान की राह पकड़ ली...
RAAGDEVRAN पर
MANOJ KAYAL
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Vijay Kaushal Ji Maharaj |
Shree Ram Katha Ujjain Day 10 Part 1
एक संत का दर्शन करते हैं 'राम कथा' से पहले :संत रैदास परम गति के लिए गर्भ नहीं कर्म और स्वभाव महत्वपूर्ण होता है ,रैदास जी का जीवन इसे रूपायित करता है। चमड़े का काम करने वाले इस संत का जन्म काशी में हुआ था । सात जन्मों से ब्राह्मण परिवार में आ रहे थे ,शूद्र जाति में आ गये -परमगति प्राप्त हुई शूद्र जाति में आने के बाद ।
Virendra Kumar Sharma
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महिला दिवस
शक्ति का रूप है नारी
प्रेम की छाँव है नारी
ठंडी हवा का प्यार है नारी
सेवा का भाव है नारी...
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
आज के बेहतरीन संकलन में मेरी रचना को भी यथोचित स्थान और सम्मान देने हेतु आभार।
जवाब देंहटाएंशुभ हो ये प्रभात.....
बहुत ही सुन्दर चर्चा मंच.....
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचनाएँ
जवाब देंहटाएंआज के बेहतरीन संकलन में मेरी रचना को स्थान देने हेतु आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा प्रस्तुति।
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