मित्रों!
आप सबको नववर्ष 2018 मंगलमय हो।
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चर्चा मंच पर 2018 की
पहली चर्चा लगा रही हूँ।
सबसे पहले
अपने गुरू जी की पोस्ट
गीत
"साल पुराना बीत रहा है"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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नए वर्ष की बधाई
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नया साल नयी आशा
नया साल आ रहा है
नयी आशा ला रहा है
नए सपने मन को लुभा रहे है
लगता है कुछ नया होने वाला है
ठण्ड बढ़ती जा रही है
चारो तरफ नए साल की धूम है...
नयी आशा ला रहा है
नए सपने मन को लुभा रहे है
लगता है कुछ नया होने वाला है
ठण्ड बढ़ती जा रही है
चारो तरफ नए साल की धूम है...
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यथासमय सुबह होती है
बुरे सपने से उचटी रात की नींद गवाह है
अंधेरों की वह असमय
जागना रात से सुबह के फासले को
और बड़ा करता है उस शून्य में
घड़ी की टिक-टिक साफ़ सुनाई देती है...
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ग़ज़ल
अहबाब की नज़र जिंदगी में है विरल
मेरे निराले न्यारे’ दोस्त
हो गए नाराज़ देखो जो है’ मेरे प्यारे’ दोस्त ...
कालीपद "प्रसाद" -
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शुभ प्रभात सखी राधा
जवाब देंहटाएंनववर्ष की अशेष शुभकामनाएँ
आभार
सादर
बहुत सुन्दर और सार्थक चर्चा।
जवाब देंहटाएंसभी पाठकों को नव वर्ष 2018 की मंगल कामनाएँ।
आपका आभार आदरणीया राधेगोपाल जी।
सभी को नव वर्ष की शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंआभार!
नववर्ष मंगलमय हो सभी के लिये। शुभकामनाएं। सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा ,नववर्ष की मंगल कामना के साथ
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंनववर्ष सभी के लिए मंगलमय हो!
बहुत सुन्दर सूत्रों का संकलन आज की चर्चा में ! चर्चा मंच की समस्त टीम एवं सभी रचनाकारों, पाठकों एवं मित्रों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंसुविचारित संकलन के लिये आभार .
जवाब देंहटाएंनूतन वर्ष हेतु ,अनेकानेक मंगल कामनाएँ एवं अभिनन्दन स्वीकार करें !
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बेहतरीन लिंक्स ... नववर्ष की अनंत मंगलकामनाएं
जवाब देंहटाएंनववर्ष की मंगलकामनाएं सभी के लिये। सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएं