मित्रों!
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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गीत
"छोड़ा मधुर तराना"
वो अतीत-इतिहास बन गया,
जो भी हुआ पुराना।
नूतन के स्वागत-वन्दन में,
डूबा नया जमाना।।
भूल गये हैं हम उनको,
जो जग से हैं जाने वाले,
बूढ़े-बरगद की छाया को,
भूल गये मतवाले,
कर्कश गीतों को अपनाया,
छोड़ा मधुर तराना।
नूतन के स्वागत-वन्दन में,
डूबा नया जमाना...
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Resolutions For Better Parenting
In The New Year
(HINDI )
अपना रवैया बदलने की ज़रूरत है हमें अपनी संतानों के प्रति तभी हम अच्छे माँ बाप बन पायेंगे,अपनी संतानों को बेहतर ढंग से देख जान समझ बूझ पायेंगे।फिलवक्त तो माँ बाप और संतानें अलग अलग वेवलेंग्थ पर हैं। कनेक्टिविटी या तो नामालूम सी ही है ऊपर ऊपर से या बहुत खराब। आइये देखते हैं क्या कुछ सुधार किया जा सकता है इस दिशा में ...
Virendra Kumar Sharma -
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शुभकामना नववर्ष की..
बादलों से गिर धरा पर कड़कड़ाती बिजलियों को ।।
जल से बाहर फड़फड़ाती फड़फड़ाती मछलियों को ।।
फूल पर मंडराते भँवरों स्वस्थ-सुंदर तितलियों को ।।
यदि करें स्वीकार तो शुभकामना नव वर्ष की...
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शीर्षकहीन
नया बनाम पुराने का अंत
साल 2017 चला गया समाप्त हुआ
पूरी दुनिया में जश्न मना।
जश्न मना उसके बाद आने वाले नये साल का।
हालांकि नये साल के गर्भ में क्या है
कोई नहीं जानता।
बस एक आस होती है कि
कुछ सुखद कुछ सुकून दायक होगा
लेकिन हर जाने वाली चीजों के बाद
आने वाली चीजें ऐसी ही सुखद नहीं होती...
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छपा कौन ?
ओ हो हो छप चुके महाशय जी कैसे हैं आप कैसी हैं आपकी किताबें कुछ बिकीं भी या सब बाँटनी ही पड़ी उपहार-स्वरूप !! आपने कहा था ना हमारा लिखा कोई छापेगा नहीं बस यूं ही काटते - चिपकाते रहेंगे फेसबुक से ब्लॉग ब्लॉग से वाट्सऐप वाट्सऐप से फिर फेसबुक पर...
हालात आजकल पर प्रवेश कुमार सिंह
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ढूंढ रहा हूँ नए साल को
घड़ी के बारह बजाते ही
मैं ढूँढने निकल गया हूँ
नए साल को,
जो मिल ही नहीं रहा है...
सरोकार पर Arun Roy
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कोई तो कारण होगा,
धर्म स्थलों में प्रवेश के प्रतिबंध का !!
...हमारे देश में कुछ धर्म-स्थल ऐसे हैं, जहां प्रवेश के उनके अपने नियम हैं, जिन पर काफी सख्ती से अमल किया जाता है। इसको ले कर काफी बहस-बाजी भी होती रही है, विरोध दर्ज करवाया जाता रहा है, आंदोलन होते रहे हैं, हो-हल्ला मचा है ! और यह सब उन लोगों द्वारा ज्यादा किया जाता है जिन पर कोई पाबंदी लागू नहीं होती। कुछ लोग जरूर ऐसे हैं ...
कुछ अलग सा पर गगन शर्मा
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सरोज स्मृति / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" की पुत्री
सरोज की मृत्यु 18 वर्ष की उम्र में हो गयी। स
रोज स्मृति नामक इस रचना में कवि ने
अपनी पुत्री की स्मृतियों को संजोया है...
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
अनवर जलालपुरी को श्रद्धाँजलि। नमन।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति ..
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा चर्चा। मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद, शास्त्री जी!
जवाब देंहटाएंखूबसुरत चर्चा
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