शुभ प्रभात भाई दिलबाग जीआभारसादर
सुंदर रचनाओं के गुलदस्ते में मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार आपका आदरणीय।
वबाल(उर्दू) और बबाल (हिन्दी) दो अलग अलग शब्द हैं।बहुत सुन्दर प्रस्तुति दिलबाग जी। आभार 'उलूक' की 1300वीं बकवास को आज की चर्चा में स्थान देने के लिये।
बहुत बहुत आभार आपका विर्क जी |सुन्दर लिंक्स
बहुत ही सुन्दर लिंक्स |आपका हृदय से आभार मित्र
विविधरंगी रचनाओं के सूत्रों से सजी चर्चा..चर्चामंच के २८५२वें अंक में मुझे शामिल करने के लिए आभार !
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
सुन्दर सार्थक सूत्रों का संकलन आज के चर्चा मंच में ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार दिलबाग जी !
सुंदर रचनाएँ। मेरी रचना भी इनमें शामिल है, देख कर अच्छा लगा।
बहुत ही सुन्दर लिंक्स |
"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" परकेवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।
शुभ प्रभात भाई दिलबाग जी
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सुंदर रचनाओं के गुलदस्ते में मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार आपका आदरणीय।
जवाब देंहटाएंवबाल(उर्दू) और बबाल (हिन्दी) दो अलग अलग शब्द हैं।बहुत सुन्दर प्रस्तुति दिलबाग जी। आभार 'उलूक' की 1300वीं बकवास को आज की चर्चा में स्थान देने के लिये।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका विर्क जी |सुन्दर लिंक्स
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर लिंक्स |आपका हृदय से आभार मित्र
जवाब देंहटाएंविविधरंगी रचनाओं के सूत्रों से सजी चर्चा..चर्चामंच के २८५२वें अंक में मुझे शामिल करने के लिए आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर सार्थक सूत्रों का संकलन आज के चर्चा मंच में ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार दिलबाग जी !
जवाब देंहटाएंसुंदर रचनाएँ। मेरी रचना भी इनमें शामिल है, देख कर अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर लिंक्स |
जवाब देंहटाएं