अलाव में रहे आगहमेशा ही सुलगती हुईइतनी लकड़ियाँ अन्दर कहींअपने कहाँ जमा की जाती हैं
उलूक टाइम्स पर सुशील कुमार जोशी
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सारे भोंपू बेंच दे, यदि यह हिंदुस्तान-
मुल्क सुपर पावर बने, जनगणमन धनवान।
सारे भोंपू बेंच दे, यदि यह हिंदुस्तान...
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समय ...
तपती रेत के टीलों से उठती आग
समुन्दर का गहरा नीला पानी
सांप सी बलखाती
“शेख जायद रोड़”...
Digamber Naswa
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कलरव
कलरव सुबह सुबह रीमा की नींद सदा पंछियों की चहचहाहट के साथ खुला करती थी, लेकिन आज उसे उनका कलरव सुनाई नहीं दिया... |
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
विस्तृत चर्चा लिए चर्चा मंच ...
जवाब देंहटाएंआभार मेरी रचना को जगह देने के लिए ...
सुन्दर मंगलवारीय चर्चा अंक। आभार रविकर जी 'उलूक' के अलाव को जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
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