मित्रों!
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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गणों को तंत्र के
शुभकामनाएं आज के लिये
कल से फिर लग लेना है
सजाने अपनी अपनी दुकान को
उलूक टाइम्स पर
सुशील कुमार जोशी
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बलिहारी है भंसाली जी
*पद्मावती का बवाल इतना विकट होता जा रहा है कि यह कब और कैसे थमेगा समझ ही नहीं आ रहा है ! संजय लीला भंसाली जी की प्रवृत्ति तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत करने की है इसमें तो कोई शंका शुबहा है ही नहीं ! कलात्मक स्वतन्त्रता की आड़ लेकर वे मूल कथा की किस तरह गर्दन मरोड़ते हैं देवदास इसका ज्वलंत उदाहरण है...
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बन्दर को मिला च्यवनप्राश
श्रद्धेय नीरज से माफ़ी के साथ मानव होना पाप है गरीब होना अभिशाप बन्दर होना भाग्य है चिम्पेंजी होना सौभाग्य . एक टीवी के ऐड मैं चिम्पेंजी को च्यवनप्राश खाते दिखाया गया है .श्री राम दूरदर्शी थे उन्हें मालूम था एक बार फिर इन्सान बन्दर बनेगा बनेगा फिर चिम्पांजी वाही उसका लक्ष्य होगा कम से कम च्यवनप्राश तो खाने को मिलेगा मतलब इसे खाकर बन्दर बन जाओगे
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श्रवण मंगलम ,ज्ञान मंगलम ,
दृश्य मंगलम दीदार मंगलम
(IT IS HARD TO LISTEN
WHEN YOU CAN'T HEAR (HINDI II )
Virendra Kumar Sharma
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गणतंत्र फ़साना बना हे !
हिन्दवासियों ,
फ़िरदौस इस वतन में फ़रहत नहीं रही ,
पुरवाई मुहब्बत की यहाँ अब नहीं रही .
नारी का जिस्म रौंद रहे जानवर बनकर ,
हैवानियत में कोई कमी अब नहीं रही .
! कौशल ! पर Shalini Kaushik
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
पद्मावती व padamshri दोनों से सजी यह चर्चा बेहतरीन है, मेरे ब्लॉग को भी स्थान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति। अभार 'उलूक' के सूत्र गणों के तंत्र को स्थान देने के लिये।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सूत्रों से सुसज्जित आज की चर्चा ! मेरी प्रस्तुति 'बलिहारी है भंसाली जी'को स्थान देने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी !
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद शास्त्री जी ' क्रांतिस्वर' की पोस्ट को स्थान देने हेतु।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति ..
जवाब देंहटाएंबहुत आभार और शुभकामनाएं !
अग्रज सादर प्रणाम
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत संयोजन
साधुवाद आपको
सभी रचनाकारों को बधाई
मुझे सम्मलित करने का आभार
सादर