आज की चर्चा में
आपका हार्दिक स्वागत है
नेताजी की १२२ वीं जयंती
राम आ रहे याद
यूँही नीम-जान छोड़ गया
उदासियों का इतना ख़ूबसूरत घर
कहीं भी और नहीं
याद का दोना
बार डांसर की रोज़ी से सरकार को क्या ?
तकलीफ ज़िन्दगी है आराम मौत है
तुम
अपने घर जलाए लोगों ने करके नफ़रत
आपका हार्दिक स्वागत है
नेताजी की १२२ वीं जयंती
राम आ रहे याद
यूँही नीम-जान छोड़ गया
उदासियों का इतना ख़ूबसूरत घर
कहीं भी और नहीं
याद का दोना
बार डांसर की रोज़ी से सरकार को क्या ?
तकलीफ ज़िन्दगी है आराम मौत है
तुम
अपने घर जलाए लोगों ने करके नफ़रत
दिलबागसिंह विर्क
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शुभ प्रभात..
जवाब देंहटाएंआभार..
सादर..
सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आदरणीाय विर्क जी।
शुभ प्रभात आदरणीय
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा प्रस्तुति
सादर
Dhanywad aapka bar dancers Ko jodne ke liye aur udasiyon ka khoobsoorat ghar dikhane ke liye.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंचर्चा की तारीख 24 कर लें।
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