मित्रों!
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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अपने घर जलाए लोगों ने करके नफ़रत
ऐ दिल न डर बेमतलब, दिखा थोड़ी हिम्मत
इश्क़ किया जिसने, वही जाने इसकी लज़्ज़त।
वो सहमे-सहमे से हैं और हम बेचैन
देखो, कैसे होगा अब इजहारे-मुहब्बत...
Dilbag Virk
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ग़ज़ल....
सैयद गुलाम रब्बानी 'अयाज'
हार पर हार खाए जाता हूँ।
बेसबब फिर भी मुस्कुराता हूँ।
रोते रहते हैं आह भरते हैं,
हाल दिल का जिन्हें सुनाता हूँ...
बेसबब फिर भी मुस्कुराता हूँ।
रोते रहते हैं आह भरते हैं,
हाल दिल का जिन्हें सुनाता हूँ...
मेरी धरोहर पर
Digvijay Agrawal
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----- ॥ टिप्पणी १८ ॥ -----
बिलकुल सही..... यदि वास्तव में ये मूलत: भारत के हैं और यदि बांग्ला देश भारत का मित्र देश है तो इनके बसने के लिए उससे भूमि की भी मांग करनी चाहिए.....वैसे ६९ वर्ष हो गए संविधान लागू हुवे अबतक देशवासियों यह ज्ञात नहीं है कौन इस देश का मित्र देश है कौन शत्रु और कौन तटस्थ..... क्या करते रहते हैं इस देश के विदेश मंत्री क्या संसद मख्खियां मारने के लिए है.....?
NEET-NEET पर Neetu Singhal
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इंतज़ार समाप्त....
यह गणतंत्र दिवस मनाइये
शिवना क्रिएशंस की प्रस्तुति
"भारत कहानी"
के साथ.... आ रही है 24 जनवरी को...
जय भारत....
republicday hindustan patrioticsong
26january REPUBLICDAY
26thjanuary deshbhaktisong
पंकज सुबीर
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जो तुम चाहो ....
देनेवाला ऊपर बैठा निहारता वारता
बहुत कुछ देता ही रहता
तब भी बहुत कुछ कसकता
अनपाया सा रह जाता
आज सोचती हूँ माँग ही लूँ
शायद कहीं लिखनेवाले ने
लिखा हो जो तुम चाहो ...
झरोख़ा पर
निवेदिता श्रीवास्तव
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भवसागर में अकेली
मै एकाकी नौका पर सवार
खेलती लहरों के साथ उ
त्तंग लहरों का संग
बहुत आकृष्ट करता था
जब अवसर हाथ आया
रोक न पाई खुद को
अकेले ही चल दी
बिना किसी को साथ लिये ...
Akanksha पर
Asha Saxena
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सत्ता का अहंकार ,
दलितों का तिरस्कार :
मायावती को गाली ------
आरफा खानम शेरवानी
क्रांति स्वर पर
विजय राज बली माथुर
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प्रकृति का खेल
विकर्षण में होता है
अपनापन।बढ़ जाता हैजुटनाठेलने में एक दूसरे को।...
अपनापन।बढ़ जाता हैजुटनाठेलने में एक दूसरे को।...
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अम्मा का अवसाद
फूलों के हार के पीछे
सुनहरे फ्रेम के अंदर
सजी तस्वीर में
अम्मा के चहरे पर
एक करुण मुस्कान है ,
हॉल में जुटा सारा परिवार
एकत्रित भीड़ के सामने
बिलख-बिलख कर हलकान है...
Sudhinama पर
sadhana vaid
एक से बढ़कर एक रचनाओं की लड़ियां पीरो दी आपने। बधाई और आभार!
जवाब देंहटाएंसुप्रभात उम्दा संकलन लिंक्स का |मेरी रचना शामिल करने के लिये धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात आदरणीय
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा प्रस्तुति, बहुत ही अच्छी रचनाएँ, सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनायें
चर्चा में मुझे स्थान देने के लिए सह्रदय आभार आदरणीय आप का
सादर
बहुत ही सुन्दर सार्थक सूत्रों का संकलन आज का चर्चामंच ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !
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