मित्रों!
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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Ishq mein pagal ho jaunga.
यूँ ना देखो ऐसे, मैं घायल हो जाऊँगा,
तेरे इस हुस्न का, मैं कायल हो जाऊँगा,
मेरे गीतों की गुनगुन सुनाई नहीं देती तो,
तेरे इन पैरों का, मैं पायल हो जाऊँगा...
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEirO4zbVPq3zyDvlC_vQNLomBLCZ0S3IgMXTA_LDEyFu8XWGKerh8jZqJO9EikVBbZAjxA1BWhVwk-O-DA0ESi3DJaJzEBotSTIBCzH9qhRTvHxxe2fKroPIwB23sy6amYzQZ8sgBbGmkA/s320/photostudio_1548573759578.png)
Nitish Tiwary
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वक़्त ने कुछ अनकही मजबूरियों को रख दिया ...
मखमली से फूल नाज़ुक पत्तियों को रख दिया
शाम होते ही दरीचे पर दियों को रख दिया
लौट के आया तो टूटी चूड़ियों को रख दिया
वक़्त ने कुछ अनकही मजबूरियों को रख दिया...
Digamber Naswa
सभी को सुबह का प्रणाम।
जवाब देंहटाएंसुंदर परिचर्चाओं का मंच।
सियासत आम चुनाव की गरमाने लगी है,तुरुप का तलाशा जा रहा है,जीवन में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है, जिनके पास ट्रम्प कार्ड है, वह छलांग भर रहा है।
सुन्दर चर्चा ....
जवाब देंहटाएंआभार मेरी ग़ज़ल को जगह देने के लिए ...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंव्वाह...
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
आभार।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति...मेरी रचना को.स्थान देने के लिए आभार आपका आदरणीय।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति 👌
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनायें
सादर