मित्रों!
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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एक व्यंग्य :
आँख दिखाना
आज उन्होने फिर आँख दिखाई और आँख के डा0 ने अपनी व्यथा सुनाई--" पाठक जी !यहाँ जो मरीज़ आता है ’आँख दिखाता है " - फीस माँगने पर ’आँख दिखाता है ’। क्या मुसीबत है ---। --" यह समस्या मात्र आप की नहीं ,राजनीति में भी है...
आपका ब्लॉग पर
आनन्द पाठक
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जार्ज बर्नार्ड शॉ ने सिखाया है -
किताबें भेंट क्यों नहीं करनी चाहिए
रिष्ठ साहित्यकार सूरज प्रकाश जी की पुस्तक *'लेखकों की दुनिया'* पढ़ रही थी। कई लेखकों के बारे में बेहद गहन अध्ययन के बाद संकलित यह कमाल की पुस्तक है। पुस्तक देश -विदेश के साहित्यकारों में रूचि रखने वाले जरूर, जरूर पढ़ें। वादा है आनंद में रहेंगे...
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जनम- दिन
मां धरित्री!
पूरी होने पर हर परिक्रमा सूरज की तुम्हारी।
मैं मना लेता अगला जनम दिन।
अपने अपने जतन दोनों मगन...
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मानवता खतरे में पाकर,
चिंतित रहते मानव गीत....
सतीश सक्सेना
हम तो केवल हँसना चाहें
सबको ही, अपनाना चाहें
मुट्ठी भर जीवन पाए हैं
हँसकर इसे बिताना चाहें...
मेरी धरोहर पर
yashoda Agrawal
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मैं भूख का गीत हूँ
जिनकी थाली नहीं है रोटी
उन भूखों का गीत हूँ
जिनके बोल सुने न कोई
उनके स्वर का संगीत हूँ
मैं भूख का गीत हूँ .
उन भूखों का गीत हूँ
जिनके बोल सुने न कोई
उनके स्वर का संगीत हूँ
मैं भूख का गीत हूँ .
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सुन्दर शुक्रवारीय अंक।
जवाब देंहटाएं...बेहद सुंदर विशेषांक सुंदर रचनाओं का संकलन
जवाब देंहटाएं