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Monday, January 14, 2019

"उड़ती हुई पतंग" (चर्चा अंक-3216)

मित्रों! 
सोमवार की चर्चा में आपका स्वागत है।  
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।  
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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चिट्ठाकारी और दस साल 

पता है
कुछ नहीं होना है
इस लिखने लिखाने से

और यूँ ही
दस साल से
लिखा लिखाया
खुद ही झण्ड हो गया... 
सुशील कुमार जोशी 
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लौट आना 

Anita Saini  
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जानिए…  

क्‍या है अघोर संप्रदाय,  

और कैसे होते हैं अघोरी साधु 

Alaknanda Singh 
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उम्र फ़साना 

उम्र तो सिर्फ़ और सिर्फ़ एक फ़साना हैं  
चेहरे की झुर्रियाँ ही सिर्फ़ वक़्त का अफ़साना हैं... 
RAAGDEVRAN पर 
MANOJ KAYAL 
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स्वर उनके ही 

पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा 
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जाड़े की एक सुबह 

कुहासे की चिलमन से झाँकते सूर्य ने 
भेज दीं कुछ किरणें भूमि पर  
वे लगीं बड़ी भली  
सर्द शरीरों में पड़ गई जान  
खुल गए अंग... 
Jayanti Prasad Sharma -
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5 comments:

  1. शुभ प्रभात आदरणीय
    बहुत ही अच्छी चर्चा प्रस्तुति, सुन्दर रचनाओं के साथ
    चर्चा परिवार और सभी रचनाकारों को मकर सक्रांति की हार्दिक शुभकामनायें
    आदरणीय मेरी रचना को स्थान देने के लिए तहे दिल से आभार
    सादर

    ReplyDelete
  2. उतरायणी की शुभकामनाएं। आभार आदरणीय 'उलूक' के पन्ने पर नजरे इनायत के लिये।

    ReplyDelete
  3. हार्दिक शुभकामनाएं आपको आदरणीय जी

    ReplyDelete
  4. बहुत सुंदर प्रस्तुति। आभार और बधाई!!!

    ReplyDelete
  5. बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
    आपको भी परिवार सहित मकर संक्रान्ति की हार्दिक शुभकामनाएं।
    मेरी रचना शामिल करने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद आपका ।

    ReplyDelete

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