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शनिवार, जून 15, 2019

"पितृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ" (चर्चा अंक- 3367)

स्नेहिल  अभिवादन  
शनिवारीय चर्चा में आप का हार्दिक स्वागत है| 
देखिये मेरी पसन्द की कुछ रचनाओं के लिंक | 
 - अनीता सैनी 
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दोहे  

"पूज्य पिता जी आपका, वन्दन शत-शत बार"  

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

जीवन है संग्राम 

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गंभीर नजर आने वाली बेहतरीन अदाकारा एक्ट्रेस स्मिता :)
स्मिता पाटिल एक ऐसा चेहरा जिसके सामने आते ही कई किस्‍से बयां हो जायें......उनका लफ्जों से बयां न कर आंखों से अपनी बात कह जाना वाकई काबिलेतारीफ था. ऐसी दमदार अदाकारी कि लोग देखे तो देखते ही रह जाये. स्मिता पाटिल अपने संवेदनशील किरदारों के लिए खूब चर्चित हुईं. हालांकि मात्र 31 साल की उम्र में वे इस दुनियां को अलविदा कह गईं. स्मिता पाटिल का फिल्‍मी करियर भले ही --
संजय भास्‍कर at शब्दों की मुस्कुराहट :) 
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लू  
गरम हवाएं जला रही है चमड़ी एक ओर दूसरी ओर साहब लोगों ने कम कर दिया है वातानुकूलन यंत्र का तापमान और गिना रहे हैं कि किन किन कारणों से चल रही है गरम हवाएं विश्लेषण कर रहे हैं कि क्यों बढ़ा हुआ है तापमान क्यों कम हो रही बारिश क्यों गिर रहा है भूजल का स्तर ? 
अरुण चन्द्र रॉय at सरोकार  
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पिताजी के हर तीन साल में तबादले की वजह से हम बच्चों को नए परिवेश में खुद को ढालने की चुनौती होती थी. हर बार नए दोस्त और नए दुश्मन बनाने पड़ते थे. 1965 में जब पिताजी का रायबरेली से बाराबंकी तबादला हुआ तो मेरा एडमिशन बाराबंकी के गवर्नमेंट इन्टर कॉलेज के क्लास टेंथ में करा दिया गया. मेरा कॉलेज हमारे घर से क़रीब ढाई किलोमीटर था और वहां तक मुझे पैदल ही जाना होता था क्योंकि मुझे तब तक साइकिल चलाना आता ही नहीं था. बाराबंकी के हमारे कॉलेज में मुहल्ला कल्चर बहुत थी.
गोपेश मोहन जैसवाल at तिरछी नज़र 
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जैसे कर्म करेगा मानव 

*हमारे* आस-पास जो भी परिस्थितियाँ प्रकृति के द्वारा रचित हैं, वे उन्हीं कारणों के परिणाम स्वरूप हमें मिली हैं, जिनके बीज हमने कभी डाले थे. जैसे कोई छात्र यदि पढ़ाई नहीं करता और फेल हो जाता है तो यह उसके ही कर्म का फल है. अब उसे दुखी होने या शिकायत करने का क्या अधिकार है. इस वक्त यदि वह दुखी होकर अपना स्वास्थ्य खराब करेगा या जीवन ही समाप्त कर लेगा… 
डायरी के पन्नों से 
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छत्तीसगढ में खेल  और खेलों में संस्कृत
क्रिकेट = कंदुक क्रीड़ा।रन       = भावनांक।  
चौका   = सिद्ध चतुष्कम।बढ़िया शॉट = पुष्ठु प्रहार। 
बाउंड्री = कंदुक परिधि लंघनम। कैच     =  ग्रहणम। आउट = निर्गत।  
कुछ अलग सा पर गगन शर्मा, 
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जीवन है संग्राम
बन्धु रे जीवन है संग्राम,  निज अस्तित्व बचाने को,  लड़ना पड़ता है आठौ याम।  
कभी समाज से कभी सिद्धांत से,  कभी अपने मन की उद्भ्रान्ति से।  
बीत जाता है जीवन लड़ते लड़ते,  मिलता नहीं मुकाम… 
मन के वातायन पर जयन्ती प्रसाद शर्मा 
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12 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर लिंकों के साथ उपयोगी चर्चा।
    आपका आभार अनीता सैनी जी।

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  2. सार्थक सूत्रों से सजा बहुत बढ़िया संकलन है अनु..मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभारी हूँ..सस्नेह शुक्रिया।

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभात..पठनीय रचनाओं से सज्जित चर्चा मंच ! आभार !

    जवाब देंहटाएं
  4. आभार अनीता जी आज की सुन्दर चर्चा में 'उलूक' के पन्ने को भी जगह देने के लिये।

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  5. उम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, अनिता दी।

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  6. बेहतरीन प्रस्तुति अनीता जी ,मेरी रचना को स्थान देने केलिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  7. सुन्दर सार्थक सूत्रों से सजा आज का चर्चामंच ! मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार अनीता जी ! सप्रेम वन्दे !

    जवाब देंहटाएं
  8. बेहतरीन लिंक्स एवम प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत सुंदर प्रस्तुति सार्थक चर्चा अंक सभी लिंक आकर्षक मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार ।सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं

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