सार्थक, सुन्दर,संक्षिप्त चर्चा ! सभी सूत्र पठनीय ! मेरी रचना को आज की चर्चा में स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार दिलबाग़ जी ! सादर वन्दे !
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सुन्दर और पठनीय चर्चा।
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय दिलबाग विर्क जी।
सुप्रभात ! सार्थक चर्चा, आभार !
जवाब देंहटाएंसलामत पाँव हैं जिनके ----में कुछ typo mistake रह गया है पाठकगण कृपया सुधार कर पढ़ें
जवाब देंहटाएंशेर २-
जो भीतर झाँक कर देखा बहुत नीचे गिरे हैं
शेर--
कहीं नफरत कहीं दंगे कहीं अंधड़ हवादिस
हवादिस = हादिसे -हादिसा का बहु वचन
सार्थक, सुन्दर,संक्षिप्त चर्चा ! सभी सूत्र पठनीय ! मेरी रचना को आज की चर्चा में स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार दिलबाग़ जी ! सादर वन्दे !
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा
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