मित्रों!
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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डॉ. वर्षा सिंह की ग़ज़ल
@ अम्बालिका पत्रिका
वो शख़्स मुझे छोड़ मेरे हाल पर गया ।
उसको न कभी मुझसे कोई वास्ता रहा।
दरिया-ए-इश्क़ में मैं डूबी न बच सकी,
मझधार में न उसका सहारा मुझे मिला...
उसको न कभी मुझसे कोई वास्ता रहा।
दरिया-ए-इश्क़ में मैं डूबी न बच सकी,
मझधार में न उसका सहारा मुझे मिला...
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बोझ
Sudhinama पर
Sadhana Vaid
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जंगलों में लगी आग
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लघुकथा :
घर का पता
झरोख़ा पर
निवेदिता श्रीवास्तव
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"मैं की बीमारी"
अरुण कुमार निगम
मैं मैं मैं की बीमारी है
खुद का विपणन लाचारी है।
मीठी झील बताता जिसको
देखा चख कर वह खारी है...
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बहुत सुंदर और सराहनीय रचनाएँ है आज के अंक में सादर आभार सर मेरी रचना को स्थान देने के लिए।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा। मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति शानदार लिंकों का चयन सभी रचनाकारों को बधाई।
जवाब देंहटाएंईद की बधाइयाँ। विश्व पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएँ। सुंदर लिंक्स। मेरे ब्लॉग को स्थान देने के लिए आभार।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति। ईद मुबारक!!
जवाब देंहटाएंईद की हार्दिक बधाइयाँ सभी साथियों को !सुन्दर सूत्रों का संयोजन आज की चर्चा में ! मेरी प्रस्तुति को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी!सादर वन्दे!
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट शामिल करने के लिए हार्दिक आभार 🙏
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