मित्रों!
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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खटीमा में आयोजित
पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम की रपट
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक की दो पुस्तकों
“प्रीत का व्याकरण” तथा “टूटते अनुबन्ध” का विमोचन
खटीमा (उत्तराखण्ड) साहित्य शारदा मंच, खटीमा की ओर से आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय साहित्यकार समागम तथा सम्मान समारोह में सर्वप्रथम अभ्यागतों द्वारा माँ वीणापाणि के चित्र पर दीप प्रज्वलन किया गया।
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अपने आप
अपने आप सुबह आँख खुलते ही
झलक जाता है संसार
भीतर कानों में गूँजती है
कोयल की कूक
हवा का स्पर्श सहला जाता है
गाल को आहिस्ता से ...
Anita
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ऐ मेंरे मन !
ऐ मेंरे मन !
तू थक नहीं सकता
तू रुक नहीं सकता
हाथ में छन्नी है तो क्या
धार यूँ बहती है तो क्या
एक दिन पावस जगेगी
यूँ बर्फ की चट्टान जमेगी
झरोख़ा पर
निवेदिता श्रीवास्तव
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बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति 👌
जवाब देंहटाएंशानदार रचनाएँ ,सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं ढेरों शुभकामनायें
सादर
बहुत सुन्दर मंगलवारीय चर्चा अंक।
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार प्रस्तुति शानदार चर्चा अंक।
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा। मेरी रचना को 'चर्चा मंच' में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, आदरणीय शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति शानदार रचनाएं सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया सूत्रों का समायोजन आज की चर्चा में ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति मजा आया
जवाब देंहटाएंदेर से आने के लिए खेद है, श्रम से सजाई चर्चा..मुझे भी स्थान देने के लिए आभार !
जवाब देंहटाएंYou Are very Good writer make understand better for everyone. In my case, I’m very much satisfied with your article and which you share your knowledge. Throughout the Article, I understand the whole thing. Thank you for sharing your Knowledge.
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