मित्रों!
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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वही व्यक्त होता मानव से
हमारे जीवन का हर पल कितना कीमती है, इसका अनुभव हमें नहीं हो पाता. जीवन किसी भी क्षण जा सकता है, खो सकता है, जब तक जीवन है तभी तक हम सत्य को उपलब्ध कर सकते हैं. हम अपने जीवन से संतुष्ट हैं या नहीं इसका उत्तर ही हमें यह बता देगा कि हम सत्य की राह पर हैं या नहीं...
Anita
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मैं भाग रही हूँ तुमसे दूर
मैं भाग रही हूँ तुमसे दूर
अब तुम मुझे पकड़ो
रोक सको तो रोक लो
क्योंकि
छोड़कर जाने पर
अब तुम मुझे पकड़ो
रोक सको तो रोक लो
क्योंकि
छोड़कर जाने पर
सिर्फ तुम्हारा ही तो कॉपीराइट नहीं...
एक प्रयास पर
vandan gupta
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पैसों में गर्मी बहुत, रही जमाती धाक
नानी के घर ही नहीं, छुट्टी किया व्यतीत।
दादी के घर भी गया, तोड़ पुरातन रीत।।
प्यार एकतरफा जहाँ, पुष्पित होती चाह।
दोतरफे का हश्र तो, रविकर केवल व्याह....
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मुजफ्फरपुर से
आसमान में गूंजती
मुजफ्फरपुर के बच्च्चों की
दर्दनाक चीखें
रोते हुए घर से निकली
सकरी गली से गुजरती
शासकीय अस्पताल में आकर
एक दूसरे से मिली...
मुजफ्फरपुर के बच्च्चों की
दर्दनाक चीखें
रोते हुए घर से निकली
सकरी गली से गुजरती
शासकीय अस्पताल में आकर
एक दूसरे से मिली...
Jyoti khare
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सुप्रभात सर 🙏)
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर चर्चा मंच की प्रस्तुति 👌|बेहतरीन रचनाएं सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनायें |
मेरी कहानी नुमा एकांकी को स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय |
प्रणाम
सुन्दर शुक्रवारीय चर्चा। आभार आदरणीय 'उलूक' की लकीर को जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा। चर्चा में स्थान देने के लिए सादर धन्यवाद सर।
जवाब देंहटाएंयोग दिवस पर शुभकामनायें ..सुंदर चर्चा..
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति योग दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संयोजन
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई
मुझे सम्मिलित करने का आभार
सादर