स्नेहिल अभिवादन
रविवार की चर्चा में आप का हार्दिक स्वागत है|
देखिये मेरी पसन्द की कुछ रचनाओं के लिंक |
- अनीता सैनी
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दोहे
"श्रद्धा और श्राद्ध"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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दोहे
"श्रद्धा और श्राद्ध"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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प्रणाम ,
जवाब देंहटाएंआज और कल की प्रस्तुति में अनेक लेखकों के विचार पढ़न को मिले।
वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी डा० विश्राम जी ने कल मुझे यह एक प्यारी सी रचना भेजी है-
मैं हिन्दी हूँ ।।
मैं सूरदास की दृष्टि बनी
तुलसी हित चिन्मय सृष्टि बनी
मैं मीरा के पद की मिठास
रसखान के नैनों की उजास
मैं हिन्दी हूँ ।।
मैं सूर्यकान्त की अनामिका
मैं पन्त की गुंजन पल्लव हूँ
मैं हूँ प्रसाद की कामायनी
मैं ही कबीरा की हूँ बानी
मैं हिन्दी हूँ ।।
खुसरो की इश्क मज़ाजी हूँ
मैं घनानंद की हूँ सुजान
मैं ही रसखान के रस की खान
मैं ही भारतेन्दु का रूप महान
मैं हिन्दी हूँ ।।
हरिवंश की हूँ मैं मधुशाला
ब्रज, अवधी, मगही की हाला
अज्ञेय मेरे है भग्नदूत
नागार्जुन की हूँ युगधारा
मैं हिन्दी हूँ ।।
मैं देव की मधुरिम रस विलास
मैं महादेवी की विरह प्यास
मैं ही सुभद्रा का ओज गीत
भारत के कण-कण में है वास
मैं हिन्दी हूँ ।।
मैं विश्व पटल पर मान्य बनी
मैं जगद् गुरु अभिज्ञान बनी
मैं भारत माँ की प्राणवायु
मैं आर्यावर्त अभिधान बनी
मैं हिन्दी हूँ।।
मैं आन बान और शान बनूँ
मैं राष्ट्र का गौरव मान बनूँ
यह दो तुम मुझको वचन आज
मैं तुम सबकी पहचान बनूँ
मैं हिन्दी हूँ।।
हिन्दी दिवस की
हार्दिक शुभकामनाएं...
📝📝📝
वाह ! सोने पर सुहागा !
हटाएंसाझा करने के लिए धन्यवाद.
लेखक तक बधाई और शुभकामनायें प्रेषित कर दीजियेगा साभार.
सुन्दर और सार्थक चर्चा।
जवाब देंहटाएंआपका आभार अनीता सैनी जी।
बहुत सुन्दर लिंक्स का संयोजन । मेरी रचना को चर्चा में सम्मिलित करने के लिए हार्दिक आभार ।
जवाब देंहटाएंआभार अनीता जी। बहुत सुन्दर अंक।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति अनीता जी। मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार सखी।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंशीर्षक वाली रचना पढ़ कर ही मज़ा आ गया !
जवाब देंहटाएंसस्नेह आभार, अनीता जी.सभी रचनाकारों को बधाई !
पढना अभी जारी है.चर्चा भी.
वाह ! सुन्दर सूत्रों से सजा बेहतरीन संकलन ! मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार अनीता जी ! सप्रेम वन्दे!
जवाब देंहटाएंवाह!!बहुत खूबसूरत प्रस्तुति सखी !मेरी रचना को स्थान देने हेतु हृदयतल से आभार ।
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