मित्रों!
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
--
--
--
चलो बस
यूँ ही चाँद पर
रोटी तोड़ने के लिये
हो के आते हैं
कौन
सोया
हुआ है
कौन
जागा
हुआ है
अब तो
ये भी
पता
नहीं चलता...
उलूक टाइम्स पर
सुशील कुमार जोशी
--
--
--
व्यवसाय से सी ए रुचि से कवि और ब्लागर
दिगम्बर नासवा की
कुछ गजलें प्रस्तुत कर रहा हूँ ।
सुधेश...
--
कवि परिचय : यह कविता कुलदीप के द्वारा लिखी गई है जो की छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं | कुलदीप को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है और अभी तक कुलिप ने बहुत सी कवितायेँ लिख चुके हैं जो की बाहत ही अच्छी हैं | कुलदीप एक नेवी अफसर बनना चाहते हैं | कुलदीप पढ़लिखकर अपने घर वालों की मदद करना चाहता है |
--
--
रामधारी सिंह ‘दिनकर’ के
जन्मदिवस पर ....
ऋण-शोधन के लिए दूध-घी बेच-बेच धन जोड़ेंगे,
बूंद-बूंद बेचेंगे, अपने लिए नहीं कुछ छोड़ेंगे।
शिशु मचलेंगे, दूध देख, जननी उनको बहलाएगी,
मैं फाड़ूंगा हृदय, लाज से आंख नहीं रो पायेगी।
इतने पर भी धनपतियों की उनपर होगी मार,
तब मैं बरसूंगी बन बेबस के आंसू सुकुमार...
--
--
भवचक्र से पार हुआ जो
यह दुनिया मानो एक रंगशाला है, जिसमें अलग-अलग देश अपनी भूमिकाएं निभा रहे हैं, छोटे देश, बड़े देश, बीच के देश. कुछ युद्ध के लिए लालायित देश, कुछ शांति प्रिय देश....सभी की अपनी-अपनी भूमिका है जिसे वह निभा रहे हैं...
--
--
Digital Marketing
One Of The Top Career
बचपन से हम 10, 12, 15 या 20 साल अपने पढ़ाई (Schooling, Education) के क्षेत्र में निकाल देते है। अब सोचने वाली बात ये है कि इसके बाद भी कितने प्रतिशत लोग साधारण रुप से लगातार कक्षाएँ उत्तीर्ण करने के बावजूद भी अपने पैरों पर बिना किसी की सहायता के खड़े हो पाते हैं। यदि देखा जाय तो मुश्किल से 10% लोग । किसी भी फील्ड में जाने के लिए शिक्षा के प्रमाण पत्रों के साथ-साथ पुनः आपकी दक्षता का भी निरीक्षण होता है और उसके बाद ही कोई भी ऑर्गनाइजेशन आपकी कीमत लगाती है। यह प्रतिस्पर्धा दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है...
राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'
--
--
--
--
बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति 👌 )
ReplyDeleteमुझे स्थान देने के लिये बहुत बहुत शुक्रिया सर
सभी रचनाकरो को हार्दिक बधाई
सादर
वाह!
ReplyDeleteचर्चा मंच सजा है आज सुन्दर सरस रचनाओं का समागम
सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ.
सुन्दर प्रस्तुति। आभार आदरणीय।
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर सार्थक सूत्रों से सुसज्जित आज का चर्चामंच ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !
ReplyDeletebahut he badiya jankari https://www.onlineknowledgeinhindi.com.com
ReplyDelete'मेरी धरोहर' से संजय भास्कर जी द्वारा साझा की गई मेरी रचना कैसे कैसे रंग बदलता आदमी .. को इस अनमोल संकलन में सम्मिलित करने के लिए सादर आभार ।
ReplyDeleteउम्दा चर्चा अंक उम्दा लिंक संयोजन ।
ReplyDeleteसभी रचनाकारों को बधाई।