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रविवार, अप्रैल 05, 2020

शब्द-सृजन-15 "देश प्रेम" ( चर्चा अंक-3662 )

रविवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है.
शब्द-सृजन-१५ का विषय था-
'देशभक्ति'
देशभक्ति एक जज़्बा है जो देश के नागरिकों के दिलों में बसता है। सरहद पर जाँबाज़ सैनिक डटे होते हैं दिनरात दुश्मन की चाल विफल करने। किसी भी देश की सीमाएँ देशभक्त सैनिकों के दम पर सुरक्षित होती हैं। स्वजनों से दूर रहकर वे देशसेवा का शानदार उदाहरण पेश करते हैं। 
देशभक्ति हरेक नागरिक का नैतिक दायित्त्व है जो हमें एकता और अखंडता के सूत्र में पिरोती है।
-अनीता सैनी 

देशभक्ति विषय पर सृजित रचनाओं पर नज़र डालते हैं-
**
 दोहे 



कुछ बंदूकें
सलामी
मंत्री
मुख्य मंत्री
प्रधान मंत्री
संत्री के चित्रो से
भरे अखबार
के समाचार 

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 ध्वज तिरंगा हाथ लेकर,
 इक हवा फिर से चलेगी।
 देश हित निर्णय करेगी,
 फिर न टाले से टलेगी। 
**
**
घृणा बसी है घर-आँगन में, 
प्रेम बहिष्कृत हुआ चमन में,
गली में घूमे द्वेष लुटेरा, 
देश नहीं पहले-सा मेरा।
**

जाने कितने वर्ष बीत गए
फिर भी रहता है इन्तजार
हर वर्ष पन्द्रह अगस्त के आने का
स्वतंत्रता दिवस मनाने का |
इस तिरंगे के नीचे
हर वर्ष नया प्रण लेते हैं
है मात्र यह औपचारिकता
जिसे निभाना होता है |
**
" पापा देशभक्ति क्या होती हैं ?"
  बेटा -देशभक्ति मतलब  " 
 देश से प्यार करना "
 ....जैसे , आप जिस घर में रहते हो उससे प्यार करते हो न.... 
तो हम जिस देश में रहते हैं हमें उससे भी प्यार करना चाहिए।
**
कभी भूख मिटाने अपनों की
हम आये थे शहर
पर आज कुदरत ने ढाया
है ये कैसा कहर
अब लगता है भूखे ही मरे होते
अपने घर-गाँवों में
यूँ मीलों पैदल न चलते
छाले पड़े पाँवों में......
आज अपने घर-गाँव वाले ही
हमें इनकार करते हैं
**
कहा तो यह भी जा रहा है कि देश पर आये संकट में
 सेठ की इस राष्ट्रभक्ति को देख कलेक्टर साहब बहुत प्रभावित हैं। 
सो, लॉकडाउन समाप्त होने के पश्चात सेठ के
 नागरिक अभिनंदन में उनकी भी उपस्थिति रहेगी ।
**
देखकर बडा अफसोस होता है कि समुदाय विशेष एक 
तरफ तो देश के कानूनों की जानबूझकर अनदेखी करता है, 
उसे नही मानता है और वहीं दूसरी तरफ सरकार फ्री राशन या
 खाते मे पैंसे डालने की घोषणा कर दे तो 
तमाम कस्बा ही अगली सुबह बैंक पर धावा बोल देता है।
**
आज सफ़र यहीं  तक 
फिर मिलेंगे आगामी अंक में 
-अनीता सैनी 

11 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर भूमिका एवं प्रस्तुति।
    आज के विशेष अंक में मेरे सृजन बुधवा की हिमाक़त को शामिल करने के लिए आपका अत्यंत आभार अनीता बहन। सभी को प्रणाम।

    जो बहाने बनाने की जगह सर्वस्व बलिदान, यहाँ तक की अपने पवित्र रक्त से माँ भारती के पाँव पखारने के लिए भी तत्पर रहता है, वहींं सच्चा देशभक्त है।

    जवाब देंहटाएं
  2. आभार अनीता जी। बेहतरीन चर्चा संग्रह।

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर भूमिका के साथ लाजवाब चर्चा प्रस्तुति।
    सभी लिंक बहुत ही उम्दा एवं उत्कृष्ट।
    मेरी रचना को स्थान देने हेतु बहुत बहुत धन्यवाद आपका।

    जवाब देंहटाएं
  4. उम्दा लिंक्स आज के अंक की |मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद अनीता जी |

    जवाब देंहटाएं
  5. शब्द-सृजन-१५
    'देशभक्ति' पर आधारित सार्थक लिंक।
    आपका आभार अनीता सैनी जी।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुन्दर।
    हम सभी देशवासी मिल कर प्रधानमन्त्री की आवाज पर
    अपने घर के द्वार पर 9 मिनट तक एक दीप प्रज्वलित जरूर करें।

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहतरीन सूत्रों से सजी देशभक्ति पर आधारित बहुत सुन्दर शब्द सृजन प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  8. शब्द -सृजन का बेहतरीन अंक ,देरी से आने की माफ़ी चाहती हूँ ,मेरी रचना को स्थान देने के लिए हृदयतल से धन्यवाद अनीता जी ,सादर नमन

    जवाब देंहटाएं

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